ज्योतिष समाधान

Friday, 15 December 2023

मुंडन संस्कार (चूड़ाकर्म)पूजा सामग्री 9893946810

1】हल्दीः-------------------------50 ग्राम
२】कलावा(आंटी)-------------2 गोले
३】अगरबत्ती-----------------     1पैकिट
४】कपूर-----------------------   50 ग्राम
5) चन्दन पेस्ट -------------50
6)धूप बत्ती ---------–-1 पैकिट
७】यज्ञोपवीत -----------------   05नग्
८】चावल---------------------- 01किलो
९】अबीर-------------------------10ग्राम
१०】गुलाल, -----------------50ग्राम
11)तिली-----––-–-100 ग्राम
१२】सिंदूर --------------------50 ग्राम
१३】रोली, --------------------20 ग्राम
१४】गोल सुपारी, ( बड़ी)--------  50 ग्राम
१५】नारियल -----------------  3 नग्
१६】जौ-----------------50ग्राम
१७】पंच मेवा------------------200 ग्राम
१८】शहद (मधु)--------------- 50 ग्राम
१९】शकर-----------------------100ग्रांम
२०】घृत (शुद्ध घी)----------  100 ग्राम
२१】इलायची (छोटी)-----------05ग्राम
२२】लौंग -----------------05ग्राम
२३】इत्र की शीशी----------------1 नग्
२4) हवन सामग्री पैकिट --------200 ग्राम

=============
25】दूर्वा
26】पुष्प 
27】हार मोगरा के फूल के  5
28】ऋतुफल पांच प्रकार के -----1 किलो
29)पान के पत्ते ,10
29)विल्व पत्र
30) शमी पत्र
31)केले के पत्ते
32)कलश पीतल का ------1
33)तुलसी दल 
34)हवन के लिये समिधा 01किलो
35) गंगा जल
36)आम के गुच्छे -------5
=============≠=======
1)सफेद कपड़ा (1मीटर)
२】लाल कपड़ा (1मीटर)
≠=====================

घर से उप्लब्ध करने का सामान】

1)आसन बैठने के लिये
2)चौकी2×2
3)थाली 2 पूजा के लिये 
4)कटोरी 11 
5)हाथ पोछ्ने के लिये टाविल 
6)दूध
7)दही
8)माचिस
10)रुई
11)आटा  चोक पूरने  के लिये 100 ग्राम
12)प्रशाद पंजीरी   (कसार आटे)
13)हलुआ 
14)पूडी
15)पूजा के लिये फुटकर पैसे
16) हल्दी चौक पूरने के लिऐ
17)नया उस्तरा बाल उतारने के लिए
18)नयी कैची बाल उतारने के लिऐ
19)हाथ की पिसी हुई हल्दी 50-ग्राम
20)

  1. मस्तक लेपन के लिए यथासम्भव गाय का दूध एवं दही पचास-पचास ग्राम भी बहुत है।
  2. कलावे के लिए लगभग छः छः इंच के तीन टुकड़ों के बीच में छोटे-छोटे कुश के टुकड़ों को बाँधकर रखना चाहिए।
  3. प्रज्ञा संस्थानों शाखाओं को इस उद्देश्य के लिए कैंची, छुरा अलग से रखना चाहिए। उन्हीं का पूजन कराकर नाई से केश उतरवाना चाहिए।
  4. बालक के लिए मुण्डन के बाद नवीन वस्त्रों की व्यवस्था रखनी चाहिए।
  5. बाल एकत्र करने के लिए गुँथे आटे या गोबर की व्यवस्था रखनी चाहिए।

Gurudev
Bhubneshwar
Parnkuti
Guna
9893946810

Tuesday, 21 November 2023

श्रीजगद्धात्रीस्तोत्रम्

श्रीजगद्धात्रीस्तोत्रम् 

आधाररूपे चाधेये धृतिरूपे धुरन्धरे ।
ध्रुवे ध्रुवपदे धीरे जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ १॥
शिवाकारे शक्तिरूपे शक्तिस्थे शक्तिविग्रहे ।
शक्ताचारप्रिये देवि जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ २॥
जयदे जगदानंदे जगदेकप्रपूजिते ।
जय सर्वगते दुर्गे जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ ३॥
सूक्ष्मातिसूक्ष्मरूपे च प्राणापानादिरूपिणि ।
भावाभावस्वरूपे च जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ ४॥
कालाधिरूपे कालेशे कालाकालविभेदिनि ।
सर्वस्वरूपे सर्वज्ञे जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ ५॥
महाविघ्ने महोत्साहे महामाये वरप्रदे ।
प्रपञ्चसारे साध्वीशे जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ ६॥
आगम्ये जगतामाद्ये माहेश्वरि वराङ्गने ।
अशेषरूपे रूपस्थे जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ ७॥
तीर्थयज्ञ -तपोदान-योगसारे जगन्मयि ।
त्वमेव सर्वं सर्वस्थे जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ ८॥
दयारूपे दयादृष्टे दयार्द्रे दुःखमोचनि ।
सर्वापत्तारिके दुर्गे जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ ९॥
आगम्यधाम-धामस्थे महायोगीश-हृत्पुरे ।
अमेयभावकूटस्थे जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ १०॥

