ज्योतिष समाधान

Monday, 24 June 2024

रामायण कुल कितनी नदिया

1-उतरि ठाढ़ भये सुरसरि रेता।
2- मेकल सुदा गोदावरि धन्या।।
3-पहुंचे जाइ धेनुमति तीरा।
4- रामकथा मंदाकनी.....
5-सरजू सरि कलि कलुष नसावनि।।
6- उतर नहाए जमुन जल.....
7- संग उतरि गोमती नहाए....
8- सादर मज्जहि सकल त्रिवेनी....
दोस्तों और भी बहुत सी नदियां होगी जो कंठस्थ नहीं हो रहीबालक वृद्ध विहाय गृह,लगे लोग सब साथ।
तमसा तीर निवास किय,प्रथम दिवस रघुनाथ।।

पहुंचे जाय धेनुमति तीरा।
हर्ष नहाने निर्मल नीरा।।

गंग सकल मुद मंगल मूला
सब सुख करही हरहिं सब सूला।।

सिव प्रिय मेकल सैल सुता सी।
 सकल सिद्धि सुख संपति रासी।।
श्री रामचरितमानस में  जंबो दीप से निकलने वाली मां सरयू नदी अयोध्या के निकट से बहती है मां गोदावरी गौतम ऋषि के कमंडल से त्रंबकेश्वर महादेव महाराष्ट्र प्रदेश में बहती है मां नर्मदा अमरकंटक से निकलकर मध्य प्रदेश में विपरीत दिशा में बहती है मां नर्मदा मां गंगा मां गोदावरी मां सरस्वती जो लुप्त है प्राय तमसा नदी कावेरी और जम्मू दीप से निकलने वाली सभी नदियां विशेष कर सात नदिया सात पुरिया का महत्व ज्यादा रहा है फिर भी रामायण सात कोटिया अपनाया नाना भारती राम अवतार जय जय सियाराम जय जय हनुमान संकट मोचन कृपा निधान 💐🕉️🚩☔

संइ उतरि गोमती नहाये 
चोथे दिवस अवधपुर आये 
सुरसरि सरसइ दिनकर कन्या 
मेकलसुता गोदावरि धन्या 
सब सर सिंधु नदी नद नाना 
मंदाकिनी कर करहि बखाना
चले राम मुनि लक्षमण संगा 
 गये जहां जग पावन गंगा 
जन्मभूमि मम पुरी सुहावनि 
 उत्तर दिसि बह सरजू पावनि 
देव दनुज किन्नर नर श्रेणी 
सादर मज्जहि सकल त्रिवेणी 
इतनी ही ज्ञात है मुझे

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