ज्योतिष समाधान

Saturday, 16 September 2017

नवरात्रि पूजन तथा कलशस्थापना आश्विन शुक्ल प्रतिपदा के दिन सूर्योदय के पश्चात 10 घड़ी तक अथवा अभिजीत मुहूर्त  में ही करना चाहिए। अभिजितमुहुर्त्त यत्तत्र स्थापनमिष्यते। अर्थात अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना करना चाहिए। भारतीय ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार नवरात्रि पूजन द्विस्वभाव लग्न में करना श्रेष्ठ होता है। घटस्थापना 21 सितम्बर 2017मुहूर्त =

दुर्गा जी के आगमन और प्रस्थान का विचार नवरात्र मे - आगमन - नवरात्र कलशस्थापन का प्रथम दिन , से जाने
किस दिन घटस्थापना होने से किस बाहन पर आती है देवी जी

शशिसुर्ये गजारूढा ,शनिभोमे तुँरगमे ।

गुरू शुक्रो च दोलायाँ- बुधे नौका प्रकीर्तिता ।।

1सोमवार रविवार को हाथी पर

2शनिवार मंगलवार को घोड़े पर

3गुरुवार शुक्रवार को खटोला यानी डोली पर

4 बुधवार को नोका पर

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            बाहन पर आने का फल

गजे च जलदा देवी , छत्र भँग तुरँगमे ।
नौकायाँ सर्व सिद्धिस्यात दोलायाँ मरणँ धुव्रम ।।

रविवार और सोमवार को आगमन( नवरात्र शुरू होने का दिन) होता है तो वाहन हाथी है जो जल की वृष्टि कराने वाला है ,

शनिवार और मँगल वार को आगमन होता है तो राजा और सरकार को पद से हटना पड सकता है ,

गुरूवार और शुक्रवार को आगमन हो तो दोला ( खटोला ) पर आगमन होता है जो जन हानि , ताँडव , रक्तपात होना बताता है ,

बुधवार को आगमन हो तो देवी नोका ( नाव ) पर आती है तब भक्तो को सभी सिद्धि देती है ।

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देवी का प्रस्थान -

विजया दशमी के दिन के वार से गणणा..

शशिसुर्ये दिने यदि सा विजया, महिषा गमनेरूज शोक करा,
शनिभोमे यदि सा विजया चरणायुद्धयानकरी विकला , बुधशुक्र यदि सा विजया गजवाहनगा शुभ वृष्टि करा ,
सुर राजगुरौ सा विजया नरवाहनगा शुभ सौख्य करा ।।

विजयादशमी यदि रविवार और सोमवार को हो तो माँ दुर्गा का प्रस्थान महिष ( भैसाँ) पर होता है ,
जो शोक देता है ,

यदि शनिवार और मँगलवार को विजया दशमी हो तो पैदल जाती है तब जनता विकल तबाही का अनुभव करती है ,

यदि बुध और शुक्रवार को गमन करे तो हाथी पर जाती है माँ तब शुभ वृष्टि देती है ,

गुरूवार को विजयादशमी हो तो आदमी सवारी होता है जो सुख शान्ति मिलती है.-------

बँगाल मे षष्टि ( छठवे दिन ) से माँ का आगमन जोडा जाता है ,इस कारण अन्तर होता है ...

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यदि प्रतिपदा के दिन चित्रा नक्षत्र हो तथा वैधृति योग हो तो वह दिन दूषित होता है।

इस बार 21 सितंबर 2017 को प्रतिपदा के दिन न हीं चित्रा नक्षत्र है तथा न हीं वैधृति योग है

परन्तु शास्त्र यह भी कहता है की यदि प्रतिपदा के दिन ऐसी स्थिति बन रही हो तो उसका परवाह न करते हुए अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना तथा नवरात्र पूजन कर लेना चाहिए।

निर्णयसिन्धु के अनुसार —

सम्पूर्णप्रतिपद्येव चित्रायुक्तायदा भवेत। वैधृत्यावापियुक्तास्यात्तदामध्यदिनेरावौ।।

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"""''""ज्योतिषशास्त्र के अनुसार """""""",,

भारतीय शास्त्रानुसार नवरात्रि पूजन तथा कलशस्थापना आश्विन शुक्ल प्रतिपदा के दिन सूर्योदय के पश्चात 10 घड़ी तक अथवा अभिजीत मुहूर्त  में ही करना चाहिए।

अभिजितमुहुर्त्त यत्तत्र स्थापनमिष्यते।

अर्थात अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना करना चाहिए।
भारतीय ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार नवरात्रि पूजन द्विस्वभाव लग्न में करना श्रेष्ठ होता है।

घटस्थापना 21 सितम्बर 2017मुहूर्त = 06:22 to 07:30
अवधि = 1 घंटा 8 मिनट

घटस्थापना मुहूर्त तिथि – प्रतिपदा तिथि
घटस्थापना मुहूर्त लग्न – द्विस्वभाव राशि 
इन चार लग्नो में कर सकते है घटस्थापना मिथुन लग्न  कन्या लग्न धनु लग्न कुम्भ लग्न इन चार लग्नो में एक लग्न जो कि

