*वृथा वृष्टिः समुद्रेषु वृथा तृप्तेषु भोजनम्।*
*वृथा दानं धनाढ्येषु वृथा दीपो दिवाऽपि *
*भावार्थ -* समुद्र में हुई वर्षा का कोई लाभ नहीं होता, भरपेट भोजन करके तृप्त हुए व्यक्ति को भोजन कराने का कोई लाभ नहीं होता, धनाढ्य व्यक्ति को दान देने से कोई लाभ नहीं होता और सूर्य के प्रकाश में दिया जलाने का कोई लाभ नहीं होता।
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