आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 22 सितंबर को रात 01 बजकर 23 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 23 सितंबर को रात 02 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में नवरात्र की शुरुआत 22 सितंबर, 2025 दिन सोमवार से है नवरात्र की शुरुआत सोमवार से हो रही है।गुरुदेव भुवनेश्वर जी पर्णकुटी वालो के अनुसार घटस्थापना का चौघड़िया शुभ मुहूर्त प्रात: 06:09 से प्रात: 08:06 बजे तक रहेगा। दूसरा मुहूर्त प्रात: 9;11 से 10:42 तक चौघड़िया मुहूर्त रहेगा इसके अलावा अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। जो कि घट स्थापना के लिए सर्व श्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा वैकल्पिक मुहूर्त में दोपहर 1:44से 06:17बजे तक रहेगा धर्म शास्त्रों के अनुसार रात्रि में घट स्थापना नहीं की जाती है घटस्थापना का नियम धर्मशास्त्रों में गुरुदेव भुवनेश्वर जी के अनुसार इस प्रकार है
इदं कलशस्थापनं रात्रौ न कार्यम् ।
न रात्रौ स्थापनं कार्य न च कुम्भाभिषेचनम् ।
"शशि सूर्य गजारूढ़ा शनिभौमै तुरंगमे।
गुरौ शुक्रेचा दोलायं बुधे नौकाप्रकीर्तिता।"
गजे च जलदा देवी , छत्रभङ्ग तुरंगमे ।
नौकायां सर्व सिद्धिस्यात् दोलायां मरणं धुव्रम् ।।
मां दुर्गा का हाथी से आना एक शुभ संकेत माना जा रहा है। यह शांति, समृद्धि और ऐश्वर्य का प्रतीक है। कहा जा रहा है कि यह अच्छी बारिश, भरपूर फसल और किसानों की समृद्धि का संकेत दे रहा है। नवरात्र के दौरान मां दुर्गा का वाहन उनके आगमन के दिन पर निर्भर करता है। मां दुर्गा का हाथी पर आना बेहद शुभ माना जाता है। हाथी को सुख, समृद्धि, और शांति का प्रतीक माना जाता है। जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं, तो यह खुशहाली का संकेत होता है। इसके साथ ही चारों ओर सुख-समृद्धि का माहौल बनता है। इसके साथ ही सभी भक्तों के लिए यह सुख और संपन्नता का प्रतीक है। मौसम अनुकूल रहता है, अन्न-धान्य की वृद्धि होती है और कृषि क्षेत्र में प्रगति देखने को मिलती है. चारों ओर सुख-समृद्धि का वातावरण बना रहता है. भक्तों के लिए यह सुख और संपन्नता का संकेत माना जाता है.
गुरुदेव भुवनेश्वर
पर्णकुटी आश्रम गुना
9893946810
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