प्रमाण की बात करते है ये गरुण पुराण के 10 वे अध्याय के चौथे और पांचवे श्लोक में स्पष्ट है
तदा शोकं परित्यज्य कारयेन् मुंडनं सुतः
समस्त बांधवैरर्युक्त:सर्व पाप विमुक्तये |
माता पित्रोरमृतौ येन कारितं मुंडनं हि
माता पिता की मृत्यु के बाद समस्त बंधवों को पापों की मुक्ति के लिए मुंडन करवाना चाहिए |
अब बड़े बड़े महामंडलेश्वर भी चुप्पी साध कर बैठे हुए हैं प्रदीप मिश्रा जी के तो पीछे पड़ पड़ गए माफ़ी मंगवा कर छोड़ा अब ये सारी लिफाफा गेंग लिफाफा लेकर चुप बैठी हुई है | कभी राम जी के बारे मे गलत बोले कभी राधा जी के बारे मे इसके खिलाफ आवाज़ उठाओ और वृन्दावन से भगाओ हर हर महादेव
पं. सूर्य कृष्ण शास्त्री 🙏🏻
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