Thursday, 27 April 2017

नक्षत्र किस प्रकार जातकों के गुण एवं स्वभाव पर प्रभाव डालते हैं आइये जाने....

प्राचीन काल में ज्योतिष शास्त्र के विद्वानों ने राशियों को सरलता से समझने के लिए 12 भागों में बाँट दिया था और आकाश को 27 नक्षत्रों में ।

यह तारों का वह समूह है जो चन्द्रमा के पथ में आते हैं. पुराणों के अनुसार इन्हें दक्ष प्रजापति की पुत्रियाँ बताया गया है और इन सभी का विवाह चन्द्रमा के साथ किया गया था. इन नक्षत्रों की गणना ज्योतिष में महत्वपूर्ण योगदान के लिए की जाती है. वैदिक ज्योतिष में एक नक्षत्र को एक सितारे के समान समझा जाता है।

सभी नक्षत्रों को 4 पदों में या 3डिग्री और 20 मिनट के अन्तराल में बांटा गया।

इस प्रकार प्रत्येक राशि में 9 पद शामिल हैं।

यह 27 नक्षत्र किस प्रकार जातकों के गुण एवं स्वभाव पर प्रभाव डालते हैं आइये जाने....

1.अश्वनी नक्षत्र :

अश्वनी नक्षत्र में जन्मे जातक सामान्यतः सुन्दर ,चतुर, सौभाग्यशाली एवं स्वतंत्र विचारों वाले होते हैं. वह पारंपरिक रूढ़ीवादी विचारधारा से विपरीत अपनी आधुनिक सोच के लिए मित्रों में प्रिसिद्ध होते हैं. आप सभी से बहुत प्रेम करने वाले होते हैं परन्तु आप अपने ऊपर किसी का भी दबाव नहीं सहते हैं. आपको स्वतंत्र कार्य करने एवं निर्णय लेने की आदत होती है इसलिए किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप आपको पसंद नहीं होता है. आपकी उन्नति भी स्वतंत्र कार्य करने और स्वतंत्र निर्णय लेने के कारण ही होती है . . . . . .

2. भरणी नक्षत्र:

यदि आपका जन्म भरणी नक्षत्र में हुआ है तो आप एक दृढ़ निश्चयी, चतुर एवं सदा सत्य बोलने वाले होंगे. शुक्र के कारण जहाँ आप सुखी एवं ऐश्वर्य पूर्ण जीवन जियेंगे वही शुक्र मंगल की राशि में आपकी काम वासना भी अधिक बढ़ाएगा. आपके अनेक मित्र होंगे और आप अपने मित्रों में बहुत अधिक लोकप्रिय भी होंगे क्योंकि आप अपने मित्रों की सहायता करने में कभी पीछे नहीं हटते हैं. मित्रता करने में आप विशेष सावधानी भी बरतते हैं. चुगलखोर और छिछोरे मित्र आपको कतई पसंद नहीं है.. . . . . .

3.कृतिका नक्षत्र:

कृतिका नक्षत्र में जन्मा जातक सुन्दर और मनमोहक छवि वाला होता है. वह केवल सुन्दर ही नहीं अपितु गुणी भी होते हैं. आपका व्यक्तित्व किसी राजा के समान ओजपूर्ण एवं पराक्रमी होता है. कृतिका नक्षत्र का स्वामी सूर्य है अतः आप तेजस्वी एवं तीक्ष्ण बुद्धि के स्वामी होते हैं. बचपन से ही आपकी विद्या प्राप्ति में अधिक रूचि रहती है और आगे चलकर कृतिका नक्षत्र का जातक विद्वान् होता है. यह सूर्य का विशेष गुण है.. . . . . .

4.रोहिणी नक्षत्र:

रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति सदा दूसरों में गलतियां ढूँढता रहता है. आप कोई भी ऐसा मौका नहीं हाथ से जाने देते जिसमे कि सामने वाले की त्रुटियों की चर्चा आप न करें. आप शारीरिक रूप से कमज़ोर होते हैं इसलिए कोई भी छोटी से छोटी मौसमी बदलाव के रोग भी आपको अक्सर जकड लेते हैं. आप एक ज्ञानी परन्तु स्त्रियों में आसक्ति रखने वाले होतें हैं.. . . . . .

5.मृगशिरा नक्षत्र:

यदि आपका जन्म मृगशिरा नक्षत्र में हुआ है तो आप स्वभाव से चतुर एवं चंचल होते हैं. आप अध्ययन में अधिक रूचि रखते हैं. माता पिता के आज्ञाकारी और सदैव साफ़ सुथरे आकर्षक वस्त्र पहनने वाले होते हैं. आपको श्वेत रंग अत्यधिक प्रिय है . मृगशिरा नक्षत्र में पैदा हुए जातकों का चेहरा बहुत ही आकर्षक एवं सुन्दर होता है. . . . . .

6.आद्रा नक्षत्र:

यदि आपका जन्म आद्रा नक्षत्र में हुआ है तो आपकी रूचि अध्यन में बहुत अधिक होगी. आप सदैव ही अपने आस पास की घटनायों के बारे में जागरूक रहते हैं . किताबों से विशेष लगाव आपकी पहचान है. एक और विशेषता जो की आद्रा नक्षत्र में पैदा हुए जातकों में अक्सर देखी गयी है वह है उनकी व्यापार करने की समझ. . . . . .

