ज्योतिष समाधान

Saturday, 27 May 2017

बोइनी कैसे करे गहिर न जोतै बोवै धान। सो घर कोठिला भरै किसान।। गहरा न जोतकर धान बोने से उसकी पैदावार खूब होती है।


गहिर न जोतै बोवै धान।
सो घर कोठिला भरै किसान।।

गहरा न जोतकर धान बोने से उसकी पैदावार खूब होती है।

गेहूं भवा काहें।
असाढ़ के दुइ बाहें।।

गेहूं भवा काहें।
सोलह बाहें नौ गाहें।।
गेहूं भवा काहें। सोलह दायं बाहें।।
गेहूं भवा काहें।
कातिक के चौबाहें।।

गेहूं पैदावार अच्छी कैसे होती है ? आषाढ़ महीने में दो बांह जोतने से; कुल सोलह बांह करने से और नौ बार हेंगाने से; कातिक में बोवाई करने से पहले चार बार जोतने से।

गेहूं बाहें। धान बिदाहें।।

गेहूं की पैदावार अधिक बार जोतने से और धान की पैदावार विदाहने (धान का बीज बोने के अगले दिन जोतवा देने से,यदि धान के पौधों की रोपाई की जाती है तो विदाहने का काम नहीं करते, यह काम तभी किया जाता है जब आप खेत में सीधे धान का बीज बोते हैं) से अच्छी होती है।

गेहूं मटर सरसी।
औ जौ कुरसी।।

गेहूं और मटर बोआई सरस खेत में तथा जौ की बोआई कुरसौ में करने से पैदावार अच्छी होती है।

गेहूं गाहा, धान विदाहा।
ऊख गोड़ाई से है आहा।।

जौ-गेहूं कई बांह करने से धान बिदाहने से और ऊख कई बार गोड़ने से इनकी पैदावार अच्छी होती है।

गेहूं बाहें, चना दलाये।
धान गाहें, मक्का निराये।
ऊख कसाये।

खूब बांह करने से गेहूं, खोंटने से चना, बार-बार पानी मिलने से धान, निराने से मक्का और पानी में छोड़कर बाद में बोने से उसकी फसल अच्छी होती है।

पुरुवा रोपे पूर किसान।
आधा खखड़ी आधा धान।।

पूर्वा नक्षत्र में धान रोपने पर आधा धान और आधा पैया (छूछ) पैदा होता है।

पुरुवा में जिनि रोपो भैया।
एक धान में सोलह पैया।।

पूर्वा नक्षत्र में धान न रोपो नहीं तो धान के एक पेड़ में सोलह पैया पैदा होगा।

Pandit bhubneshwar
Kasturwangar parnkuti guna
०9893946810

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