इति श्रीजगद्धात्रीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।

शुभमऽस्तु   ! 
हेमवत्यै नम:। भुवनेश्वर्यै नम:। अह्लादिन्यै नम:।

नक्षत्र ज्ञान

श्रीजगद्धात्रीस्तोत्रम् 

आधाररूपे चाधेये धृतिरूपे धुरन्धरे ।
ध्रुवे ध्रुवपदे धीरे जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ १॥
शिवाकारे शक्तिरूपे शक्तिस्थे शक्तिविग्रहे ।
शक्ताचारप्रिये देवि जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ २॥
जयदे जगदानंदे जगदेकप्रपूजिते ।
जय सर्वगते दुर्गे जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ ३॥
सूक्ष्मातिसूक्ष्मरूपे च प्राणापानादिरूपिणि ।
भावाभावस्वरूपे च जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ ४॥
कालाधिरूपे कालेशे कालाकालविभेदिनि ।
सर्वस्वरूपे सर्वज्ञे जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ ५॥
महाविघ्ने महोत्साहे महामाये वरप्रदे ।
प्रपञ्चसारे साध्वीशे जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ ६॥
आगम्ये जगतामाद्ये माहेश्वरि वराङ्गने ।
अशेषरूपे रूपस्थे जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ ७॥
तीर्थयज्ञ -तपोदान-योगसारे जगन्मयि ।
त्वमेव सर्वं सर्वस्थे जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ ८॥
दयारूपे दयादृष्टे दयार्द्रे दुःखमोचनि ।
सर्वापत्तारिके दुर्गे जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ ९॥
आगम्यधाम-धामस्थे महायोगीश-हृत्पुरे ।
अमेयभावकूटस्थे जगद्धात्रि नमोऽस्तु ते ॥ १०॥

इति श्रीजगद्धात्रीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।

शुभमऽस्तु   ! 
हेमवत्यै नम:। भुवनेश्वर्यै नम:। अह्लादिन्यै नम:।

Thursday, 2 November 2023

करवा चौथ ब्रत

ग्रामीण स्त्रियों से लेकर आधुनिक महिलाओं तक सभी नारियाँ करवाचौथ का व्रत बडी़ श्रद्धा एवं उत्साह के साथ रखती हैं। शास्त्रों के अनुसार यह व्रत कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी के दिन करना चाहिए। पति की दीर्घायु एवं अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन भालचन्द्र गणेश जी की अर्चना की जाती है। करवाचौथ में भी संकष्टीगणेश चतुर्थी के जैसे दिन भर उपवास रखकर रात में चन्द्रमा को अ‌र्घ्य देने के उपरांत ही भोजन करने का विधान है। वर्तमान समय में करवाचौथ व्रतोत्सव अधिकतर महिलाएं अपने परिवार में प्रचलित प्रथा के अनुसार ही मनाती हैं लेकिन अधिकतर स्त्रियां निराहार रहकर चन्द्रोदय की प्रतीक्षा करती हैं।

कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करकचतुर्थी (करवा-चौथ) व्रत करने का विधान है। इस व्रत की विशेषता यह है कि केवल सौभाग्यवती स्त्रियों को ही यह व्रत करने का अधिकार है। स्त्री किसी भी आयु, जाति, वर्ण, संप्रदाय की हो, सबको इस व्रत को करने का अधिकार है। जो सौभाग्यवती (सुहागिन) स्त्रियाँ अपने पति की आयु, स्वास्थ्य व सौभाग्य की कामना करती हैं वे यह व्रत रखती हैं।

यह व्रत 12 वर्ष तक अथवा 16 वर्ष तक निरंतर प्रति वर्ष किया जाता है। अवधि पूरी होने के पश्चात इस व्रत का उद्यापन (उपसंहार) किया जाता है। जो सुहागिन स्त्रियाँ आजीवन रखना चाहें वे जीवनभर इस व्रत को कर सकती हैं। इस व्रत के समान सौभाग्यदायक व्रत अन्य कोई दूसरा नहीं है। अतः सुहागिन स्त्रियाँ अपने सुहाग की रक्षार्थ इस व्रत का सतत पालन करें।


काल से चली आ रही है. जब पांडवों पर संकट के बादल मंडराए थे तो श्रीकृष्ण के कहे अनुसार द्रोपदी ने करवा चौथ का व्रत पूजन किया था. जिसके प्रभाव से पांडवों पर आई विपदा टल गई थी. मान्यता है जो सुहागिन स्त्री इस दिन अन्न-जल का त्याग कर व्रत रखती हैं उसके सुहाग पर कभी कोई आंच नहीं आती.



कार्तिक कृष्ण पक्ष की चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी अर्थात उस चतुर्थी की रात्रि को जिसमें चंद्रमा दिखाई देने वाला है, उस दिन प्रातः स्नान करके अपने सुहाग (पति) की आयु, आरोग्य, सौभाग्य का संकल्प लेकर दिनभर निराहार रहें। [2]


पूजन

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उस दिन भगवान शिव-पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, गणेश एवं चन्द्रमा का पूजन करें। पूजन करने के लिए बालू अथवा सफेद मिट्टी की वेदी बनाकर उपरोक्त वर्णित सभी देवों को स्थापित करें।[3]


नैवेद्य

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शुद्ध घी में आटे को सेंककर उसमें शक्कर अथवा खांड मिलाकर मोदक (लड्डू) नैवेद्य हेतु बनाएँ।


करवा

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काली मिट्टी में शक्कर की चासनी मिलाकर उस मिट्टी से बनाये गए मिट्टी के करवे अथवा तांबे के बने हुए करवे।


संख्‍या

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10 अथवा 11 करवे अपनी सामर्थ्य अनुसार रखें।


कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करकचतुर्थी (करवा-चौथ) व्रत करने का विधान है। इस व्रत की विशेषता यह है कि केवल सौभाग्यवती स्त्रियों को ही यह व्रत करने का अधिकार है। स्त्री किसी भी आयु, जाति, वर्ण, संप्रदाय की हो, सबको इस व्रत को करने का अधिकार है। जो सौभाग्यवती (सुहागिन) स्त्रियाँ अपने पति की आयु, स्वास्थ्य व सौभाग्य की कामना करती हैं वे यह व्रत रखती हैं।


पूजन विधि

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चौथ पूजा के दौरान एक समूह में बैठ सुहागिने, गीत गाते हुए थालियों की फेरी करती हुई

बालू अथवा सफेद मिट्टी की वेदी पर शिव-पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, गणेश एवं चंद्रमा की स्थापना करें। मूर्ति के अभाव में सुपारी पर नाड़ा बाँधकर देवता की भावना करके स्थापित करें। पश्चात यथाशक्ति देवों का पूजन करें।[4]


