अनादिमलसंसार रोगवैद्याय शंभवे।
नमश्शिवाय शान्ताय ब्राह्मणे लिंगमूर्तये॥ ॥
आदिमध्यान्तहीनाय स्वभावानालादीपतये।
नमश्शिवाय शान्ताय ब्राह्मणे लिंगमूर्तये॥ 2॥
प्रलयार्नवसंस्थाय प्रलयोत्पत्तिहेतवे।
नमश्शिवाय शान्ताय ब्राह्मणे लिंगमूर्तये॥ 3॥
ज्वालामालावृताङगाय ज्वलनस्तंभरूपिणे।
नमश्शिवाय शान्ताय ब्राह्मणे लिंगमूर्तये॥ 4॥
महादेवाय महते ज्योतिषेऽनन्ततेजसे।
नमश्शिवाय शान्ताय ब्राह्मणे लिंगमूर्तये॥ 5॥
प्रधानपुरुषेषाय व्योमरूपाय वेधसे।
नमश्शिवाय शान्ताय ब्राह्मणे लिंगमूर्तये॥ 6॥
निर्विकाराय नित्याय सत्ययामलतेजसे।
नमश्शिवाय शान्ताय ब्राह्मणे लिंगमूर्तये॥ 7॥
वेदांतसाररूपाय कालरूपाय धीमते।
नमश्शिवाय शान्ताय ब्राह्मणे लिंगमूर्तये॥ 8॥
इति श्रीकूर्मपुराणान्तर्गतं श्रीमहलिङ्गस्तुतिः समाप्त।
ज्योतिष समाधान
Friday, 30 June 2023
महा लिंग स्तुति
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