ज्योतिष समाधान

Monday, 18 July 2016

छींक से सगुन् और अपसगुन् कैसे जाने

राम चरित्र मानस के अनुसार  छींक का  बहूत बड़ा महत्व हे ।जिस समय श्री राम जी को मनाने भरत जी चित्र कूट जाते हे ।उस समय निषाद राज भरत जी से युध्द करने को तैयार हो जाता हे  । परन्तु उसी समय ऐक सेनिक को  बाए  छिक हो जाती हे ।तव उसी में से ऐक बूडा आदमी छींक सगुन् बताता है ।और ऐक बुरा समय टल जाता है।
कोई भी सगुन् केवल सोच विचार कर कार्य करने को कहता है ।
प्रमाण के तोर पर  रमायण की बही चोपाई पाठक गणों के लिए प्रस्तुत है ।
                                
【१】जीवत पाउ न पाछे धरहिं।
रुण्ड मुंड में मेदिनि करइ।।
【२】दीख निषाद नाथ भल टोलु।
कहयु बजाउ जुझाउ ढोलू।।

【३】【【【एतना कहत छींक भई बाए।
कहउ सगुनिअन्ह खेत सुहाए।।】】】】

【४】बुढ़ एक कह सगुन् विचारी।
भरतहि मिलिअ न होइ रारी।।

यदि कोई व्यक्ति दिन के प्रथम प्रहर ( सुबह 6 से 9 बजे तक) में पूर्व दिशा की ओर छींक की ध्वनि सुनता है तो उसे अनेक कष्ट झेलने पड़ते हैं। दूसरे प्रहर ( सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक) में सुनता है तो शारीरिक कष्ट, तीसरे प्रहर ( दोपहर 12 से 3 बजे तक) में सुनता है तो दूसरे के द्वारा स्वादिष्ट भोजन की प्राप्ति और चौथे प्रहर (दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक) में सुनता है तो किसी मित्र से मिलना होता है।शकुन शास्त्र के अनुसार किसी प्रवासी (कोई मित्र या रिश्तेदार) के जाते समय कोई उसके बांई ओर छींकता है तो यह अशुभ संकेत है।
अगर जरूरी न हो तो ऐसी यात्रा टाल देनी चाहिए।

जैसे आसन, शयन, शौच, दान, भोजन, औषध सेवन, विद्यारंभ, बीजारोपण, युद्ध या विवाह में जाते वक्त बाईं ओर या पृष्ठ भाग में हुई छींक शुभ होती है -

भोजने शयने दाने आसने वामे पृष्ठे
युद्धे औषधसेवने अध्ययने बीजवापे एषु शुभा।

सामने की छींक लड़ाई-झगड़े को बतलाती है। पीछे की छींक से सुख

1- यदि घर से निकलते समय कोई सामने से छींकता है तो कार्य में बाधा आती है। अगर एक से अधिक बार छींकता है तो कार्य सरलता से संपन्न हो जाता
है।

2- किसी मेहमान के जाते समय कोई उसके बाईं ओर छींकता है तो यह अशुभ संकेत है।

3- कोई वस्तु क्रय करते समय यदि छींक आ जाए तो खरीदी गई वस्तु से लाभ होता है।

4- सोने से पूर्व और जागने के तुरंत बाद छींक की ध्वनि सुनना अशुभ माना जाता है।

5- नए मकान में प्रवेश करते समय यदि छींक सुनाई दे तो प्रवेश स्थगित कर देना ही उचित होता है।

6- व्यावसायिक कार्य आरंभ करने से पूर्व छींक आना व्यापार वृद्धि का सूचक होती है।

7- कोई मरीज यदि दवा ले रहा हो और छींक आ जाए तो वह शीघ्र ही ठीक हो जाता है।

8- भोजन से पूर्व छींक की ध्वनि सुनना अशुभ मानी जाती है।
9- यदि कोई व्यक्ति दिन के प्रथम प्रहर में पूर्व दिशा की ओर छींक की ध्वनि सुनता है तो उसे अनेक कष्ट झेलने पड़ते हैं।

 दूसरे प्रहर में सुनता है तो देह कष्ट,

 तीसरे प्रहर में सुनता है तो दूसरे के द्वारा स्वादिष्ट भोजन की प्राप्ति

 और चौथे प्रहर में सुनता है तो किसी मित्र से मिलना होता है। जैसे.......

उत्तर छींक करे कलही।
                      ईसान दिशा धन कोटिबड़ावै
पूरव मित्र मिलै अपनों
                     अग्नेय अचानक मृत्त्यु जनाबै
दच्छिन हानि करै धन को
                    नैरत्य नवो ऋद्धि सिद्धि  जनाबै
पशिचम भोजन मीठ मिलै
                       वायव्य उच्चासन बैठन पाबै

