शास्त्रों के अनुसार कालसर्प दोष 12 प्रकार के बताए गए है
1. अनंत
2. कुलिक
3.वासुकि
4. शंखपाल
5. पद्म
6.महापद्म
7.तक्षक
8.कर्कोटक
9. शंखनाद
10. घातक
11. विषाक्त
12. शेषनाग
राहू-केतु के असर को खत्म करने के लिए रामबाण है- पाशुपतास्त्र का प्रयोग।
कालसर्प दोष के लक्षण और आसान अचूक उपाय...
सर्प मंत्र या नाग गायत्री के जाप करें या करवाएं- सर्प मंत्र :
।। ॐ नागदेवताय नम: ।।
× नाग गायत्री मंत्र : ।।
ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात् ।।
महाशिवरात्रि' का आध्यत्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व भी है। जिनकी जन्म पत्रिकाओं में कालसर्प दोष हो उनके लिए यह दिन वरदान समान है क्योंकि इस दिन से प्रारंभ किए गए कालसर्प दोष निवारण क्रिया अत्यधिक प्रभावी होती है।
जिसने भी लगातार तीन महाशिवरात्रि पर कालसर्प दोष निवारण क्रिया करवा ली है उसे एवं उसकी आने वाली पीढ़ी पर भी कालसर्प दोष का अशुभ प्रभाव नहीं होता है।
आध्यात्मिक क्षेत्र की कुछ वस्तुओं की महाशिवरात्रि के दिन स्थापना करने का विशेष महत्व है, जिनमें से प्रमुख के बारे में हम यह जानकारियां दे रहे हैं-
रुद्राक्ष 01 से 15 मुखी एवं रुद्राक्ष मालाएं- रुद्राक्ष की महिमा जग विख्यात है।
महाशिवरात्रि के दिन पांच मुखी रुद्राक्ष की माना में गठा हुआ सात, आठ, नौ व एक मुखी रुद्राक्ष का कंठा धारण करना यानी जीवन सफल बनाना है क्योंकि इससे सिर्फ सुख-समृद्धि ही नहीं बल्कि शिव परिवार का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
यह आत्मविश्वास और सही निर्णय क्षमता प्रदान करता है। इसी दिन पारिवारिक सुख के लिए पति-पत्नी गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करें और माता पार्वती का आशीर्वाद पाएं।
शिवलिंग :-
शिवलिंग कई प्रकार के होते है किंतु श्रेष्ठ होते हैं पारदेश्वर या स्फटिक अथवा चांदी जलहरी के साथ स्फटिक लिंगम।
महादेव की तंत्र सिद्धि के लिए नीले सनसितारा (उपरत्न) से बने शिवलिंग का प्रयोग किया जाता है किंतु यह लगभग 250 ग्राम वजन या उससे अधिक ही होना चाहिए। अब पारद के शिवलिंग को क्या कहें, पारद से बने शिवलिंग को ज्योर्तिलिंग से भी श्रेष्ठ माना गया है।इसका पूजन सर्व कामप्रद, मोक्षप्रद, शिवस्वरूप बनाने वाला है।
चांदी के त्रिशूल अथवा तीन कमान :-
पंचामृत अभिषेक करके भगवान शिव के चरणों में चांदी के त्रिशूल अथवा तीन कमान अर्पित करने से अचानक आई बाधा अथवा परेशानी से छुटकारा मिलता है।
चांदी का सर्प जोड़ा :-
कालसर्प दोष निवारण के लिए अतिशुभ दिन। अपनी निवारण क्रिया की शुरुआत इस दिन से करें।
दूध, जल, शहद, एवं एक शुद्ध चांदी का सर्प जोड़े के साथ नंदी व शिवजी का अभिषेक करें एवं सर्प जोड़ा शिव चरणों में अर्पित कर दें।
महाशिवरात्रि से प्रारंभ करने के पश्चात इसे सोमवार को किया करें। कितने सोमवार करना है यह आपकी जन्म तारीख से इस प्रकार निकालें।
मान लीजिए आपकी जन्म तारीख
26/02/1975 है अब 26 का जोड़ 2+6 बराबर 8 एवं 26+2+1975 बराबर 50 अर्थात 5, अब तारीख का 8 व कुल तारीख का 5 अर्थात 8+5 बराबर 13 यानी इस जन्म तारीख के व्यक्ति को तेरह सोमवार यह क्रिया करना चाहिए।
यानी प्रत्येक वर्ष तेरह सोमवार जो तीन वर्ष के लिए होगी और हर वर्ष में शुरुआत महाशिवरात्रि से ही करें। (किंतु कुल जोड़ 15 से अधिक होने पर उसे 3 से भाग दें और जो अंक शेष रहे उतने ही सोमवार अपर्ण करें।) जीवन में कालसर्प दोष परेशान नहीं करेगा।
: कालसर्प दोष निवारण महाशिवरात्रि पर्व ज्योतिषीय महत्व
रुद्राक्ष
शिवलिंग
चांदी का सर्प जोड़ा
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