1 **कन्या लग्न 21 सितम्बर को प्रातकाल में  6बजकर 12 मिनिट से 8 बजकर26 मिनिट तक रहेगी जिसमें चौघड़िया मुहूर्त भी रहेगा कन्या लग्न मुहूर्त श्रेष्ठ है ।

2  दूसरी श्रेष्ठ लग्न दोपहर को धनु लग्न जो कि दोपहर 1 बजकर 2 मिनिट  से 3 बजकर 6मिनिट तक रहेगी  ,अभिजीत मुहूर्त में भी आप घटस्थापना कर सकते है ।

अभिजीत मुहूर्त (11:46 से12:34 तक है )
जो ज्योतिष शास्त्र में स्वयं सिद्ध मुहूर्त माना गया है।

3 तीसरी  कुम्भ लग्न मुहूर्त 4 बजकर 52 मिनिट से   6 बजकर 22 मिनिट तक रहेगी जिसमें झांकी आदि या समयाभाब वाले भक्त कर घट स्थापना कर सकते  है।
इसमे चौघड़िया मुहूर्त भी  शाम  4बजकर 52 मिनिट से रात्रि 9 बजकर 30 मिनिट तक रहेगा ।

4 चौथी मिथुन लग्न रात्रि  11 बजकर 23 मिनिट से  1 बजकर 36 मिनिट तक रहेगी  । जो कि तांत्रिको को अथवा तांत्रिक क्रियाओं से सम्बंधित  साधको के लिए उपयुक्त रहेगी ।

                चौघड़िया मुहूर्त
प्रातः6 बजकर 17 मिनिट से 7 बजकर 45 मिनिट तक
दोपहर11 बजे से 3 बजकर 30 मिनिट तक
शाम4-52बजे से 9बजकर 30 मिनिट तक

प्रथम(प्रतिपदा) नवरात्र हेतु पंचांग विचार

दिन(वार) – वृहस्पतिवार
तिथि – प्रतिपदा
नक्षत्र – हस्त
योग – भव
करण – किंस्तुघ्न
पक्ष – शुक्ल
मास – आश्विन
लग्न – धनु (द्विस्वभाव)
मुहूर्त – अभिजीत मुहूर्त समय – 11:46 से 12:34 तक
राहु काल – 13:45 से 15:16 तक
विक्रम संवत – 2074

मुहूर्त की अधिक जानकारी के लिए अपने पंडित जी से पंचांग में देख कर ही  घट स्थापना करें हमारी ओर से   मुहूर्त में पूरी साबधानी बरती गई है।

Gurudev bhubneshwar
कस्तूरवा नगर parnkuti गुना
9893946810

Thursday, 14 September 2017

नवरात्रि हवन सामग्री श्लोक संख्या सहित कई कौन से श्लोक पर किस ओषधि का हवन करना है केवल ब्राह्मणों के उपयोगार्थ लिंक ओपन करे

श्लोक सँख्या   ///******///
1   पत्र पुष्प, फल,
2 अर्क
3 अर्क
5 अपामार्ग
6 कुशा
7 खैर
10 त्रण कुशा दूर्वा
20 पत्र पुष्प फल
26 पत्र पुष्प फल
29 पत्र पुष्प फल
35 पत्र पुष्प फल
39 पत्र पुष्प फल
46पत्र पुष्प फल
51 यव तंडुल
55 इलायची
56 शकर
59 पत्र पुष्प फल
63 पत्र पुष्प फल
66 मिश्री पुष्प
67 पीपल पत्ता कमल गट्टा
68 उडद राल समुद्र फेन
69कमल गट्टा
70 कमल गट्टा
71पत्र पुष्प फल
72 हल्दी
73पुष्प
74दूर्वा दर्भा
75 मिश्री
77 राई
78 राई
79 लाजा  पुष्प मिश्री शहदेवी
80 हवन नही
83 राई
84जाय फल  भांग
87 भांग
88पत्र पुष्प फल
89 कमल गट्टा
92 रक्त गुंजा
94 राई
96 पत्र पुष्प फल
100 कपूर
101 कमलगट्टा दर्भा
102 पत्र पुष्प फल
103 कुशा शंख  पुष्पी गूगल पान  मधु केला
104 पुष्प
महाहुति "","पान कैथ मधु कमल गट्टा गूगल गंधक्षत पुष्प लोंग इलायची सुपाड़ी
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               दूसरा अध्याय """"""""","''''''':::::::::::""""""""""''''''''**********

1 पत्र पुष्प फल
2 भैंसा गूगल
10 नीम गिलोय जाय फल
12 कपूर
14 जाटा मासी  विष्णु कांता
15आम्र फल
17 कपूर
18 रक्त चंदन
20 लोंग
21 शंख पुष्पी
22 लोंग
25 पुष्प
28 कपूर पुष्प
29 पुष्प कमल गट्टा
30 मधु
57 हरताल
60 सरसो
63 कटहल
67 दर्भा कपूर राई
69 पुष्प गूगल विल्वफल

