*_जिस भी कवि ने लिखा है, उसे_*
*_शत-शत नमन्
_१] अंधों को दर्पण क्या देना_
_बहरों को भजन सुनाना क्या_
_जो रक्त पान करते उनको_
_गंगा का नीर पिलाना क्या.._
_२】हमने जिनको दो आँखे दी_
_वो हमको आँख दिखा बैठे_
_हम शांति यज्ञ में लगे रहे_
_वो श्वेत कबूतर खा बैठे.._
_३】वो छल पे छल करता आया_
_हम अड़े रहे विश्वासों पर_
_कितने समझौते थोप दिए_
_हमने बेटों की लाशों पर.._
_४】अब लाशें भी यह बोल उठी_
_मत अंतर्मन पर घात करो_
_दुश्मन जो भाषा समझ सके_
_अब उस भाषा में बात करो.._
_५】वो झाड़ी है, हम बरगद हैं_
_वो है बबूल हम चन्दन हैं_
_वो है जमात गीदड़ वाली_
_हम सिंहों का अभिनन्दन हैं.._
_६】ऐ पाक तुम्हारी धमकी से_
_यह धरा नहीं डरने वाली_
_यह अमर सनातन माटी है_
_ये कभी नहीं मरने वाली.._
_७】तुम भूल गए सन् अड़तालिस_
_पैदा होते ही अकड़े थे_
_हम उन कबायली बकरों की_
_गर्दन हाथों से पकड़े थे.._
_८】तुम भूल गए सन् पैंसठ को_
_तुमने पंगा कर डाला था_
_छोटे से लाल बहादुर ने_
_तुमको नंगा कर डाला था.._
_९】तुम भूले सन् इकहत्तर को_
_जब तुम ढाका पर ऐंठे थे_
_नब्बे हजार पाकिस्तानी_
_घुटनों के बल पर बैठे थे.._
_१०】तुम भूल गए करगिल का रण_
_हिमगिरि पर लिखी कहानी थी_
_इस्लामाबादी गुंडों को_
_जब याद दिलाई नानी थी.._
_११】तुम सारी दुर्गति भूल गए_
_फिर से बवाल कर बैठे हो_
_है उत्तर खुद के पास नहीं_
_हमसे सवाल कर बैठे हो.._
_१२】बिगड़ैल किसी बच्चे जैसे_
_आलाप तुम्हारे लगते हैं_
_तुम भूल गए हो रिश्ते में_
_हम बाप तुम्हारे लगते हैं.._
_१३】बेटा पिटने का आदी है_
_बेटा पक्का जेहादी है_
_शायद बेटे की किस्मत में_
_बर्बादी ही बर्बादी है.._
_१४】तेरी बर्बादी में खुद को_
_बर्बाद नहीं होने देंगे_
_हम भारत माँ के सीने पर_
_जेहाद नहीं होने देंगे.._
_१५】तू रख हथियार उधारी के_
_हम अपने दम से लड़ लेंगे_
_गर एटम बम से लड़ना हो_
_तो एटम बम से लड़ लेंगे.._
_१६】जब तक तू बटन दबायेगा_
_हम पृथ्वी नाग चला देंगे_
_तू जब तक दिल्ली ढूंढेगा_
_हम पूरा पाक जला देंगे.._
_१७】यह कथन सारा आवाम कहे_
_गर फिर से आँख दिखाओगे_
_तुम सवा अरब के भारत की_
_मुट्ठी से मसले जाओगे.._
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१】मैं केशव का पाञ्चजन्य भी गहन मौन मे खोया हूँ
उन बेटों को श्रद्धान्जलियाँ लिखते-लिखते रोया हूँ
२】जिस माथे की कुमकुम बिन्दी वापस लौट नहीं पाई
चुटकी, नथ, पाजेब ले गई कुर्बानी की अमराई
३】बहनों की राखियाँ जल गई हैं बर्फीली घाटी मे
वेदी के गठबन्धन खोये हैं कारगिल की माटी मे
४】पर्वत पर कितने सिन्दूरी सपने दफन हुए होंगें
बीस बसंतों के मधुमासी जीवन हवन हुए होंगें
५】टूटी चूड़ी, धुला महावर, रूठा कंगन हाथों का
कोइ मोल नहीं हो सकता वासन्ती जज्बातों का
६】जो पहले-पहले चुम्बन के बाद लाम पर चला गया
नयी दुल्हन की सेज छोड़कर युद्ध-काम पर चला गया
७】उनको भी मीठी यादों की करवट याद रही होगी
खुशबू मे भीगी यादों की सलवट याद रही होगी
८】उन आँखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे हैं
जब मेंहदी वाले हाथों ने मंगलसूत्र उतारे हैं
९】गीली मेंहदी रोई होगी छुपकर घर के कोने में
ताजा काजल छोटा होगा चुपके-चुपके रोने में
१०】जब बेटे की अर्थी आई होगी सूने आँगन में
शायद दूध उतर आया हो बूढी माँ के दामन में
११】वह विधवा पूरी दुनिया का बोझा सिर ले सकती है
जो अपने पति की अर्थी को भी कंधा दे सकती है
१२】मै ऐसी हर देवी के चरणों में शीश झुकाता हूँ
इसीलिए मैं कविता को हथियार बनाकर गाता हूँ
१३】जिन बेटों ने पर्वत काटे हैं अपने नाखूनों से
उनकी कोई चाह नहीं है दिल्ली के कानूनों से
१४】जो सैनिक सीमा रेखा पर ध्रुव तारा बन जाता है
उस कुर्बानी के दीपक से सूरज भी शरमाता है
१५】गर्म दहानों पर तोपों के जो सीने अड़ जाते हैं
उनकी गाथा लिखने को अम्बर छोटे पड़ जाते हैं
१६】उनके लिए हिमालय कंधा देने को झुक जाता है
चन्द घड़ी सागर की लहरों का गर्जन रुक जाता है
१७】उस सैनिक के शव का दर्शन तीरथ-जैसा होता है
चित्र शहीदों का मन्दिर की मूरत जैसा होता है।
निवेदन~यह कविताये मुझे अच्छी लगी दिल को छूने वाली कविताये शायद आपको भी अच्छी लगे यही सोच कर ब्लॉग में शामिल की है आशा है की आपको भी अच्छी लगेगी
आपका
bhubneshwar
kasturwanagar पर्णकुटी गुना
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