घर की दीवारों पर रेंगती छिपकली को शकुन शास्त्र में बड़ा ही महत्व दिया गया है। इनके विषय में कहा गया है कि
दिपावली की रात
【१】अगर छिपकली दिख जाए तो पूरे साल धन का आगमन बना रहता है।
【२】अगर किसी व्यक्ति के सिर पर छिपकली गिर जाए तो यह संकेत होता है कि आने वाले कुछ समय में धन का लाभ होने वाला है।
【३】ललाट पर छिपकली का गिरना बताता है कि किसी प्रिय बंधु बांधवों से भेंट मुलाकात होने वाली है।
【४】अगर कभी दोनों भौह के बीच छिपकली गिर जाए तो यह उत्तम संकेत माना जाता है। इससे राजसम्मान की प्राप्ति होती है।
【५】नासिका पर छिपकली का गिरना बताता है कि कहीं से धन प्राप्त होने वाला है।
【६】दाहिनी भुजा पर छिपकली का गिरना यह बताता है कि किसी विरिष्ठ व्यक्ति से लाभ व सम्मान मिलने वाला है।
【६】जिस व्यक्ति के पेट पर छिपकली गिरती है उसे वस्त्र और आभूषण का लाभ मिलता है।
【७】 दोनों हाथों पर छिपकली गिरने का भी यही फल प्राप्त होता है।
【८】सिर पर गिरैं राज सुख पावै।
और लालट ऐस्वर्यहि आवै।।
【९】कंठ मिलावै पिय को लाई।
काँधे पड़े बिजय दरसाई।।
【१०】जुगल कान और जुगल भुजाहू।
गोधा गिरे होय धन लाहू।।
【११】हाथन ऊपर जो कहूँ गिरई,
सम्पति सकल गेह में धरई।।
【१२】निश्चय पीठ परै सुख पावै।
परे काँख पिय बंधु मिलावै।।
【१३】कटि के परे वस्त्र बहु रंगा।
गुदा परे मिल मित्र अभंगा।।
【१४】जुगल जाँघ पर आनि जो परई।
धन गन सकल मनोरथ भरई।।
【१५】परे जाँघ नर होइ निरोगी।
परब परे तन जीव वियोगी।।
【१६】या विधि पल्ली सरट विचारा।
कहयो भड्डरी जोतिस सारा।।
भावार्थ- छिपकली यदि सिर पर गिरे तो राजसुख मिलता है,
ललाट पर गिरे तो ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है,
कंठ पर गिरे तो प्रियजन से भेंट होती है,
कंधे पर गिरे तो विजय होती है,
यदगि दोनों कानों और दोनों भुजाओं पर गिरे तो धन का लाभ होता है,
यदि हाथों पर गिरे तो धन आता है,
पीठ पर गिरे तो निश्चित सुख मिलता है,
काँख पर पड़े तो धन आदि सभी मनोरथ पूरेत होते हैं।
एक जाँघ पर पड़े तो मनुष्य निरोगी रहता है,
यदि पर्व के दिन गिरे तो शरीर और जीव का वियोग होगा।
इस प्रकार ज्योतिष का सार लेकर छिपकली पर भड्डरी का यहि विचार है।
आने वाले समय में क्या होगा ये तो किसी को पता नहीं होता। लेकिन पशु-पक्षी और जीव-जंतु भी विभिन्न तरह से हमें भविष्य में होने वाली घटनाओं से अवगत कराते हैं। घरों में आमतौर पर पाई जाने वाली छिपकली भी भविष्य में होने वाली कई घटनाओं के बारे में संकेत करती है। इसका वर्णन शकुन शास्त्र में मिलता है। तो जानिए छिपकली से जुड़े शकुन और अपशकुनों के बारे में।
【१७】 – नए घर में प्रवेश करते समय यदि गृहस्वामी को छिपकली मरी हुई व मिट्टी लगी हुई दिखाई दे तो उसमें निवास करने वाले लोग रोगी हो सकते हैं, ऐसा शकुन शास्त्र में लिखा है। इस अपशकुन से बचने के लिए पूरे विधि-विधान से पूजन करने के बाद ही नए घर में प्रवेश करना चाहिए।
【१८】– अगर छिपकली समागम करती मिले तो किसी पुराने मित्र से मिलना हो सकता है।
【१९】लड़ती दिखे तो किसी दूसरे से झगड़ा संभव है
【२०】और अलग होती दिखे तो किसी प्रियजन से बिछुडऩे का दु:ख सहन करना पड़ सकता है।