महाहुति """"","",पान शाकल्य  कमल गट्टा  गूगल नारियल फल खंड  पुष्प  लोंग  इलायची सुपाड़ी

:::      ::::  ::::::::::;;;         ::::::::: :;: ;;;;;;;;;    ;;
     तीसरा अध्याय
1पत्र पुष्प फल
9 दर्पण कपूर
10 लोंग कागजी नीबू
12 मैनसिल
17 मैनसिल
19 लोंग
20 सरसों
25 खिरनी
27 सिंघाड़ा
29 हरताल
34 पान गुड़ दूध शहद
36 वच राजान
37 पत्र पुष्प फल
38  मधुआसव पत्र पुष्प फल
39 पत्र पुष्प फल
40 सरसो गोखुरु
42 कालीमिर्च उडद लोकी
44 पत्र पुष्प गुलाल पान सुपारी
  महा आहुति """""""पान विजोरानीबू चंदन दधि नीम गिलोय  माष (उडद दही मिलाकर ) भैसा गूगल  कमल गट्टा  लोंग इलायची सुपारी पत्र पुष्प फल

::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
चौथा अध्याय :::::::
3 कदली फल
5 विष्णु कांता विल्वफल
7 विल्व फल
8 हलुआ पकवान  श्वेत चंदन
11 ब्राह्मी कपूर
12 विजोरा
14 लाल कनेर पुष्प
23 कमल गट्टा  लाल कनेर सीताफल
24 से  हवन नही होगा
27 तक हवन नही होगा
28 पत्र पुष्प फल
29 पुष्प लाल चंदन हरिद्रा सुगंधित द्रव्य
30 अष्टांग धूप गूगल
31 पत्र पुष्प फल
33 पत्र पुष्प फल
34 राई  गूगल
35 गूगल जाय फल
36 पंचमेवा खीर गुलकंद  मिश्री पुष्प फल
37 पत्र पुष्प फल 
39 पुष्प
41 भोजपत्र  रक्तनीर 
42 पुष्प आंवला  मधु  धूप
महआहुति :::::     पान शाकल्य खीर कमल गट्टा विल्वफल लोंग इलायची गूगल पुष्प सुपारी

::::: :::::::::: :::::: ::::::; :::::::: :::::::: ::::: ::::;: ::::: :::::
1 पत्र पुष्प फल
6 पत्र पुष्प फल
8 पत्रपुष्प फल
9 पत्र पुष्प फल  गूगल भोज पत्र 
10 हल्दी  आंवला
11 पुष्प
12 दूर्वा
13 दारू हल्दी
14 से 16तक  विष्णु कांता
17 से  19 तक आंवला
20 से 22 तक ब्राह्मी
23 से 25  तक हल्दी ब नीम गिलोय
29 से 31 तक सतावरी
32 से 34 तक सोंठ  जाय फल
44 से 46 तक   लाजा पुष्प
47 से 49 तक पुष्प
50 से 52 तक पुष्प
53 से 55 तक  अबीर
56 से 58 तक  मिश्री विल्वफल कमल गट्टा
59 से 61 तक शहद  पुष्प
62 से 64 तक  ब्राह्मी विजया
65 से 67 तक सहदेवी
68 से 70 तक पकवान
71 से 73 तक  केसर लाल कनेर
81 मिश्री इलायची
82 गूगल
83 पत्र पुष्प फल
84 जावित्री
85 दाल चीनी
86 भोज पत्र 
87 भोजपत्र दालचीनी
88 दारू हल्दी  पुष्प
89 आम्र फल
92 कपूर
94 पुष्प विल्व पत्र
95 गुंजा
96 पुष्प कमलगट्टा
97 भोजपत्र
99 भोजपत्र
101 पत्र पुष्प
104 मैनसिल
105 पत्र पुष्प फल
114 लाजा
115 पत्र पुष्प फल
116 वच पान भोजपत्र शमीपत्र दूर्वा
117  शमी पत्र दूर्वा फल पुष्प कनेर पुष्प
120 लाजा लोंग काजल
121 लाजा खाजा शमीपत्र  हिंगुल
122 पत्र पुष्प फल
126 जटामांसी
127 पान पुष्प फल शमीपत्र
129 ताम्बूल सुपारी गन्ना
महआहुति:::   पान शाकल्य लोंग इलायची सुपारी गूगल कमल गट्टा श्वेत चंदन पुष्प फल विजोरा

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छठवा अध्याय :::::::
1पत्र पुष्प फल
4 राई  जटामांसी गूगल
7 मसूर
10 पत्र पुष्प फल
12 पत्र पुष्प फल
13 राल विजोरा गूगल
14 उडद मसूर
17 केसर
18 केसर राई
19 केसर राई
23 राई जटामांसी
24 लोंग कनेर गन्ना
महआहुति ******पान शाकल्य गूगल कमलगट्टा  भोजपत्र कुष्मांड नारंगीफल  नारिकेल फल खंड /