7.पुनर्वसु नक्षत्र:

पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति बेहद मिलन सार और दूसरों से प्रेमपूर्वक व्यवहार रखने वाले होते हैं. परन्तु बहुत कम लोग आपके स्नेहपूर्वक व्यवहार को समझ पाते हैं और प्रायः आपके व्यवहार को कायरता से जोड़ देतें हैं. आपके गुप्त शत्रुओं की संख्या अधिक होती है.आपको अधिक संतान की प्राप्ति भी होती है परन्तु उनका आपस में या आप के साथ व्यवहार सौहार्दपूर्ण नहीं होता है. . . . . .

8.पुष्य नक्षत्र:

यदि आपका जन्म पुष्य नक्षत्र में हुआ है तो आपमें नित नए काम करने की प्रवृत्ति बनी रहेगी. हर बार नए काम की खोज और परिवर्तन आपसे अधिक परिश्रम भी कराएगा. कठिन परिश्रम करने पर भी आपको सफलता आसानी से नहीं मिलेगी और फल प्राप्ति में अक्सर देरी हो जाती है, परन्तु. . . . . . .

9.अश्लेशा नक्षत्र:

अश्लेशा नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों का प्राकृतिक गुण सांसारिक उन्नति में प्रयत्नशीलता, लज्जा व सौदर्यौपसना है. इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति की आँखों एवं वचनों में विशेष आकर्षण होता है. लग्न स्वामी चन्द्रमा के होने के कारण ऐसे जातक उच्च श्रेणी के डॉक्टर , वैज्ञानिक या अनुसंधानकर्ता भी होते हैं क्योंकि चन्द्रमा औषधिपति हैं. इस नक्षत्र में जन्मे जातक बहुत चतुर बुद्धि के होते हैं.. . . . . . . .

10.मघा नक्षत्र:

यदि आपका जन्म मघा नक्षत्र में हुआ है तो आप ठिगने कद के साथ सुदृढ वक्षस्थल और मजबूत झंघाओं के मालिक हैं. आपकी वाणी थोड़ी कर्कश एवं गर्दन थोड़ी मोटी है. मघा नक्षत्र में जन्म लेने वालों की आँखें विशेष चमक लिए हुए होती हैं. चेहरा शेर के समान भरा हुआ एवं रौबीला होता है. इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति प्रायः अपने पौरुष और परुशार्थ के प्रदर्शन के लिए सदा ललायत रहते हैं. . . . . . . .

11. पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र:

यदि आपका जन्म पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में हुआ है तो आप ऐसे भाग्यशाली व्यक्ति हैं जो समाज में सम्माननीय हैं और जिनका अनुसरण हर कोई करना चाहता है. आपमें आत्मविश्वास कूट कूट कर भरा है तथा नेतृत्व की क्षमता आपमें बचपन से ही है. इन्ही सब कारणों से आपके अधीनस्थ कर्मचारी आपसे भय खाते हैं . परिवार में भी आप एक मुखिया की भूमिका में रहते हैं. सभी छोटे बड़े कार्यों के लिए आपका परामर्श . . . . . . .

12. उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र:

उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति युद्ध विद्या में निपुण, लड़ाकू एवं साहसी होता है. आप देश और समाज में अपने रौबीले व्यक्तित्व के कारण पहचाने जाते हैं. उत्तराफाल्गुनी जातक दूसरों का अनुसरण नहीं करते अपितु लोग उनका अनुसरण करते हैं. आपमें नेतृत्व के गुण जन्म से ही होते हैं अतः आप अपना कार्य करने में खुद ही सक्षम होते हैं. इस नक्षत्र में जन्मा जातक दूसरों के इशारों पर चलना पसंद नहीं करता. . . . . .

13. हस्त नक्षत्र:

यदि आपका जन्म हस्त नक्षत्र में हुआ है तो आप संसार को जीतने और उसपर शासन करने का पूरा पूरा सामर्थ्य एवं शक्ति रखते हैं. आपकी दृढ़ता और विचारों की स्थिरता आपको एक आम आदमी से भिन्नता और श्रेष्ठता प्रदान करती है . आप एक स्वतंत्र विजेता हैं जो अपने ज्ञान और समृद्धि के कारण जाने जाते हैं. हस्त नक्षत्र के जातक सहृदयी और दयालु स्वभाव के होते हैं .. . . . . . . .

14. चित्रा नक्षत्र:

चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक शारीरिक रूप से मनमोहक एवं सुन्दर आँखों वाला होता है. आपको अनेक प्रकार की साज सज्जा का शौक होता है तथा अपने लिए नित नए आभूषण एवं वस्त्र आप खरीदते ही रहते हैं. आपका व्यक्तित्व आकर्षक एवं शारीरिक रूप से संतुलित होते हैं. व्यक्तित्व के यही गुण आपको . . . . . . . . .