【२१】– शकुन शास्त्र के अनुसार दिन में भोजन करते समय यदि छिपकली का बोलना सुनाई दे शीघ्र ही कोई शुभ समाचार मिल सकता है या फिर कोई शुभ फल प्राप्त हो सकता है। हालांकि ये घटना बहुत कम होती है क्योंकि छिपकली अधिकांश रात के समय बोलती है।
【२२】 छिपकली अगर माथे पर गिरती है तो संपत्ति मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
【२३】 यदि छिपकली आपके बालों पर गिरती है, इसका मतलब मृत्यु सामने खड़ी है।
【२४】दाहिने कान पर छिपकली का गिरना यानी आभूषण की प्राप्ति होगी। बाएं कान पर छिपकली का गिरना यानी आयु वृद्धि।
【२५】नाक पर छिपकली गिरना यानी जल्द ही भाग्योादय होगा।
【२६】मुख पर छिपकली गिरना यानी मधुर भोजन की प्राप्ति होगी।
【२७】बाएं गाल पर छिपकली गिरना यानी पुराने मित्र से मुलाकात होगी। दाहिने गाल पर छिपकली गिरना यानी आपकी उम्र बढ़ेगी।
【२८】गर्दन पर छिपकली गिरने का मतलब यश की प्राप्ति होगी।
【२९】 दाढ़ी पर छिपकली गिरने का मतलब आपके सामने जल्दा ही कोई भयावह घटना हो सकती है।
【३०】 मूंछ पर छिपकली गिरना यानी सम्मापन की प्राप्ति।
【३१】 भौंह पर छिपकली गिरना यानी धन हानि।
【३२】 दाहिनी आंख पर छिपकली गिरने का मतलब किसी दोस्तत से मुलाकात होगी।
【३४】बाईं आंख पर छिपकली गिरने का मतलब जल्दख ही कोई बड़ी हानि होगी।
【३५】कंठ पर छिपकली गिरने का मतलब शत्रुओं का नाश होगा।
【३६】 दाहिने कंधे पर छिपकली गिरने पर विजय की प्राप्ति होती है।
【३७】बाएं कंधे पर अगर छिपकली गिरे तो नए शत्रु बनते हैं।
【३८】 दाहिनी भुजा पर छिपकली गिरे तो धन लाभ मिलता है।
【३९】बायीं भुजा पर छिपकली गिरने से संपत्ति छिनने की आशंका बढ़ती है।
【४०】दाहिनी हथेली पर छिपकली गिरने से कपड़े मिलते हैं।
【४१】 बाईं हथेली पर छिपकली गिरने पर धन की हानि होती है।
【४२】– छाती के दाहिनी ओर छिपकली गिरने से जल्द ही ढेर सारी खुशियां मिलती हैं
【४३】जबकि बाईं ओर गिरने से घर में ज्यादा क्लेश होता है।
【४४】 पेट पर छिपकली गिरने से आभूषण की प्राप्ति होती है।
【४५】 कमर के बीच में अगर छिपकली गिरे तो आर्थिक लाभ मिलता है।
【४६】पीठ पर दाहिनी ओर छिपकली गिरने से सुख मिलता है
【४७】 जबकि बाईं तरफ छिपकली गिरने का मतलब रोग का दस्तक देना है।
【४८】पीठ पर बीच में अगर छिपकली गिरती है तो घर में कलह होती है।
【४९】 नाभि पर छिपकली गिरने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
【५०】दाहिनी जांघ पर छिपकली गिरने से सुख मिलता है। वहीं
【५१】 बाईं जांघ पर छिपकली गिरने से दु:ख ही दु:ख यानी शारीरिक पीड़ा।
【५२】 दाहिने घुटने पर छिपकली गिरने से यात्रा का संयोग बनेगा। बाएं घुटने पर छिपकली गिरने का मतलब बुद्धि की हानि है।
【५३】 दाएं पैर या दाएं एड़ी पर छिपकली गिरना यानी यात्रा से लाभ मिलता है।
【५४】बाएं पैर या बाईं एड़ी पर छिपकली गिरने से बीमारी या घर में कलह होगी। दु:ख मिलेगा।
【५५】दाएं पैर के तलवे पर छिपकली गिरने का मतलब ऐश्वर्य की प्राप्ति है।
【५६】वहीं बाएं पैर के तलवे पर छिपकली गिरने का मतलब व्यापार में हानि होगी।
पंडित-भहुबनेश्वर
कस्तूरवानगर पर्णकुटी
A.B.rod guna
M.o. 09893946810
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