**///***///////****//////*****/////*****/////***
सातवा अध्याय **///*****////***/////
1पत्र पुष्प फल
5 काली हल्दी कस्तूरी काजल
6 काली मिर्च
8 पान रक्त चंदन कुमकुम केसर
12 सरसो
14 हल्दी काली मिर्च
15 गूगल बज्र दंती
19 कपूर बज्र दंती
20 जटा मासी दर्भा सरसो कदली फल
23 विजोरा नीबू
24 गन्ना
25 पत्र पुष्प फल
26 पान पुष्प फल आम्रफल  चिरोंजी
महआहुति ****/////पान शाकल्य लोंग इलायची चिरोंजी लाजवंती पुष्प कमल गट्टा जाय फल कुष्मांड फलखंड कपूर
******///////*****/////******///////****//////आठवाँ अध्याय
1 पत्र पुष्प फल
5 राई
6 राई
8दूर्वा रक्त नीर गूगल
9 दूर्वा रक्त नीर गूगल
10 दूर्वा गूगल काली हल्दी
13 पत्र पुष्प फल
14 गुंजा
15 ब्राह्मी
16 जटामासी
17 मोर पंख
18 विष्णु कांता
19 बज्रदन्ति पत्र
20 गोखरू
21 पुष्प लोंग
28 जटामासी  विजया
29  आमी हल्दी
39 सरसों
43 रक्त गूंजा 
44 रक्त गुंजा
49 लालचन्दन
54 रक्त चंदन रक्त गुंजा
55 रक्त चंदन
57 से 61 तक रक्त चंदन
62 विजोरा नीबू
63 पुष्प
महआहुति****//////पान शाकल्य कमलगट्टा लोंग इलायची  सुपारी गूगल कुष्मांड फलखण्ड लाल चंदन मधु

*/******///////******///////******/////******//

नबम अध्याय ****///////
1पत्र पुष्प फल
2 विजोरा नीबू
4 पत्र पुष्प फल
17 कवीठ/कैथ
20 केसर
31 दूर्वा रक्त नीर
34 लोंग
35 विजोरा नीबू
36 गूगल कण इन्द्र जो
38 मोरपंखी
41 उडद कुष्मांड फलखण्ड गन्ना पान सुपारी बेलगिरी
महआहुति ****////पान शाकल्य लोंग इलायची सुपारी विजोरा कूष्मांडखण्ड इक्षुरखण्ड /गन्ना विल्वफल  मैनफल

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/दसवाँ अध्याय **///
1 पत्र पुष्प फल
2 केसर कस्तूरी
4 पान पुष्प फल दूर्वा शमीपत्र
5 रक्त चंदन
6 पान पुष्प फल
7 पुष्प
8 पान पुष्प फल दूर्वा शमीपत्र
9 पुष्प
10 पान पुष्प फल
27 पक्का केला
28 भोजपत्र
31 पुष्प
32 कपूर गूगल कमल गट्टा बटपत्र इन्द्र जो
महआहुति *****/////
पान शाकल्य लोंग इलायची सुपाड़ी  कस्तूरी कमलगट्टा गूगल विल्वफल  कूष्मांडखण्ड फल पुष्प मैनसिल मातुलिंग

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ग्यारवा अध्याय ****/////

1 /1से 3 तक पुष्प पत्र फल
3 दूर्वा
5 विष्णु कांता विजोरा नीबू
6 भोजपत्र  मालकांगनी
10 इलायची गूगल जायफल दूर्वा पुष्प फल केसर मिश्री
12 दूर्वा पुष्प गुगल कमलगट्टा
13 कुशा ब्राह्मी
14 कपूर
15 मोरपंखी
16 शंख पुष्पी
17 बज्र दंती
18 गोखरू
19 पुष्प
20 जायफल जटामांसी
21 नीम गिलोय
22 लोंग इलायची गूगल मिश्री
23पान पुष्प
24 लालकनेर दूर्वा फल पुष्प पत्र बहेड़ा
25 बहेड़ा
26 नीम आंवला राई
28 रक्तचन्दन उडद मसूर दही
29 सरसो कालीमिर्च जायफल नीम गिलोय आंवला राई
31भोजपत्र मालकांगनी 
32 हल्दी दर्भा दुर्बा
33 पुष्प मिश्री
35 फल पुष्प
36 दुर्बा पत्र पुष्प फल शमी पत्र
37 लाजा शमीपत्र फल पुष्प फल
38 पान पुष्प फल
39 सरसों कालीमिर्च दालचीनी जायफल
40 दूर्वा पान शमीपत्र
41 सरसों
42 मक्खन
43 जायफल
44 दाड़िम/गुड़हल के पुष्प
45 आनार मजीठ
46 पुष्प पान फल नारंगी
47 इलायची कमल गट्टा
49 पालक पत्र पुष्प फल
50 दूर्वा लाल कनेर पान फल
52 रक्त गुंजा पान पुष्प फल
53 लालकनेर
54 पुष्प फल पान
55 काली मिर्च सरसो गुगल
महआहुति****///// पान लोंग इलायची कपूर  शकर पत्र पुष्प फल कमल गट्टा सुपारी  मिश्री खीर गूगल गन्ना गुड़हल पुष्प फल
******///////*******///////*******//////*****