पूजन हेतु निम्न मंत्र बोलें

-

'ॐ शिवायै नमः' से पार्वती का, 'ॐ नमः शिवाय' से शिव का, 'ॐ षण्मुखाय नमः' से स्वामी कार्तिकेय का, 'ॐ गणेशाय नमः' से गणेश का तथा 'ॐ सोमाय नमः' से चंद्रमा का पूजन करें।


करवों में लड्डू का नैवेद्य रखकर नैवेद्य अर्पित करें। एक लोटा, एक वस्त्र व एक विशेष करवा दक्षिणा के रूप में अर्पित कर पूजन समापन करें। करवा चौथ व्रत की कथा पढ़ें अथवा सुनें।


सायंकाल चंद्रमा के उदित हो जाने पर चंद्रमा का पूजन कर अर्घ्य प्रदान करें। इसके पश्चात ब्राह्मण, सुहागिन स्त्रियों व पति के माता-पिता को भोजन कराएँ। पति की माता (अर्थात अपनी सासूजी) को उपरोक्त रूप से अर्पित एक लोटा, वस्त्र व विशेष करवा भेंट कर आशीर्वाद लें। यदि वे जीवित न हों तो उनके तुल्य किसी अन्य स्त्री को भेंट करें। इसके पश्चात स्वयं व परिवार के अन्य सदस्य भोजन करें।

Sunday, 29 October 2023

लक्ष्मी पूजन सामग्री

16
महा लक्ष्मीपूजन सामग्री लिस्ट 

सामग्री आव्यशकतानुसार   कम ज्यादा ला सकते है 
  
पाना लक्ष्मी व श्री गणेश की मूर्तियां (बैठी हुई मूर्ति

१】धूप बत्ती (अगरबत्ती) 
२】चंदन
३】 कपूर 
४】केसर 
५】यज्ञोपवीत 5 
६】कुंकु 
७】चावल 
८】अबीर 
९】गुलाल, 
१०】अभ्रक 
११】हल्दी 
१२】सौभाग्य द्रव्य-
१३】मेहँदी 
१४】चूड़ी, 
१५】काजल, 
१६】बिछुड़ी आदि आभूषण 
१७】आंटी (कलावा)
१८】रुई 
१९】रोली,
२०】 सिंदूर 
२१】सुपारी, 
२२】पान के पत्ते 
२३】पुष्पमाला, 
२४】कमलगट्टे 
२५】धनिया खड़ा 
२६】 कुशा व दूर्वा
२७ पंच मेवा 
२८】गंगाजल
२९】शहद (मधु) 
३०】शकर
३१】 घृत (शुद्ध घी) 
३२】दही 
३३】दूध 
३४】ऋतुफल(गन्ना, सीताफल, सिंघाड़े इत्यादि) 
३५】नैवेद्य या मिष्ठान्न (पेड़ा, मालपुए इत्यादि) ३६】इलायची (छोटी)
३७】लौंग 
३८】मौली
३९】इत्र की शीशी 
४०】तुलसी दल 
४१】सिंहासन (चौकी, आसन) 
४२】पंच पल्लव(बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते)  सम्भब हो तो

४३】 लक्ष्मीजी का पाना (अथवा मूर्ति) 
४४】गणेशजी की मूर्ति सरस्वती का चित्र 
४५】चाँदी का सिक्का  श्रद्धानुसार 
४६】लक्ष्मीजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र  श्र्द्धा अनुसार 
४७】गणेशजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र श्रद्धाअनुसार 
४८】अम्बिका को अर्पित करने हेतु वस्त्र श्रद्धानुसार 
४९】जल कलश (ताँबे या मिट्टी का) 
५०】सफेद कपड़ा (आधा मीटर)
५१】लाल कपड़ा (आधा मीटर) 
५२】दीपक बड़े दीपक के लिए तेल
५३】 ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा) 
५४】श्रीफल (नारियल)
५५】धान्य (चावल, गेहूँ)

५६】लेखनी (कलम) 
५७】बही-खाता, 
५८】स्याही की दवात
५९】तुला (तराजू)  अगर संभव हो तो 
६०】 पुष्प (गुलाब एवं लाल कमल) 
६१】एक नई थैली में हल्दी की गाँठ, खड़ा धनिया व दूर्वा आदि खील-बताशे अर्घ्य पात्र सहित अन्य सभी पात्र

संपर्क
पंडित =भुबनेश्वर 
कस्तूरवानगर पर्णकुटी गुना 
मोबाइल =०९८९३९४६८१०

Sunday, 22 October 2023

दुर्गा सप्तशती सम्पूर्ण हवन सामाग्री







जौ 
चावल 
इलायची 
शकर 
मिश्री 
उड़द 
राल 
समुद्र फेन 
कमल गट्टा 
हल्दी 
सरसों 
जायफल 
विजया 
रक्त गूंजा 
कपूर 
शंख  पुष्प 
गूगल 
शहद 
लोंग 
सुपारी 
लाजा 
शहदेवी 
भेशा गूगल 
नीमगिलोय 
जटा मांसी 
विष्णुकान्ता 
रक्त  चंदन 
हर ताल 
मेनसील 
गुड़ 
बच 
अम चूर 
राजान
मधु आसब
गोखरू 
 काली मिर्च 
गुलाल 
चंदन 
स्वेतचंदन 
ब्राह्मी 
 इत्र 
अष्टगंध 
पंचमेवा 
गुलकन्द 
भोजपत्र 
आवला 
धूप 
दारु हल्दी 
सताबरी 
सोठ 
अबीर 
केशर 
जाबत्रि
दालचीनी 
गूंजा 
काजल 
ख़ाजा
हिंगुल 
मसूर 
कालीहल्दी 
कस्तूरी 
कुमकुम 
वज्र दांति
चिरौंजी 
लाजवंती 
आमी हल्दी 
इन्द्र  जो 
मोर पंखी
बेला गिरी 
मेन फल  
मातू लिंग 
माल कंगनी
बहेड़ा 
मजीठ
नाग केशर 
प्रियगूं 
आशापूरी  धूप 
सर्व औषधी 
अगर 
खोपरा बूरा 
सफेद  केशर 
शिलाजीत 
सफेद  गूंजा 
मोर पंखें 
शिव लिंगी  के बीज 
कण गूगल 

