ज्योतिष समाधान

Monday, 12 August 2024

#भद्रा 2024

ॐ श्री गणेशाय नमः ।
इस वर्ष फिर से रक्षाबंधन के समय को लेकर असमंजस की स्थिति ।
वैसे तो वार्षिक पर्व त्यौहार में भद्रा पंचक आदि विचारणीय नहीं होते हैं ।
फिर भी जिनको भद्रा का विचार करना ही है उनके लिए हमने 19 मार्च 2024 को भद्रा के सही समय निर्धारण हेतु शोध पत्र जारी कर दिया था ।
पूर्णिमा के आरंभ होने के साथ भद्रा का आरंभ नहीं होता ।
यदि पूर्णिमा पूरे 24 घंटे के लिए होती है तो 7 घंटे 48 मिनट के बाद भद्रा का समय आरंभ होता है जो केवल 3 घंटे 12 मिनट के लिए ही रहता है ।
इस वर्ष 19 अगस्त को पूर्णिमा लगभग 20 घंटे 50 मिनट यानिकि 52 घड़ी पांच पल दर्शायी गई है ।
अब क्योंकि पूर्णिमा में तृतीय प्रहर की अंतिम तीन घड़ी भद्रा की पुच्छ होती है और चतुर्थ प्रहर की प्रथम पांच घड़ी भद्रा का मुख होता है ।
पूर्णिमा के कुल समय को 8 से भाग करने पर एक प्रहर का समय आ जाता है ।
19 अगस्त को पूर्णिमा का आरंभ प्रातः 3:09 am पर हो रहा है ।
लगभग 10:57:44 am पर तीन प्रहर व्यतीत हो जायेंगे ।
और तृतीय प्रहर की अंतिम तीन घड़ी यानिकि एक घंटा 12 मिनट पहले भद्रा का आरंभ होगा ।
भद्रा का समय 9:45:44 से 12:57:44 तक केवल तीन घंटे 12 मिनट का रहेगा ।
इसमें भी विशेष कार्य हेतु विशेष रूप से मुख की पांच घड़ी ही त्याज्य होती है पुच्छ की तीन घड़ी ग्राह्य  होती हैं ।
विशेष रूप से यदि निषेध समय भी देखा जाए तो 10:57:44 से 12:57:44 तक का हुआ ।
इस समय में भद्रा का विशेष रूप से पूजन करना चाहिए और अर्गला स्तोत्र का पाठ करना चाहिए ।
और एक विशेष बात सोमवार और शुक्रवार की भद्रा कल्याणी होती है ।
मकर के चंद्रमा में भद्रा का वास मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार पाताल में होता है ।ज्योतिषसार के अनुसार मृत्यु लोक में होता है ।
काशीनाथ भट्ट (शीघ्र बोध) के अनुसार स्वर्ग लोक में होता है ।
तो पहले विद्वतजन यही निश्चित कर लें कि कौन सा ग्रंथ सही है भद्रा का वास्तव में वास कब कहां होता है ?
  आम जनमानस भ्रमित होने से बचें और
19 अगस्त को प्रातः काल से ही अपने पर्व त्यौहार को हर्ष उल्लास के साथ मनाएं ।

Gurudev 
Bhubneshwar
9893946810

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