बारहवा अध्याय ****/////
1 पान शमीपत्र पुष्प फल
2 गूगल दूर्वा आमी हल्दी  नागकेसर
3 दर्भा
4 भोजपत्र
5 गूगल मिश्री
6 हल्दी दूर्वा
8 मिश्री गूगल
9 पान पुष्प मिश्री इलायची मधु
10 गन्ना कुष्मांड खंड फल नारियल खण्ड फल पेड़ा
11 केला गन्ना कुष्मांड खंड फल
12 पान पुष्प फल मिश्री
13 पान पुष्प मिश्री हल्दी खीर फल इलायची
14 दूर्वा
15 दर्भा
17 अर्क पलास शमीपत्र खैर भोजपत्र
18 राई गुगल फूल प्रियंगु  आशापुरी धूप
20 पान पुष्प फल
21 पान पुष्प फल धूप केसर  मिश्री कपूर विजोरा नीबू  पकवान
22 खीर पकवान
23पान पुष्प फल जायफल
25 दर्भा पुष्प भोजपत्र
29 हरताल गूगल पुष्प
30 सरसों गूगल लोंग
31 पान पुष्प फल
32 वच पान पुष्प
33 सर्वोषधि
36 पान पुष्प फल
39 अनार के छिलके
41 गंध पुष्प पान फल मिश्री जाय फल  चन्दन धूप
महआहुति ****/////
अगर केसर कस्तूरी कमल गट्टा पत्र पुष्प फल जाय फल विल्वफल  मिश्री

******/////******/////////*******////////*******

तेरहँवा अध्याय

1 पत्र पुष्प फल
3 विष्णु कांता
5 पान पत्र  पुष्प फल
6 पान पत्र पुष्प फल
9 पुष्प  भोजपत्र
10 पान पुष्प गन्ध धूप फल
11 गन्ना
12 पान पुष्प फल  खोपरा बूरा गुड़
13 पान पुष्प फल दूर्वा शमीपत्र
14 पान पुष्प फल नारियल खंड फल
15 पान पुष्प फल
16 भैंसा गुगल काली मिर्च अशोक पुष्प या पत्र
18 पान पुष्प फल दूर्वा कनेर पुष्प शमीपत्र
19 कमलपुष्प अशोक पुष्प या पत्र
20 सरसो गुगल
22 अर्क कपूर
23 पुष्प फल
24 भोजपत्र
25 पुष्प फल पान
26 पुष्प फल पान
28 पुष्प फल पान
29 अर्क कपूर गंध फल पान सुपारी
महआहुति******//////पान शाकल्य लोंग इलायची सुपारी  विल्वफल गुगल कमल गट्टा फल शमीपत्र श्वेतकेसर कपूर पुष्प अर्क पुष्प  नारियल खंड फल
महआहुति///****

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Monday, 11 September 2017

शल्य चिकित्सा ( Sergury ) हेतु शुभ मुहूर्त का विचार निम्न प्रकार से करना चाहिए

शल्य चिकित्सा ( Sergury ) हेतु शुभ मुहूर्त का विचार निम्न प्रकार से करना चाहिए

शुभ तिथियां :-
2, 3, 5, 6, 7, 10, 12, 13 ( शुक्ल पक्ष की ) हैं।

शुभ वार :-
रविवार, मंगलवार, गुरूवार और शनिवार हैं।

शुभ नक्षत्र :-
अश्विनी,
मृगशिरा,
उत्तरा फाल्गुनी,
हस्त,
श्रवण
तथा विशाखा हैं।

उपर्युक्त शुभ मुहूर्त के निर्धारण में यदि शुभ तिथियां, वार तथा नक्षत्र का एक साथ निर्धारण नहीं हो पा रहा है तो इनमे से कमसे कम दो का चयन कर ऑपरेशन करवा लेना चाहिए।

जैसे —

जून 2017 में 4 जून को तिथि, वार तथा नक्षत्र नियम के अनुरूप है।

परन्तु इसके अतिरिक्त अन्य तिथि उपलब्ध नहीं है ऐसी स्थिति में हमें तिथि, वार तथा नक्षत्र में किसी दो का चयन कर ऑपरेशन करवा लेना चाहिए।

चूँकि अमावस्या को सूर्य और चंद्र दोनों का प्रभाव बराबर होता है इसलिए अमावस्या किसी भी शुभ कार्य के आरंभ के लिए शुभ नहीं मानी जाती है

लेकिन शल्य चिकित्सा के लिए अमावस्या सर्वोत्तम तिथि मानी गयी है,

क्योंकि उस दिन शरीर में द्रवों का प्रवाह बहुत ही कम होता है

लेकिन पूर्णिमा तिथि शल्य चिकित्सा के लिए बिलकुल भी उपयोगी नहीं मानी गयी है,

क्योंकि इस दिन शरीर के द्रवों का प्रवाह बहुत ही तेज होता है।

वैसे शल्य-चिकित्सा के लिए मंगलवार का दिन भी अति उत्तम माना गया है ।

लेकिन शल्य चिकित्सा के अतिरिक्त अमावस्या तिथि स्वास्थ्य के मामलो में ठीक नहीं मानी जाती है।