=========================
=========================
पत्ते  पीपल 
फूल
फल 
अतर झाड़ा 
शमी 
कुश  
दूर्वा 
पान 
केला 
आवला 
कटहल 
बील फल 
नारियल  खंड 
काग़ज़ी  नींबु 
काँच 
खींरनी 
सिंघाडा
दूध 
इत्र 
हलूआ 
विजोरा नींबु 
लाल  कनेर 
सीता फल 
पंच मेवा 
रक्त नीर 
काजल 
खाजा 
गन्ना 
पेठा 
नारंगी 
कुमकुम 
मोर पंख 
कबीठ 
दही 
माखन 
दाडीम के  फूल
अनार 
अनार  के  छिलके 
पेड़ा 



 







Saturday, 21 October 2023

दुर्गा सप्तशती हवन किस श्लोक पर किस ओषधि का हवन करना है केवल ब्राह्मणों के उपयोगार्थ लिंक ओपन करे

नवरात्रि हवन सामग्री श्लोक संख्या सहित कई कौन से श्लोक पर किस ओषधि का हवन करना है केवल ब्राह्मणों के उपयोगार्थ लिंक ओपन करे
श्लोक सँख्या   ///******///
1   पत्र पुष्प, फल,
2 अर्क
3 अर्क
5 अपामार्ग
6 कुशा
7 खैर
10 त्रण कुशा दूर्वा
20 पत्र पुष्प फल
26 पत्र पुष्प फल
29 पत्र पुष्प फल
35 पत्र पुष्प फल
39 पत्र पुष्प फल
46पत्र पुष्प फल
51 यव तंडुल
55 इलायची
56 शकर
59 पत्र पुष्प फल
63 पत्र पुष्प फल
66 मिश्री पुष्प
67 पीपल पत्ता कमल गट्टा
68 उडद राल समुद्र फेन
69कमल गट्टा
70 कमल गट्टा
71पत्र पुष्प फल
72 हल्दी
73पुष्प
74दूर्वा दर्भा
75 मिश्री
77 राई
78 राई
79 लाजा  पुष्प मिश्री शहदेवी
80 हवन नही
83 राई
84जाय फल  भांग
87 भांग
88पत्र पुष्प फल
89 कमल गट्टा
92 रक्त गुंजा
94 राई
96 पत्र पुष्प फल
100 कपूर
101 कमलगट्टा दर्भा
102 पत्र पुष्प फल
103 कुशा शंख  पुष्पी गूगल पान  मधु केला
104 पुष्प
महाहुति "","पान कैथ मधु कमल गट्टा गूगल गंधक्षत पुष्प लोंग इलायची सुपाड़ी
=================================

               दूसरा अध्याय

श्लोक सँख्या ///******///
1 पत्र पुष्प, फल,
2 अर्क
3 अर्क
5 अपामार्ग
6 कुशा
7 खैर
10 त्रण कुशा दूर्वा
20 पत्र पुष्प फल
26 पत्र पुष्प फल
29 पत्र पुष्प फल
35 पत्र पुष्प फल
39 पत्र पुष्प फल
46पत्र पुष्प फल
51 यव तंडुल
55 इलायची
56 शकर
59 पत्र पुष्प फल
63 पत्र पुष्प फल
66 मिश्री पुष्प
67 पीपल पत्ता कमल गट्टा
68 उडद राल समुद्र फेन
69कमल गट्टा
70 कमल गट्टा
71पत्र पुष्प फल
72 हल्दी
73पुष्प
74दूर्वा दर्भा
75 मिश्री
77 राई
78 राई
79 लाजा पुष्प मिश्री शहदेवी
80 हवन नही
83 राई
84जाय फल भांग
87 भांग
88पत्र पुष्प फल
89 कमल गट्टा
92 रक्त गुंजा
94 राई
96 पत्र पुष्प फल
100 कपूर
101 कमलगट्टा दर्भा
102 पत्र पुष्प फल
103 कुशा शंख पुष्पी गूगल पान मधु केला
104 पुष्प
महाहुति "","पान कैथ मधु कमल गट्टा गूगल गंधक्षत पुष्प लोंग इलायची सुपाड़ी
=================================

               दूसरा अध्याय



""""""""","''''''':::::::::::""""""""""''''''''**********
1 पत्र पुष्प फल
2 भैंसा गूगल
10 नीम गिलोय जाय फल
12 कपूर
14 जाटा मासी  विष्णु कांता
15आम्र फल
17 कपूर
18 रक्त चंदन
20 लोंग
21 शंख पुष्पी
22 लोंग
25 पुष्प
28 कपूर पुष्प
29 पुष्प कमल गट्टा
30 मधु
57 हरताल
60 सरसो
63 कटहल
67 दर्भा कपूर राई
69 पुष्प गूगल विल्वफल

महाहुति """"","",पान शाकल्य  कमल गट्टा  गूगल नारियल फल खंड  पुष्प  लोंग  इलायची सुपाड़ी

:::      ::::  ::::::::::;;;         ::::::::: :;: ;;;;;;;;;    ;;
     तीसरा अध्याय
1पत्र पुष्प फल
9 दर्पण कपूर
10 लोंग कागजी नीबू
12 मैनसिल
17 मैनसिल शिलाजीत
19 लोंग
20 सरसों
25 खिरनी
27 सिंघाड़ा
29 हरताल
34 पान गुड़ दूध शहद
36 वच राजान
37 पत्र पुष्प फल
38  मधुआसव पत्र पुष्प फल
39 पत्र पुष्प फल
40 सरसो गोखुरु
42 कालीमिर्च उडद लोकी
44 पत्र पुष्प गुलाल पान सुपारी
  महा आहुति """""""पान विजोरानीबू चंदन दधि नीम गिलोय  माष (उडद दही मिलाकर ) भैसा गूगल  कमल गट्टा  लोंग इलायची सुपारी पत्र पुष्प फल

