************************************
*सूर्य का परिचय*
*सूरज होता उच्च मेष में,*
*नीच तुला में हो जाता है।*
*स्वगृही और मूलत्रिकोण सब,*
*सिंह राशि में कहलाता है।*
*शासन सत्ता मान प्रतिष्ठा,*
*पद मिलता सर्वोच्च।*
*10 अंश पर हो जाता जब,*
*मेष में रवि परमोच्च।।*
*चंद्र का परिचय*
*मन के कारक चंद्रदेव हैं,*
*2 में उच्च 8 में नीच।*
*कर्क राशि में अपने घर के,*
*मूल त्रिकोण हैं वृष के बीच।*
*राशि दूसरी अंश 3 पर,*
*परमोच्च हो जाते चंदा।*
*धन दौलत से घर भरते पर,*
*चंचल मन का होता बंदा।।*
*मंगल का परिचय*
*सेनापति हैं उच्च मकर में,*
*नीच कर्क में हो जाते हैं।*
*1और 8 में अपने घर के,*
*मूलत्रिकोण मेष में कहलाते हैं।।*
*अंश 28 प्राप्त करें जब,*
*परम बली हो जाते मंगल।*
*शत्रु नाश करते हैं महिसुत,*
*बली होय नर जीते दंगल।।*
*बुध का परिचय*
*बुध वाणी के कारक होते,*
*कन्या राशि बहुत पसंद है।*
*यही उच्च व मूलत्रिकोण है,*
*अपने घर में परमानंद है।*
*मिथुन में भी निज घर के होते,*
*नीच मीन में हो जाते हैं।*
*पक्ष अंश पर परम उच्च हो,*
*यह भविष्य भी बतलाते हैं।।*
*गुरु का परिचय*
*देवगुरु हैं उच्च कर्क में,*
*नीच मकर में होते हैं।*
*धनु मीन में अपने घर के,*
*धनु मूलत्रिकोणी होते हैं।*
*5 अंश पर कर्क राशि में,*
*परम उच्च पद पाते हैं।*
*धर्म-कर्म में मन लगता है,*
*सुख संपत्ति भी दे जाते हैं।।*
*शुक्र का परिचय*
*निशाचरों के गुरु शुक्र हैं,*
*उच्च मीन में हो जाते हैं।*
*कन्या राशि में नीच के होते,*
*मन को बहुत ये भरमाते हैं।*
*दो और सात तो अपना घर है,*
*मूलत्रिकोण भी तुला में है।*
*जिनके 27 अंश में परम उच्च हों,*
*उनके सम कौन जिला में है?*
*शनि का परिचय*
*बाप का उल्टा बेटा चलता,*
*उच्च तुला में नीच मेष में।*
*मकर कुंभ में अपने घर का,*
*मूल त्रिकोणी मकर राशि में।*
*कर्म का फल देता है रवि सुत,*
*करता सबकी तफ्तीश।*
*कर देता है रंक से राजा,*
*हो तुला अंश जब बीस।।*
*राहु का परिचय*
*वृष में उच्च नीच वृश्चिक में,*
*राहु की उल्टी चाल है।*
*मिथुन में मूलत्रिकोण व निज घर,*
*करते यहीं कमाल हैं।*
*केवल सिर है जिधर देखते,*
*उधर कराते पंगा हैं।*
*अशुभ प्रभावी महादशा में,*
*करवा देते दंगा हैं।।*
*केतु का परिचय*
*राहु से उल्टा केतु रहते,*
*उच्च 8 में नीच वृषभ में,*
*धनु राशि में बैठे हों तो,*
*मूलत्रिकोण होय स्वगृह में।*
*धड़ केतु है यदि शुभ में हो,*
*ध्वजा सदा फहराते हैं।*
*व्यय भाव में बैठे हों तो,*
*मोक्ष दायक बन जाते हैं।।*
🌹🌹👏👏💐💐
No comments:
Post a Comment