अमावस्या और अमावस्या से पूर्व कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी भी रोगियों के लिए घातक मानी गयी है।

ज्योतिष शास्त्र में रोगों के निदान के लिए कुछ ऐसे सयम सुनिश्चित किए हैं जिसमें उस रोग विशेष का यदि उपचार कर्म प्रारम्भ किया जाए तो शुभ फलदायी सिद्ध होता है

ज्योतिष की गूढ़ गणनाओं से सर्वथा अलग यह वह प्राकृतिक नियमों के अनुकूल समय हैं जो हर कोई सरलता से अपना कर आशातीत परिणाम पा सकता है।

1. साधारण में 11 से 3 बजे तक2. पेट के रोग

सुबह 7 से 9 बजे तक3. गुर्दे के रोग

दिन में 11 से 1 बजे तक4. शारीरिक कष्ट

सुबह 9 से 11 बजे तक5. लिवर के रोग

दिन में 1 से 3 बजे तक6. हृदय रोग

दिन में 11 बजे से 1 बजे तक7. मूत्र रोग

दिन में 3 से 5 बजे तक8. फेफड़े रोग

दिन में 3 से 5 बजे तक चीनी चिकित्सा पद्यति में माना गया है

शरीर में प्राकृतिक ऊर्जा की शक्ति दिन में 3 बजे से 5 बजे तक सर्वाधिक होती है।

इसलिए वहाँ सलाह दी जाती है कि गम्भीर रोगों का इलाज दिन के निर्दिष्ट समयानुसार ही किया जाए।

यदि शल्य चिकित्सा में जा रहे हैं तो इसी प्रकार प्रयास करें कि दोनों पक्षों की 4, 9, 14 तिथियाँ, सोमवार, मंगलवार अथवा गुरूवार और अश्विनी, मृगशिरा, पुष्प, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, श्रवण अथवा शतमिषा नक्षत्रों के संयोग एक साथ मिल जाएं।

यदि पूर्णतया विशुद्ध गणनाओं में जाना है तो ज्योतिष ज्ञान, ग्रहगोचर आदि का ज्ञान परम आवश्यक है।

औषधि सेवन के लिए प्रारम्भ करने के लिए समय के अभाव में यदि विशुद्ध गणना करना सम्भव न हो तब पंचाग से मात्र तिथि, वार और नक्षत्र देखकर उपचार प्रारम्भ कर सकते हैं।

शुक्ल पक्ष की 2, 3, 5, 6, 7, 8, 10, 11, 12, 13 और 15 तिथियाँ इसके लिए शुभ सिद्ध होती हैं।

संयोग से यह तिथियाँ रविवार, सोमवार, बुधवार, गुरूवार अथवा शुक्रवार की पड़ती हैं तो यह और भी अच्छा योग है।

इनमें यदि अश्विनी, मृगाशिरा, पुनर्वस, पुष्प, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूल, श्रवण, घनिष्ठा और रेवती नक्षत्र भी मिल जाए अर्थात् तिथि, दिन और नक्षत्र तीनों के संयोग एक साथ बन जाएं तब तो बहुत ही अच्छा

Sunday, 10 September 2017

नवरात्र पूजा के लिए हवन सामग्री

नवरात्र पूजा के लिए हवन सामग्री

कूष्माण्ड (पेठा),
15 पान,
15 सुपारी,
लौंग 15 जोड़े,
छोटी इलायची 15,
कमल गट्ठे 15,
जायफल 2,
मैनफल 2,
पीली सरसों,
पंच मेवा,
सिन्दूर,
उड़द मोटा,
शहद 50 ग्राम,
ऋतु फल 5,
केले,
नारियल 1,
गोला 2,
गूगल 20 0ग्राम,
लाल कपड़ा, चुन्नी,
गिलोय,
सराईं 5,
आम के पत्ते,
सरसों का तेल,
कपूर,
पंचरंग,
केसर,
लाल चंदन,
सफेद चंदन,
सितावर, कत्था,
भोजपत्र,
काली मिर्च,
मिश्री,
अनारदाना ।
सवा पांच सेर सामग्री का प्रमाण :

चावल 1.5 किलो,
घी एक किलो,
जौ 1.5 किलो,
तिल 2 किलो,
बूरा तथा सामग्री श्रद्धा के अनुसार।
अगर,
तगर,
नागर मोथा,
बालछड़,
छाड़छबीला,
कपूर कचरी,
भोजपत्र,
इन्द जौ,
सितावर,
सफेद चन्दन प्रत्येक एक रुपये का लेकर सामग्री में मिलावें।
आम या ढाक की सूखी लकड़ी 20 किलो।
नवग्रह की नौ समिधा

(आक, ढाक, कत्था, चिरचिटा, पीपल, गूलर, जांड, दूब, कुशा)।

नवरात्रि पूजन हवन सामग्री सहित (पूजन समग्री कम और ज्यादा कर सकते है ) इस सामान की मात्रा केवल अनुष्ठान के लिए अगर छोटा कार्यक्रम है तो सामान कम कर सकते है हमारा अगला ब्लाग दुर्गा हवन सामग्री लिस्ट सीघ्र ही उपलव्ध होगा लिंक ओपन करे