::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
चौथा अध्याय :::::::
3 कदली फल
5 विष्णु कांता विल्वफल
7 विल्व फल
8 हलुआ पकवान  श्वेत चंदन
11 ब्राह्मी कपूर
12 विजोरा
14 लाल कनेर पुष्प
23 कमल गट्टा  लाल कनेर सीताफल
24 से  हवन नही होगा
27 तक हवन नही होगा
28 पत्र पुष्प फल
29 पुष्प लाल चंदन हरिद्रा सुगंधित द्रव्य
30 अष्टांग धूप गूगल
31 पत्र पुष्प फल
33 पत्र पुष्प फल
34 राई  गूगल
35 गूगल जाय फल
36 पंचमेवा खीर गुलकंद  मिश्री पुष्प फल
37 पत्र पुष्प फल 
39 पुष्प
41 भोजपत्र  रक्तनीर 
42 पुष्प आंवला  मधु  धूप
महआहुति :::::     पान शाकल्य खीर कमल गट्टा विल्वफल लोंग इलायची गूगल पुष्प सुपारी

::::: :::::::::: :::::: ::::::; :::::::: :::::::: ::::: ::::;: ::::: :::::
1 पत्र पुष्प फल
6 पत्र पुष्प फल
8 पत्रपुष्प फल
9 पत्र पुष्प फल  गूगल भोज पत्र 
10 हल्दी  आंवला
11 पुष्प
12 दूर्वा
13 दारू हल्दी
14 से 16तक  विष्णु कांता
17 से  19 तक आंवला
20 से 22 तक ब्राह्मी
23 से 25  तक हल्दी ब नीम गिलोय
29 से 31 तक सतावरी
32 से 34 तक सोंठ  जाय फल
44 से 46 तक   लाजा पुष्प
47 से 49 तक पुष्प
50 से 52 तक पुष्प
53 से 55 तक  अबीर
56 से 58 तक  मिश्री विल्वफल कमल गट्टा
59 से 61 तक शहद  पुष्प
62 से 64 तक  ब्राह्मी विजया
65 से 67 तक सहदेवी
68 से 70 तक पकवान
71 से 73 तक  केसर लाल कनेर
81 मिश्री इलायची
82 गूगल
83 पत्र पुष्प फल
84 जावित्री
85 दाल चीनी
86 भोज पत्र 
87 भोजपत्र दालचीनी
88 दारू हल्दी  पुष्प
89 आम्र फल
92 कपूर
94 पुष्प विल्व पत्र
95 गुंजा
96 पुष्प कमलगट्टा
97 भोजपत्र
99 भोजपत्र
101 पत्र पुष्प
104 मैनसिल
105 पत्र पुष्प फल
114 लाजा
115 पत्र पुष्प फल
116 वच पान भोजपत्र शमीपत्र दूर्वा
117  शमी पत्र दूर्वा फल पुष्प कनेर पुष्प
120 लाजा लोंग काजल
121 लाजा खाजा शमीपत्र  हिंगुल
122 पत्र पुष्प फल
126 जटामांसी
127 पान पुष्प फल शमीपत्र
129 ताम्बूल सुपारी गन्ना
महआहुति:::   पान शाकल्य लोंग इलायची सुपारी गूगल कमल गट्टा श्वेत चंदन पुष्प फल विजोरा

:::::/,,,,,,::    ::::::::::::::::::::;;;;;;;;;;;;;;;;;;;!!!!!!!!!!::;;;;;;;;;




छठवा अध्याय :::::::
1पत्र पुष्प फल
4 राई  जटामांसी गूगल
7 मसूर
10 पत्र पुष्प फल
12 पत्र पुष्प फल
13 राल विजोरा गूगल
14 उडद मसूर
17 केसर
18 केसर राई
19 केसर राई
23 राई जटामांसी
24 लोंग कनेर गन्ना
महआहुति ******पान शाकल्य गूगल कमलगट्टा  भोजपत्र कुष्मांड नारंगीफल  नारिकेल फल खंड /
**///***///////****//////*****/////*****/////***
सातवा अध्याय **///*****////***/////
1पत्र पुष्प फल
5 काली हल्दी कस्तूरी काजल
6 काली मिर्च
8 पान रक्त चंदन कुमकुम केसर
12 सरसो
14 हल्दी काली मिर्च
15 गूगल बज्र दंती
19 कपूर बज्र दंती
20 जटा मासी दर्भा सरसो कदली फल
23 विजोरा नीबू
24 गन्ना
25 पत्र पुष्प फल
26 पान पुष्प फल आम्रफल  चिरोंजी
महआहुति ****/////पान शाकल्य लोंग इलायची चिरोंजी लाजवंती पुष्प कमल गट्टा जाय फल कुष्मांड फलखंड कपूर
******///////*****/////******///////****//////आठवाँ अध्याय
1 पत्र पुष्प फल
5 राई
6 राई
8दूर्वा रक्त नीर गूगल
9 दूर्वा रक्त नीर गूगल
10 दूर्वा गूगल काली हल्दी
13 पत्र पुष्प फल
14 गुंजा
15 ब्राह्मी
16 जटामासी
17 मोर पंख
18 विष्णु कांता
19 बज्रदन्ति पत्र
20 गोखरू
21 पुष्प लोंग
28 जटामासी  विजया
29  आमी हल्दी
39 सरसों
43 रक्त गूंजा 
44 रक्त गुंजा
49 लालचन्दन
54 रक्त चंदन रक्त गुंजा
55 रक्त चंदन
57 से 61 तक रक्त चंदन
62 विजोरा नीबू
63 पुष्प
महआहुति****//////पान शाकल्य कमलगट्टा लोंग इलायची  सुपारी गूगल कुष्मांड फलखण्ड लाल चंदन मधु

