इस वार पशु-पक्षियों के व्यवहार से बारिश का अनुमान लगाने के बारे में भी जानकारी हासिल करेंगे।
सबसे पहले देखते हैं बारिश का अंदाजा लगाने के इन रोचक तरीकों के बारे में-
अच्छी वर्षा का संकेत आकाश में सारस का झुंड यदि गोलाकार परावलय बनाकर उड़ता दिखे, तो यह शीघ्र वर्षा का संकेत माना जाता है।
भारतीय किसान इन्हें देखकर अपने खेतों मे बीज बोने की तैयारियों में लग जाते हैं।
पेड़ों पर दीमक तेजी से घर बनाने लगें तो इसे अच्छी वर्षा का संकेत माना जाता है।
मोरों का नाचना, मेंढक का टर्राना और उल्लू का चीखना तो पूरे भारत में वर्षा का संकेत माना ही जाता है।
बकरियां अगर अपने कानों को जोर-जोर से फड़फड़ाने लगें, तो यह भी शीघ्र वर्षा होने का सूचक माना जाता है।
भेड़ें अगर अचानक अपने समूह में इकट्ठी होकर चुपचाप खड़ी हो जाएं, तो समझा जाता है कि भारी बारिश शुरू होने ही वाली है।
यदि इल्लियां तेजी से अपने लिए छिपने की जगह ढूंढने लगें, तो इसे भी पानी जल्दी ही शुरू होने का संकेत माना जाता है।
शाम ढलते समय अगर लोमड़ी की आवाज कहीं दूर से दर्द से चीखने जैसी आए, तो यह बारिश आने का आसार मानी जाती है।
बारिश का मौसम बारिश के मामले में चींटी की गतिविधि देखकर सबसे पहले अंदाजा लगाया जा सकता है।
अगर चींटियां भारी मात्रा में अपने समूह के साथ अंडे लेकर घर बदलती दिखाई दें, तो माना जाता है कि बारिश का मौसम अब शुरू होने ही वाला है।
चिड़िया के घोंसले की उंचाई से भी बारिश का अंदाजा लगाया जाता है। अगर चिडि़या ने घोंसला पर्याप्त उंचाई पर बनाया हो, तो इसे अच्छी वर्षा का प्रतीक माना जाता है।
यदि घोंसला नीचा है, तो वर्षा की अनुमान भी सामान्य से कम होने का लगाया जाता है।
जानवरों के अलावा पेड़, पौधों से भी वर्षा का अनुमान लगाने में मदद मिलती है। माना जाता है
कि गोल्डन शावर नाम के पेड़ में फूल आने के 45 दिन के अंदर बारिश शुरू हो जाती है।
इसी तरह अगर नीम का पेड़ फूलों से भर जाए, तो इसे बहुत अच्छी बारिश का संकेत माना जाता है।
इस साल कैसी रहेगी बारिश:
ज्योतिषीय आंकलन ज्योतिषीय आधार पर वर्षा की भविष्यवाणी करने के लिए आर्द्रा प्रवेश की स्थिति,
चंद्र-सूर्य की राशिगत स्थिति, नक्षत्र और जलचर राशियों का अध्ययन किया जाता है।
इस साल वर्षा ऋतु का आरंभ 21 जून 2017 बुधवार से हो रहा है
और आर्द्रा प्रवेश 22 जून 2017 गुरुवार को चंद्र नक्षत्र रोहिणी में प्रातः 12.32 बजे शूल योग में होगा।
आर्द्रा प्रवेश के समय लग्न में जलचर राशि है उच्च का चंद्र बाढ़ की संभावना रहेगी लेकिन इसमें ध्यान रखने वाली बात यह है कि सूर्य से आगे मंगल है जो वर्षा में रुकावट का योग बना रहा है।
आषाढ़ और श्रावण मास के कृष्ण पक्ष तक वर्षा बिलकुल न होने या कम वर्षा के संकेत हैं।
मानसून इस बार अच्छा रहने के संकेत इस माहों में तेज हवाएं चलेंगी जो बादलों को उड़ा ले जाएगी।
देश के मध्य क्षेत्र में अतिवृष्टि, बाढ़ आदि की आशंका है।
पूर्वी प्रदेशों में जनजीवन अस्त-व्यस्त होगा।
दक्षिण की कुछ नदियों में बाढ़ की संभावना रहेगी।
ग्रहों के अध्ययन के आधार पर कहा जा सकता है कि मानसून इस बार अच्छा रहने के संकेत हैं।
पंडित भुबनेश्वर
पर्णकुटी
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