पर्णकुटी ज्योतिष केंद्र सब प्रकार की पूजा के लियेआबश्यक पूजन सामग्री लिस्ट सभी प्रकार की जटिल समस्याओ के समाधान हेतु शीघ्र सम्पर्क करे एबम अपनी कुंडली दिखाकर उचित मार्ग दर्शन प्राप्त करे ।

सम्पर्क सूत्र
Pandit : bhubneshwar
कस्तूरवानागर पर्णकुटी गुना
9893946810

(पूजन समग्री कम और ज्यादा कर सकते है )
इस सामान की मात्रा केवल अनुष्ठान के लिए
अगर छोटा कार्यक्रम है तो सामान म कर सकते है

=============================== 1हल्दीः--------------------------50 ग्राम
२】कलावा(आंटी)-------------100 ग्राम
३】अगरबत्ती------------------- 3पैकिट
४】कपूर------------------------- 50 ग्राम
५】केसर------------------------- 1डिव्वि
६】चंदन पेस्ट ------------------ 50 ग्राम
७】यज्ञोपवीत ----------------- 11नग्
८】चावल------------------------ 15 किलो
९】अबीर-------------------------50 ग्राम
१०】गुलाल, -----------------10 0ग्राम
११】अभ्रक-------------------
१२】सिंदूर --------------------100 ग्राम
१३】रोली, --------------------100ग्राम
१४】सुपारी, ( बड़ी)-------- 200 ग्राम
१५】नारियल ----------------- 15नग्
१६】सरसो----------------------50 ग्राम
१७】पंच मेवा------------------500 ग्राम
१८】शहद (मधु)--------------- 50 ग्राम
१९】शकर-----------------------0 1किलो
२०】घृत (शुद्ध घी)------------ 01किलो
२१】इलायची (छोटी)-----------10ग्राम
२२】लौंग मौली-------------------10ग्राम
२३】इत्र की शीशी----------------1 नग्
२४】रंग लाल----------------------10ग्राम
२५】रंग काला --------------------10ग्राम
२६】रंग हरा -----------------------10ग्राम
२७】रंग पिला ---------------------10ग्राम
२८】चंदन मूठा--------------------1 नग्
२९】धुप बत्ती ---------------------2 पैकि

=============================
अगर दासविधि स्नान करना हो तो ये मिट्टी लाना है
३०】सप्तमृत्तिका
1】 हाथी के स्थान की मिट्टि-----------50ग्राम
२】घोड़ा बांदने के स्थान की मिटटी--50ग्राम
३】बॉबी की मिटटी---------------------50ग्राम
४】दीमक की मिटटी-------------------50ग्राम
५】नदी संगम की मिटटी---------------50ग्राम ६】तालाब कीमिटटी-------------------50ग्रा
७】गौ शाला की मिटटी-----------------50ग्राम
राज द्वार की मिटटी-----------------------50ग्राम
दुर्गा प्रतिमाके लिए गंगा माटी ओर सोना गाची की मिट्टी

============================
अगर दासविधि स्नानं करना हो तो लआना है
३१】पंचगव्य
१】 गाय का गोबर -----------------50 ग्राम
२】गौ मूत्र-----------------------------50ग्राम
३】गौ घृत------------------------------50ग्राम
4】गाय दूध----------------------------50ग्राम
५】गाय का दही ---------------------50ग्राम =============================
३२】सप्त धान्य-कुलबजन--------100ग्राम
१】 जौ-----------
२】गेहूँ-
३】चावल-
४】तिल-
५】काँगनी-
६】उड़द-
७】मूँग =============================
३३】कुशा
३४】दूर्वा
35】पुष्प कई प्रकार के
३६】गंगाजल
३७】ऋतुफल पांच प्रकार के -----1 किलो

38】पंच पल्लव
१】बड़,
२】 गूलर,
३】पीपल,
४】आम
५】पाकर के पत्ते) =============================
३९】बिल्वपत्र
४०】शमीपत्र
४१】सर्वऔषधि
४२】अर्पित करने हेतु पुरुष बस्त्र
४३】मता जी को अर्पित करने हेतु सौ भाग्यवस्त्र सौभाग्य  सामग्री सहित  
भैरव के लिए किसी बालक को सुंदर बस्त्र
एक 9 बर्ष की कन्या के  लिए बस्त्र
44】जल कलश तांबे  पीतल सहित7 पूजन थाली कटोरी लोटा सहित
कलश  मिट्टी के 5

४५】 बस्त्र
१】सफेद कपड़ा दोमीटर)
२】लाल कपड़ा (2मीटर)
३】काला कपड़ा 2मीटर)
४】हरा कपड़ा 2मीटर)
0) पीला कपड़ा 2 मीटर