*/******///////******///////******/////******//

नबम अध्याय ****///////
1पत्र पुष्प फल
2 विजोरा नीबू
4 पत्र पुष्प फल
17 कवीठ/कैथ
20 केसर
31 दूर्वा रक्त नीर
34 लोंग
35 विजोरा नीबू
36 गूगल कण इन्द्र जो
38 मोरपंखी
41 उडद कुष्मांड फलखण्ड गन्ना पान सुपारी बेलगिरी
महआहुति ****////पान शाकल्य लोंग इलायची सुपारी विजोरा कूष्मांडखण्ड इक्षुरखण्ड /गन्ना विल्वफल  मैनफल

*******///////*******////////******/////*****//

/दसवाँ अध्याय **///
1 पत्र पुष्प फल
2 केसर कस्तूरी
4 पान पुष्प फल दूर्वा शमीपत्र
5 रक्त चंदन
6 पान पुष्प फल
7 पुष्प
8 पान पुष्प फल दूर्वा शमीपत्र
9 पुष्प
10 पान पुष्प फल
27 पक्का केला
28 भोजपत्र
31 पुष्प
32 कपूर गूगल कमल गट्टा बटपत्र इन्द्र जो
महआहुति *****/////
पान शाकल्य लोंग इलायची सुपाड़ी  कस्तूरी कमलगट्टा गूगल विल्वफल  कूष्मांडखण्ड फल पुष्प मैनसिल मातुलिंग

******////////******////////******///////*******

ग्यारवा अध्याय ****/////

1 /1से 3 तक पुष्प पत्र फल
3 दूर्वा
5 विष्णु कांता विजोरा नीबू
6 भोजपत्र  मालकांगनी
10 इलायची गूगल जायफल दूर्वा पुष्प फल केसर मिश्री
12 दूर्वा पुष्प गुगल कमलगट्टा
13 कुशा ब्राह्मी
14 कपूर
15 मोरपंखी
16 शंख पुष्पी
17 बज्र दंती
18 गोखरू
19 पुष्प
20 जायफल जटामांसी
21 नीम गिलोय
22 लोंग इलायची गूगल मिश्री
23पान पुष्प
24 लालकनेर दूर्वा फल पुष्प पत्र बहेड़ा
25 बहेड़ा
26 नीम आंवला राई
28 रक्तचन्दन उडद मसूर दही
29 सरसो कालीमिर्च जायफल नीम गिलोय आंवला राई
31भोजपत्र मालकांगनी 
32 हल्दी दर्भा दुर्बा
33 पुष्प मिश्री
35 फल पुष्प
36 दुर्बा पत्र पुष्प फल शमी पत्र
37 लाजा शमीपत्र फल पुष्प फल
38 पान पुष्प फल
39 सरसों कालीमिर्च दालचीनी जायफल
40 दूर्वा पान शमीपत्र
41 सरसों
42 मक्खन
43 जायफल
44 दाड़िम/गुड़हल के पुष्प
45 आनार मजीठ
46 पुष्प पान फल नारंगी
47 इलायची कमल गट्टा
49 पालक पत्र पुष्प फल
50 दूर्वा लाल कनेर पान फल
52 रक्त गुंजा पान पुष्प फल
53 लालकनेर
54 पुष्प फल पान
55 काली मिर्च सरसो गुगल
महआहुति****///// पान लोंग इलायची कपूर  शकर पत्र पुष्प फल कमल गट्टा सुपारी  मिश्री खीर गूगल गन्ना गुड़हल पुष्प फल
******///////*******///////*******//////*****

बारहवा अध्याय ****/////
1 पान शमीपत्र पुष्प फल
2 गूगल दूर्वा आमी हल्दी  नागकेसर
3 दर्भा
4 भोजपत्र
5 गूगल मिश्री
6 हल्दी दूर्वा
8 मिश्री गूगल
9 पान पुष्प मिश्री इलायची मधु
10 गन्ना कुष्मांड खंड फल नारियल खण्ड फल पेड़ा
11 केला गन्ना कुष्मांड खंड फल
12 पान पुष्प फल मिश्री
13 पान पुष्प मिश्री हल्दी खीर फल इलायची
14 दूर्वा
15 दर्भा
17 अर्क पलास शमीपत्र खैर भोजपत्र
18 राई गुगल फूल प्रियंगु  आशापुरी धूप
20 पान पुष्प फल
21 पान पुष्प फल धूप केसर  मिश्री कपूर विजोरा नीबू  पकवान
22 खीर पकवान
23पान पुष्प फल जायफल
25 दर्भा पुष्प भोजपत्र
29 हरताल गूगल पुष्प
30 सरसों गूगल लोंग
31 पान पुष्प फल
32 वच पान पुष्प
33 सर्वोषधि
36 पान पुष्प फल
39 अनार के छिलके
41 गंध पुष्प पान फल मिश्री जाय फल  चन्दन धूप
महआहुति ****/////
अगर केसर कस्तूरी कमल गट्टा पत्र पुष्प फल जाय फल विल्वफल  मिश्री

******/////******/////////*******////////*******

तेरहँवा अध्याय

1 पत्र पुष्प फल
3 विष्णु कांता
5 पान पत्र  पुष्प फल
6 पान पत्र पुष्प फल
9 पुष्प  भोजपत्र
10 पान पुष्प गन्ध धूप फल
11 गन्ना
12 पान पुष्प फल  खोपरा बूरा गुड़
13 पान पुष्प फल दूर्वा शमीपत्र
14 पान पुष्प फल नारियल खंड फल
15 पान पुष्प फल
16 भैंसा गुगल काली मिर्च अशोक पुष्प या पत्र
18 पान पुष्प फल दूर्वा कनेर पुष्प शमीपत्र
19 कमलपुष्प अशोक पुष्प या पत्र
20 सरसो गुगल
22 अर्क कपूर
23 पुष्प फल
24 भोजपत्र
25 पुष्प फल पान
26 पुष्प फल पान
28 पुष्प फल पान
29 अर्क कपूर गंध फल पान सुपारी
महआहुति******//////पान शाकल्य लोंग इलायची सुपारी  विल्वफल गुगल कमल गट्टा फल शमीपत्र श्वेतकेसर कपूर पुष्प अर्क पुष्प  नारियल खंड फल
महआहुति///****

