१】धूप बत्ती (अगरबत्ती)
२】चंदन
३】 कपूर
४】केसर
५】यज्ञोपवीत 5
६】खीले परमल
७】चावल
८】अबीर
९】गुलाल,
१०】बतासे
११】हल्दी खड़ी
१२】सौभाग्य द्रव्य-
१३】मेहँदी
१४】चूड़ी,
१५】काजल,
१६】बिछुड़ी आदि आभूषण
१७】आंटी (कलावा)
१८】नारियल 【श्रीफल】
१९】रोली,
२०】 सिंदूर
२१】सुपारी,
२२】पान के पत्ते
२३】पुष्पमाला,
२४】कमलगट्टे
२५】धनिया खड़ा
२६】 कुशा व दूर्वा
२७ पंच मेवा
२८】गंगाजल
२९】शहद (मधु)
३०】शकर
३१】 घृत (शुद्ध घी)
३२】दही
३३】दूध
३४】ऋतुफल(गन्ना, सीताफल, सिंघाड़े इत्यादि)
३५】नैवेद्य या मिष्ठान्न (पेड़ा, मालपुए इत्यादि)
३६】इलायची (छोटी)
३७】लौंग
३८】मौली【कलावा】
३९】इत्र की शीशी
४०】तुलसी दल
४१】सिंहासन (चौकी, आसन)
४२】पंच पल्लव
(बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते) सम्भब हो तो
४३】 लक्ष्मीजी का पाना (अथवा मूर्ति)
४४】गणेशजी की मूर्ति सरस्वती का चित्र
४५】चाँदी का सिक्का श्रद्धानुसार
४६】लक्ष्मीजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र श्र्द्धा अनुसार
४७】गणेशजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र श्रद्धाअनुसार
४८】अम्बिका को अर्पित करने हेतु वस्त्र श्रद्धानुसार
४९】जल कलश (ताँबे या मिट्टी का)
५०】सफेद कपड़ा (आधा मीटर)
५१】लाल कपड़ा (आधा मीटर)
५२】दीपक बड़े
मिट्टी केअखण्ड जलाने के लिए एबम छोटे दीपक अनुमानित
५३】 ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा)
५४】श्रीफल (नारियल)
५५】सप्त धान्य
५६】लेखनी (कलम)
५७】बही-खाता,
५८】स्याही की दवात या केवल स्याही वाली पेन
५९】तुला (तराजू) अगर दुकानदार हो तो
६०】 पुष्प (गुलाब एवं लाल कमल)
६१】एक नई थैली में कपड़े की
【पुराने जमाने मे इसे बसनी बोलते है
】
हल्दी की गाँठ,
खड़ा धनिया
व दूर्वा आदि खील-बताशे अर्घ्य पात्र सहित अन्य सभी पात्र
संपर्क पंडित =
गुरुदेब
भुबनेश्वर
कस्तूरवानगर पर्णकुटी गुना
मोबाइल =०९८९३९४६८१० 
६२६२९४६८१०
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