इसी तरह कोई आकर प्रश्न पूछे तो प्रश्न के समय पूर्व में छींक हो तो मृत्यु, 

अग्नि कोण में छींक हो तो शोक

, दक्षिण में हो तो धन हानि, 

नैऋत्य में हो तो प्रिय से मिलन, 

पश्चिम में हो तो स्वादिष्ट आहार मिले, 

वायव्य में हो तो धन-सम्पत्ति का लाभ, 

उत्तर में हो तो कलह, 

ईशान में हो तो धन का आगमन, 

ऊपर से कोई छींके तो अधिक हानि व कष्ट

 एवं यदि नीचे से कोई छींके तो सब प्रकार से लाभ होता है।

10- धार्मिक अनुष्ठान या यज्ञादि प्रारंभ करते समय कोई छींकता है तो अनुष्ठान संपूर्ण नहीं होता

6. नए मकान में प्रवेश करते समय यदि छींक सुनाई दे तो प्रवेश स्थगित कर देना ही उचित होता है या फिर किसी योग्य ब्राह्मण से इसके बारे में विचार कर ही घर में प्रवेश करना चाहिए

10. शकुन शास्त्र के अनुसार भोजन करने से पहले छींक की ध्वनि सुनना अशुभ माना जाता है।

11. यदि घर से निकलते समय कोई सामने से छींकता है तो कार्य में बाधा आती है, लेकिन एक से अधिक बार छींकता है तो काम आसानी से पूरा हो जाता है

ऊंची छींक बड़ी ही उत्तम होती है। नीची छींक बड़ी दुखदायिनी होती है और चलते समय अपनी छींक बड़ा दुख देने वाली होती है।

दाईं तरफ की छींक धन को नष्ट करती है। बाईं तरफ की छींक से सुख मिलता है।

शुभ कार्य के लिए जाते समय यदि गाय या उसका बछड़ा छींक दे तो निश्चित कार्य सिद्धि होती है। यह शकुन धन वृद्धि का भी सूचक है।

* मार्ग में यदि गजराज छींक दे तो राज्य लाभ होता है।

* रास्ते में अथवा घर के बाहर यदि कुत्ता छींक दे तो विघ्न और विपत्ति की सूचना है, यदि कुत्ता एक से अधिक बार छींक दे तो विपत्ति के टल जाने की संभावना है।
दु:स्थान, श्मशान तथा किसी दुर्घटना स्थल पर कोई व्यक्ति छींक मार देता है तो इसे वैदिक साहित्य में शुभ माना जाता है।

* भूकम्प, दुर्भिक्ष या महामारी की सूचना पर यदि जीव-जंतु तथा मनुष्य छींक दें तो अनिष्ट के दूर होने की संभावना रहती है।

* रसोई में दूध उबलते समय यदि गृहिणी छींक दे तो आपत्तिजनक है।

* दवाई का सेवन करते समय यदि छींक आए और औषधि गिर जाए तो रोग का निवारण शीघ्र होता है।

सामान्यतया तो किसी भी कार्य के प्रस्थान के समय छींक शुभ नहीं होती।
जब छींक हो तो कोई कार्य ना करें, लेकिन महत्वपूर्ण प्रस्थान के समय सम्मुख कोई छींक दे तो कार्य में विघ्न-बाधा,
लेकिन पीठ के पीछे से कोई छींक दे तो अशुभ।

दायीं तरफ की छींक दोष कारक, लेकिन बायीं तरफ की कम दोषी व सिर के ऊपर ऊंचाई से कोई छींक दे तो अति अशुभ होती है।
अपने या पराये घर से निकलते ही कोई छींक दे तो अशुभ, लेकिन घर में प्रवेश करते ही कोई छींक दे तो शुभ होता है।
भोजन के प्रारंभ में छींक अशुभ, लेकिन भोजन के अंत में या नये वस्त्र या आभूषण धारण करते समय वर्तमान स्वर की दिशा में (पीठ पीछे के अलावा) छींक हो तो शुभ होती है, पुन: शीघ्र ही उत्तम भोजन या वस्त्रादि प्राप्त होते हैं।

अत्यधिक छोटे बालक या रोगी की छींक का विचार नहीं करना चाहिए।
शयन करने से पहले या शयन के बाद जागने से पूर्व छींक शुभ नहीं होती, परिश्रम और चिंता की वृद्धि होती है।
किसी कार्य का विचार चल रहा हो और उस समय छींक हो तो कार्य ही नष्ट हो जाता है।
स्वयं को छींक आ जाये तो थोड़ी देर रुकने के बाद कार्य प्रारंभ करना चाहिए।

कोई व्यक्ति घर में बैठा हो और किसी महत्वपूर्ण कार्य का विचार मन में उत्पन्न हो उस समय यदि पूर्व में छींक हो तो निश्चित लाभ, अग्निकोण में हो तो हानि, दक्षिण में हो तो धन व मान हानि, नैऋत्य में हो तो उद्वेग या अशांति हो, पश्चिम में धन-लाभ, वायव्य में सहयोग व सुविधा अच्छी मिले, उत्तर में हो तो लाभ और ईशान कोण में कोई छींक दे तो कार्य में लाभ होता है।

रोगी के बारे में स्वास्थ्य लाभ का प्रश्न हो तब कोई छींके या जो चिकित्सक या वैद्य को बुलाने जाये
उसी को छींक आ जाए तो रोगी की मृत्यु होती है
लेकिन यदि चिकित्सक घर पर आये और चिकित्सक को ही छींक आ जाये तो रोगी ठीक हो जाता है।

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