ज्योतिष समाधान

Thursday, 18 January 2018

श्रीहरिवंश पुराण में वसुदेव के चौदह पत्नियों होने का वर्णन आता है

श्रीहरिवंश पुराण में वसुदेव के चौदह पत्नियों होने का वर्णन आता है
उनमें रोहिणी, इंदिरा, वैशाखी, भद्रा और सुनाम्नी नामक पांच पत्नियाँ पौरव वंश से,
देवकी आदि सात पत्नियाँ अन्धक वंश से
तथा सुतनु तथा वडवा नामक, वासूदेव की देखभाल करने वाली, दो स्त्रियाँ अज्ञात अन्य वंश से थीं।
उग्रसेन के बड़े भाई देवक के देवकी सहित सात कन्यायें थी।
उ देवमीढुष की दूसरी रानी वैश्यवर्णा  के गर्भ से पर्जन्य नामक पुत्र हुआ।
पर्जन्य के नन्द सहित नौ  पुत्र हुए उनके नाम थे -
धरानन्द, ध्रुवनन्द , उपनंद, अभिनंद,  .सुनंद, कर्मानन्द , धर्मानंद , नन्द और वल्लभ ।
नन्द से  नन्द वंशी यादव शाखा का प्रादुर्भाव हुआ।
नन्द और उनकी पत्नी यशोदा  ने गोकुल में  भगवान श्रीकृष्ण का   पालन -पोषण किया।
इस  कारण  वह आज भी  परम  यशस्वी और  श्रद्धेय हैं।
वृष्णिवंश  की  इस वंशावली से ज्ञात होता है कि  वसुदेव और नन्द वृष्णि-वंशी यादव थे और दोनों  चचेरे भाई थे।

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