ज्योतिष समाधान

Wednesday, 27 July 2016

=========शिव लिंगाष्टकम===========

ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिङ्गं निर्मलभासित शॊभित लिङ्गम् । जन्मज दुःख विनाशक लिङ्गं तत्-प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ॥ 1 ॥

दॆवमुनि प्रवरार्चित लिङ्गं कामदहन करुणाकर लिङ्गम् । रावण दर्प विनाशन लिङ्गं तत्-प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ॥ 2 ॥

सर्व सुगन्ध सुलॆपित लिङ्गं बुद्धि विवर्धन कारण लिङ्गम् । सिद्ध सुरासुर वन्दित लिङ्गं तत्-प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ॥ 3 ॥

कनक महामणि भूषित लिङ्गं फणिपति वॆष्टित शॊभित लिङ्गम् । दक्ष सुयज्ञ निनाशन लिङ्गं तत्-प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ॥ 4 ॥

कुङ्कुम चन्दन लॆपित लिङ्गं पङ्कज हार सुशॊभित लिङ्गम् । सञ्चित पाप विनाशन लिङ्गं तत्-प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ॥ 5 ॥

दॆवगणार्चित सॆवित लिङ्गं भावै-र्भक्तिभिरॆव च लिङ्गम् । दिनकर कॊटि प्रभाकर लिङ्गं तत्-प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ॥ 6 ॥

अष्टदलॊपरिवॆष्टित लिङ्गं सर्वसमुद्भव कारण लिङ्गम् । अष्टदरिद्र विनाशन लिङ्गं तत्-प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ॥ 7 ॥

सुरगुरु सुरवर पूजित लिङ्गं सुरवन पुष्प सदार्चित लिङ्गम् । परात्परं परमात्मक लिङ्गं तत्-प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ॥ 8 ॥

लिङ्गाष्टकमिदं पुण्यं यः पठॆश्शिव सन्निधौ । शिवलॊकमवाप्नॊति शिवॆन सह मॊदतॆ ॥

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