४६】पंच रत्न (सामर्थ्य अनुसार)
सिक्का चाँदी का सप्तघृत मातृका के लिए
४७】दीपक
४८】तुलसी दल
४८】केले के पत्ते
(यदि उपलब्ध हों तो खंभे सहित)
49】बन्दनवार
50】पान के पत्ते ------------11 नग
51】रुई
५२】भस्म
53】ध्वजालाल-1 पचरंगा -1
54】प्रसाद(अनुमानि) ============================

55】 अगर ब्राहम्णो के द्वारा अनुष्ठान करवा रहे है तो उनके लिए नित्य उपयोगी सामान ================================सावुन नहाने के---------------10
सावुन कपड़े धोने के --------10
सर्फ कपडे धोने का ---------1 किलो
मंजन -------------------------100ग्राम
तेल ----------------------------100ग्राम
-------------------------------------------------------------
56】========ब्राह्मण बरण सामग्री=======

1】धोती
२】दुपट्टा
३】आंगोछा
४】आसन
५】माला
६】गौमुखी
७】लोटा
८】पंचपात्र
९】चमची
१०】तष्टा
११】अर्घा
१२】 डाभ अंगूठी =============================

५७】=========नवग्रह समिधा=======
१】आक
२】 छोला
३】खैर
४】आंधी झाड़ा
५】पीपल
६】उमर(गूलर)
७】शमी
८】दूर्वा
९】कुशा ============================

नवरात्र पूजा के लिए  साधारण विशेष आहुतियों के लिए जैसे हवन सामग्रि

तीली से आधा चावल 
चावल से आधा जौ
जैसे तीली  3 किलो
तो': चावल 1 किलो 500 ग्राम
जौ 7500 ग्राम
शकर
घी
हवन सामग्री पैकिट

अब बाकी सामग्री का विधान तो है पर अनुमानित ही करते है ।

कूष्माण्ड (पेठा),
15 पान,
15 सुपारी,
लौंग 15 जोड़े,
छोटी इलायची 15,
कमल गट्ठे 15,
जायफल 2,
मैनफल 2,
पीली सरसों,
पंच मेवा,
सिन्दूर,
उड़द मोटा,
शहद 50 ग्राम,
ऋतु फल 5,
केले,
नारियल 1,
गोला 2,
गूगल 20 0ग्राम,
लाल कपड़ा, चुन्नी,
गिलोय,
सराईं 5,
आम के पत्ते,
सरसों का तेल,
कपूर,
पंचरंग,
केसर,
लाल चंदन,
सफेद चंदन,
सितावर, कत्था,
भोजपत्र,
काली मिर्च,
मिश्री,
अनारदाना ।
बूरा तथा सामग्री श्रद्धा के अनुसार।
अगर,
तगर,
नागर मोथा,
बालछड़,
छाड़छबीला,
कपूर कचरी,
भोजपत्र,
इन्द जौ,
सितावर,

आम या ढाक की सूखी लकड़ी 20 किलो।
नवग्रह की नौ समिधा
नवरात्र चाहे जितने भी पवित्र तरीके से क्यों न मनाए जाते हों,
लेकिन इस अवसर पर देवी की मूर्तियां बनाने में जिस खास तरह की मिट्टी का इस्तेमाल होता है, वह मिट्टी सोनागाछी से आती है।
सोनागाछी कोलकाता का रेडलाइट इलाका है।
दुर्गा मां ने अपनी भक्त वेश्या को वरदान दिया था कि तुम्हारे हाथ से दी हुई गंगा की चिकनी मिट्टी से ही प्रतिमा बनेगी।
उन्होंने उस भक्त को सामाजिक तिरस्कार से बचाने के लिए ऐसा किया।
तभी से सोनागाछी की मिट्टी से देवी की प्रतिमा बनाने की परम्परा शुरू हो गई। महालया के दिन ही दुर्गा मां की अधूरी गढ़ी प्रतिमा पर आंखें बनाई जाती हैं, जिसे चक्षु-दान कहते हैं। इस दिन लोग अपने मृत संबंधियों को तर्पण अर्पित करते हैं और उसके बाद ही शुरू हो जाता है देवी पक्ष। दुर्गा अपने पति शिव को कैलाश में ही छोड़ गणेेश, कार्तिकेय, लक्ष्मी और सरस्वती के साथ दस दिनों के लिए अपने पीहर आती है।

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संपर्क -किसी भी प्रकार की पूजा जैसे -
सतचण्डीपाठ ,
नवरात्रिपाठ ,
महामृत्यंजय ,
वास्तु पूजन, ग्रह प्रवेश ,

श्री मदभागवत कथा,
श्री राम कथा , करवाने हेतु
एबम ज्योतिष द्वारा समाधान,आदि की जानकारी के
लिए

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संपर्क सूत्र पंडित -परमेश्वर दयाल शास्त्री (मधुसुदनगड़) 09893397835 =============================

पंडित-भुबनेश्वर दयाल शास्त्री (पर्णकुटी गुना) 09893946810 ============================

पंडित -घनश्याम शास्त्री(parnkuti guna ) 09893983084 =============================

विशेष संपर्क
कस्तूरवा नगर पर्णकुटी आश्रम
गुना ऐ -बी रोड दा होटल सारा के सामने 09893946810
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