ज्योतिष समाधान

Monday, 12 February 2018

महाशिवरात्रि व्रत में निशीथ व्यापिनी चतुर्दशी ग्राह्य है। इस वर्ष तिथि त्रयोदशी तथा चतुर्दशी दोनो दिन निशीथ व्यापिनी चतुर्दशी प्राप्त होने से दिनद्वय महाशिवरात्रि व्रत का योग है। किन्तु ऐसी स्थिति में स्कन्दपुराण, पद्मपुराण, स्मृतिग्रन्थ आदि के वचनों के अनुसार जया (त्रयोदशी) युक्त तथा भद्रा युक्त निशीथ  व्यापिनी चतुर्दशी को ही महाशिवरात्रि व्रत करना चाहिए ।

महाशिवरात्रिव्रत निर्णय/-

महाशिवरात्रि व्रत में निशीथ व्यापिनी चतुर्दशी ग्राह्य है।
इस वर्ष तिथि त्रयोदशी तथा चतुर्दशी दोनो दिन निशीथ व्यापिनी चतुर्दशी प्राप्त होने से दिनद्वय महाशिवरात्रि व्रत का योग है। किन्तु ऐसी स्थिति में स्कन्दपुराण, पद्मपुराण, स्मृतिग्रन्थ आदि के वचनों के अनुसार जया (त्रयोदशी) युक्त तथा भद्रा युक्त निशीथ  व्यापिनी चतुर्दशी को ही महाशिवरात्रि व्रत करना चाहिए ।

त्रयोदशी यदा देवी
दिनयुक्ति प्रमाणतः।।
जागरे शिवरात्रि:स्मानिशि
पूर्णा चतुर्दशी।।
जयन्ती शिवरात्रिश्च
कार्ये भद्राजयान्विते ।।(स्कन्दपुराण)

भवेद्यत्र त्र्योदश्यां
भूतव्याप्ता महानिशा।। 
शिवरात्रि व्रतं तत्र
कुर्याजागरणमं तथा।।
(स्मृति)
ि फाल्गुन कृष्णपक्ष की चतुर्दशी शिवरात्रि होती है।
परन्तु इसके निर्णय के प्रसंग में कुछ आचार्य प्रदोष व्यापिनी चतुर्दशी तो कुछ निशीथ व्यापिनी चतुर्दशी में महाशिवरात्रि मानते है।
परन्तु अधिक वचन निशीथ व्यापिनी चतुर्दशी के पक्ष में ही प्राप्त होते है।
कुछ आचार्यों जिन्होने प्रदोष काल व्यापिनी को स्वीकार किया है वहाॅं उन्होने प्रदोष का अर्थ ‘अत्र प्रदोषो रात्रिः’ कहते हुए रात्रिकाल किया है।

ईशान संहिता में स्पष्ट वर्णित है कि ‘‘

फाल्गुनकृष्णचतुर्दश्याम् आदि देवो महानिशि।
शिवलिंगतयोद्भूतः कोटिसूर्यसमप्रभः।।

तत्कालव्यापिनी ग्राहृा शिवरात्रिव्रते तिथिः।।’

फाल्गुनकृष्ण चतुर्दशी की मध्यरात्रि में आदिदेव भगवान शिव लिंग रूप में अमितप्रभा के साथ उद्- भूूूत हुए अतः अर्धरात्रि से युक्त चतुर्दशी ही शिवरात्रि व्रत में ग्राहृा है।

धर्मशास्त्रीय उक्त वचनों के अनुसार इस वर्ष

दिनांक 13/02/2018 ई. को चतुर्दशी का आरम्भ रात्रि 10ः 22 बजे हो रहा है
तथा इसकी समाप्ति अग्रिम दिन दिनांक 14/02/2017 ई. को रात्रि 12: 17 मिनट पर हो रही है।

अतः ‘एकैक व्याप्तौ तु निशीथ निर्णयः’’

शास्त्र वचनों के अनुसार 13 फरवरी 2018 मंगलवार को  ही शिवरात्रि व्रत करना उचित है l

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