🐍 विष कन्या योग कितने प्रकार के होते हे।
जानिए ? इस महा दोष का समाधान,🌺
विषकन्या योग 3 प्रकार के होते हैं।
🐍1=यदि कन्या के जन्म के समय तिथि 2, आश्लेषा नक्षत्र, और शनिवार हो या 7 तिथि, कृतिका नक्षत्र और शनिवार हो या 7,12 तिथि, शतभिषा नक्षत्र और मंगलवार हो या 12 तिथि, विशाखा नक्षत्र और रविवार का योग हो तो विष कन्या योग होता हे।
🐍2=जिस कन्या के जन्म लग्न में एवं रिपु (छटे) भाव में पापग्रह (सूर्य, क्षीण चन्द्र, मंगल, शनि, राहू, केतु) हों एवं दो शुभ ग्रह हों तो बिषकन्या योग होता है। यदि पापग्रहों के साथ दो से अधिक शुभ ग्रह हों तो बिषकन्या योग नहीं होता है।
🐍3=यदि कन्या के लग्न में शनि, पांचवें सूर्य, नवें मंगल हो तो बिषकन्या होती है।
🌞बिषकन्या योग परिहार
ऐसी कन्या को ज्येष्ठ शुक्ल 14 को सावित्री का व्रत करने पर दोष शांत हो जाता है। विषकन्या का सर्वप्रथम पीपल से विवाह करके, जिस वर की कुण्डिली में अधिक आयु का योग हो ऐसे वर से विवाह करने की शास्त्राज्ञा है।
💀अन्यथा वर की मृत्यु हो जाती हे।
🚩श्री परशुराम संस्कृत वेद विद्या गुरुकुल एवं ज्योतिष वास्तु समाधान केंद्र कुंभराज
No comments:
Post a Comment