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Gurudev*pandit// bhubneshwar

Kasturwaa ngar parnkuti gunaa AB 

पंडित भुबनेश्वर शास्त्री (ज्योतिषआचार्य एवं रामकथा , भागवत कथा प्रवक्ता

Friday, 20 October 2023

शिव पुराण कथा सामग्री


हल्दीः--------------------------50 ग्राम
२】कलावा(आंटी)-------------10गोले ग
३】गुलावजल--------    100ग्राम
४】कपूर---------------------   50 ग्राम
५】केसर-------------------------   1डिव्वि
६】चंदन पेस्ट ------------------ 50 ग्राम
७】यज्ञोपवीत -----------------   2 मुुठा
८】चावल---------------------- 15 किलो
९】अबीर-------------------------50 ग्राम
१०】गुलाल,------1000ग्राम,{पांच प्रकार की }
११】अभ्रक-------------------100 ग्राम
१२】सिंदूर --------------------100 ग्राम
१३】रोली, --------------------100ग्राम
१४】सुपारी, ( बड़ी)--------  200 ग्राम
१५】नारियल -----------------  21 नग्
१६】सरसो पीली---------------50 ग्राम
१७】पंच मेवा--------------100 ,100 ग्राम ({अलग ,अलग}
१८】शहद (मधु)--------------- 100 ग्राम
१९】शकर-----------------------0 3 किलो
२०】घृत (शुद्ध घी)------------  03 किलो
२१】इलायची (छोटी)-----------10ग्राम
२२】लौंग मौली-------------------10ग्राम
२३】इत्र की शीशी----------------1 नग्
२४】रंग लाल----------------------20ग्राम
२५】रंग काला --------------------20ग्राम
२६】रंग हरा -----------------------20ग्राम
२७】रंग पिला ---------------------20ग्राम
२८】चंदन मूठा--------------------1 नग्
२९】धुप बत्ती ----------     2 पैकेट
30】तिल का तेल -------------2 लीटर 
(31)दाख {बड़ी}-----------------50 ग्राम
32】आँवला --------------------50ग्राम
(32)मूँग बडी--------------------200ग्राम
(33)पापाड़थेली------------------01थैली
 


Gurudev Bhubaneswar:
Parnkuti ashram guna
9893946810
 ==================

========================
३२】सप्त धान्य-कुलबजन--------100ग्राम
१】 जौ-----------
२】गेहूँ-
३】चावल-
४】तिल-
५】काँगनी-
६】उड़द-
७】मूँग
=============================
३३】कुशा 
३४】दूर्वा
35】पुष्प कई प्रकार के 
३६】गंगाजल
३७】ऋतुफल पांच प्रकार के -----1 किलो
38】पंच पल्लव
१】बड़,
२】 गूलर,
३】पीपल,
४】आम 
५】पाकर के पत्ते)
=========================
३९】बिल्वपत्र
४०】शमीपत्र
४१】सर्वऔषधि 
४२】अर्पित करने हेतु पुरुष बस्त्र
४३】मता जी को अर्पित करने हेतु  
सौ भाग्यवस्त्र 

बर्तन
(1)जल कलश तांबे 
मिट्टी के कलश ढक्कन सहित 5 नग
खप्पर 5 


१】सफेद कपड़ा 3मीटर
२】लाल कपड़ा 2मीटर
(3)पीला कपड़ा3मीटर
४】हरा कपड़ा 1मीटर
(5) काला कपडा 1मीटर
     पीला चद्दर 1
     छींट का कपड़ा 2मीटर



पान के पत्ते ------------11 नग
भस्म 100 ग्राम
बन्दनवार
पान के पत्ते ------------11


 ब्राह्मणों के लिए उपयोगी 
सावुन नहाने के---------------
सावुन कपड़े धोने के --------
सर्फ कपडे धोने का ---------
मंजन -------------------------
तेल ----------------------------

Gurudev
Bhubneshwar
Parnkuti aashram
Guna
9893946810

Monday, 9 October 2023

एकादशी मे श्राद्ध करे या न करे

🌼 श्राद्ध पक्ष 🌼
एकादशी के दिन श्राद्ध नहीं होता।
शास्त्र की आज्ञा है कि एकादशी के दिन श्राद्ध नहीं करना चाहिये। पुष्कर खंड में भगवान शंकर ने पार्वतीजी को स्पष्ट रूप से कहा है ,जो एकादशीके दिन श्राद्ध करते हैं तो श्राद्ध को खाने वाला और श्राद्ध को खिलाने वाला और जिसके निमित्त वह श्राद्ध हो रहा है वह पितर, तीनों नर्क गामी होते हैं। उसके लिए ठीक तो यही होगा कि वह उस दिन के निमित्त द्वादशी को श्राद्ध करें। तो हमारे महापुरुषों का कहना है  कि अगर द्वादशी को श्राद्ध नहीं करें और एकादशी को करना चाहे तो पितरों का पूजन कर निर्धन ब्राह्मण को केवल फलाहार करावे। भले ही वह ब्राह्मण एकादशी करता हो या ना करता हो। लेकिन हमें उस दिन उसे फलाहार ही करवाना चाहिए।
एकादशी के दिन अन्न का निषेध वाक्य मिलता है ,इस नियम अनुसार श्राद्ध का भी मना कह दिया गया है श्राद्ध का अन्न से गहरा संवंध है व्रत के दिन वैकल्पिक व्यवस्था एकादशी नियम की जो कहीहै उसी नियम से श्राद्ध की व्यवस्था कही गई है। अतः श्राद्ध करना आवश्यक ही है यदि पिण्डदान भी करना है तो फल आदि की पिष्टी का भी वर्णन श्रीराम के  द्वारा किये गए श्राद्ध में मिलता है।

Sunday, 8 October 2023

नवरात्रि मे नौ रंगी के कपड़े पहनने के फायदे

अक्टूबर 15, 2023, रविवार
आज का नवरात्रि रँग - नारंगी

रविवार को नारँगी रँग के वस्त्र धारण कर, देवी नवदुर्गा का पूजन करने से स्फूर्ति एवं उल्लास का अनुभव होता है। यह रँग सकारात्मक ऊर्जा से सन्निहित होता है तथा व्यक्ति के चित्त को उत्साहित रखता है।


2
नवरात्रि का दिन 2
अक्टूबर 16, 2023, सोमवार
आज का नवरात्रि रँग - सफ़ेद

श्वेत रँग शुद्धता व सरलता का पर्याय है। देवी की कृपा प्राप्ति हेतु सोमवार को श्वेत रँग के परिधान धारण करें। श्वेत रँग आत्मशान्ति एवं सुरक्षा का अनुभव कराता है।


3
नवरात्रि का दिन 3
अक्टूबर 17, 2023, मंगलवार
आज का नवरात्रि रँग - लाल

मंगलवार को नवरात्रि उत्सव के लिये लाल रँग प्रयोग करें। लाल रँग उत्साह एवं प्रेम का प्रतीक है, तथा माता के चढ़ावे में लाल चुनरी अत्यधिक लोकप्रिय है। यह रँग भक्तों को शक्ति तथा जीवटता से युक्त करता है।


4
नवरात्रि का दिन 4
अक्टूबर 18, 2023, बुधवार
आज का नवरात्रि रँग - गहरा नीला

बुधवार को नवरात्रि उत्सव में गहरे नीले रँग का प्रयोग आपको अतुलनीय आनन्द की अनुभूति देगा। यह रँग समृद्धि एवं शान्ति का प्रतिनिधित्व करता है।


5
नवरात्रि का दिन 5
अक्टूबर 19, 2023, बृहस्पतिवार
आज का नवरात्रि रँग - पीला

गुरुवार को पीले रँग के वस्त्र धारण करने से नवरात्रि उत्सव में मनुष्य का चित्त आशान्वित तथा प्रसन्न रहता है। यह रँग ऊष्मा का प्रतीक है, जो व्यक्ति को दिनभर प्रफुल्लित रखता है।


6
नवरात्रि का दिन 6
अक्टूबर 20, 2023, शुक्रवार
आज का नवरात्रि रँग - हरा

हरा रँग प्रकृति का प्रतीक है तथा विकास, उर्वरता, शान्ति एवं स्थिरता की भावना उत्पन्न करता है। शुक्रवार को हरे रँग का उपयोग कर, देवी से शान्ति प्राप्ति हेतु प्रार्थना करें। हरा रँग जीवन में नवीन आरम्भ को भी प्रदर्शित करता है।


7
नवरात्रि का दिन 7
अक्टूबर 21, 2023, शनिवार
आज का नवरात्रि रँग - स्लेटी

स्लेटी रँग सन्तुलित विचारधारा का प्रतीक है तथा व्यक्ति को व्यावहारिक एवं सरल बनने हेतु प्रेरित करता है। यह रँग उन भक्तों के लिये उपयुक्त है, जो हलके रँग को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन अपनी एक विशिष्ट शैली के साथ नवरात्रि उत्सव का आनन्द लेने के इच्छुक हैं।


8
नवरात्रि का दिन 8
अक्टूबर 22, 2023, रविवार
आज का नवरात्रि रँग - बैंगनी

बैंगनी रँग भव्यता एवं राजसी ठाट-बाठ को दर्शाता है । नवदुर्गा की पूजन में बैंगनी रँग का प्रयोग करने से भक्तों को समृद्धि एवं सम्पन्नता की प्राप्ति होती है। अतः देवी माँ की कृपा प्राप्ति हेतु निःसंकोच बैंगनी रँग के परिधानों का प्रयोग करें।


9
नवरात्रि का दिन 9
अक्टूबर 23, 2023, सोमवार
आज का नवरात्रि रँग - मोर वाला हरा

मयूर हरा रँग विशिष्टता एवं व्यक्तित्व को इन्गित करता है। नीले व हरे रँग के इस विशिष्ट मिश्रण के प्रयोग से दोनों रँगो के गुणों (समृद्धि व नवीनता) का लाभ मिलता है।


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नवरात्रि रँग 2023

नवरात्रि के प्रत्येक दिवस हेतु एक विशिष्ट रँग निर्धारित किया गया है। नवरात्रि के समय अपने जीवन में उस विशेष रँग को सम्मीलित करना अत्यन्त शुभः माना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में प्रत्येक दिन के लिये, एक विशेष रँग निर्धारित होता है। नवरात्रि के अवसर पर स्त्रियों द्वारा प्रतिदिन विशेष निर्धारित रँग के अनुसार परिधान धारण करना एक लोकप्रिय प्रचलन हैं। मुख्यतः गुजरात एवं महाराष्ट्र में यह परम्परा अत्यधिक प्रचलित है। अतः नवरात्रि में प्रतिदिन स्त्रियाँ एक विशेष रँग के परिधानों एवं वस्तुओं का उपयोग करती हैं। नवरात्रि के अवसर पर स्त्रियों को कार्य करना हो अथवा डाण्डिया व गरबा करना हो, वह सदैव ही नवरात्रि दिवस के रँग के अनुसार परिधान धारण करने के लिये उत्साहित रहती हैं।

विभिन्न राज्यों में यह प्रथा इतनी अधिक प्रचलित हो चुकी है कि नवरात्रि उत्सव से पूर्व टाइम्स ऑफ इण्डिया, मिड-डे, मुम्बई मिरर तथा डी एन ए जैसे लोकप्रिय दैनिक समाचार पत्रों द्वारा नवरात्रि के नौ रँगों के विषय में अलग से लेख प्रकाशित किये जाते हैं।

नवरात्रि के प्रथम दिवस का रँग उस दिन पर आधारित होता है जिस दिन से नवरात्रि प्रारम्भ होती है, तथा शेष आठ दिनों तक एक निश्चित कर्मानुसार रँगो का निर्धारण किया जाता है।