15. स्वाति नक्षत्र:

यदि आपका जन्म स्वाति नक्षत्र में हुआ है तो आप एक आकर्षक चेहरे और उससे भी अधिक आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी हैं. आपका शारीर सुडौल एवं भरा हुआ है. इस कारण आप कहीं भी जाएँ भीड़ से अलग ही दिखते हैं. आप जैसा सोचते हैं वैसा करते हैं . दिखावा आपको पसंद नहीं. आप एक स्वतंत्र आत्मा के स्वामी है जिसको किसी के भी आदेश का पालन करना कतई पसंद नहीं. . . . . . .

16. विशाखा नक्षत्र:

यदि आपका जन्म विशाखा नक्षत्र में हुआ है तो आप शारीरिक श्रम के स्थान पर मानसिक कार्यों को अधिक वरियता देते हैं. शारीरिक श्रम करना आपके बस की बात नहीं है और इससे आपका भाग्योदय भी नहीं होगा. मानसिक रूप से आप सक्षम व्यक्ति है और कठिन से कठिन कार्य को भी अपनी समझ बूझ से शीघ्र ही निबटा लेते हैं. स्वभाव से ईर्ष्यालु परन्तु बोल चाल से अपना काम निकलने का गुण अपमे स्वाभाविक रूप से ही है. . . . . . .

7. अनुराधा नक्षत्र:

यदि आपका जन्म अनुराधा नक्षत्र में हुआ है तो आपका अधिकाँश जीवन विदेशों में ही बीतेगा परन्तु अच्छी बात यह है कि विदेशों में रहकर आप अधिक धन कमाएंगे और समाज में मान सम्मान प्राप्त करेंगे. आप बहुत साहसी एवं कर्मठ व्यक्तित्व के स्वामी हैं. परिस्थितियों की मार के सामने . . . . . .

18.ज्येष्ठ नक्षत्र:

यदि आपका जन्म ज्येष्ठ नक्षत्र में हुआ है तो आप दृढ निश्चयी और मज़बूत व्यक्तित्व के स्वामी है. आप नियम से जीवन व्यतीत करना पसंद करते हैं. आपकी दिनचर्या सैनिकों की तरह अनुशासित और सुव्यवस्थित होती है. आप शारीरिक रूप से गठीले और मज़बूत होते हैं तथा कार्य करने में सैनिकों के समान फुर्तीले होते हैं. किसी के बारे में आपके विचार शीघ्र नहीं बदलते और दूसरों को आप हठी प्रतीत होतें है. . . . . . .

9. मूल नक्षत्र:

यदि आपका जन्म मूल नक्षत्र में हुआ है तो आपका जीवन सुख समृद्धि के साथ बीतेगा. धन की कमी आपको कभी नहीं आएगी और आप अपने कार्यों द्वारा अपने परिवार का नाम और सम्मान और बढ़ाएंगे. आप कोमल हृदयी परन्तु अस्थिर दिमाग के व्यक्ति है. कभी आप बहुत दयालु और कभी अत्यधिक नुक्सान पहुंचाने वाले होते है. ऐश्वर्य पूर्ण जीवन के कारण आपका उठना बैठना . . . . . .

20. पूर्वाषाढा:

पूर्वाषाढा में जन्म लेने वाला जातक थोडा नकचढ़ा और उग्र स्वभाव के होने बावजूद कोमल हृदयी और दूसरों से स्नेह रखने वाला होता है. आप जीवन में सकारत्मक विचारधारा से आगे बढ़ते हुए अपने लक्ष्य प्राप्त करते हैं. आपका व्यक्तित्व दूसरों पर हावी रहता है परन्तु आप एक संवेदनशील व्यक्ति हैं जो दूसरों की मदद के लिए सदैव तैयार रहतें है . अपने इन्ही गुणों के कारण आप को बहुत अधिक प्रेम व् सम्मान भी मिलता है परन्तु अपनी चंचल बुद्धि के कारण आप अधिक वफादार नहीं होते हैं और कभी कभी अनैतिक कार्यों में भी लिप्त हो जाते हैं. . . . . . .

21. उत्तराषाढा:

यदि आपका जन्म उत्तराषाढा नक्षत्र में हुआ है तो आप एक सफल एवं स्वतंत्र व्यक्ति हैं. आप ईश्वर में आस्था रखते हुए जीवन में प्रसन्नता और मैत्री के साथ आगे बढ़ने में विश्वास रखते हैं. विवाह उपरान्त आपके जीवन में और अधिक सफलता एवं प्रसन्नता आती है. उत्तराषाढा में जन्मा जातक ऊँचे कद और गठीले शारीर के मालिक होते हैं. चमकदार आँखे और चौड़ा माथा आपके व्यक्तित्व में चार चाँद लगाते हैं. गौर वर्ण के साथ आपकी आंखे थोड़ी लालिमा लिए हुए होती हैं. आप मृदुभाषी हैं और सभी से प्रेम पूर्वक व्यवहार आपमें स्वाभाविक है.. . . . . .

22. श्रवण नक्षत्र :

यदि आपका जन्म श्रवण नक्षत्र में हुआ है तो आप एक माध्यम कद काठी परन्तु प्रभावी और आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी है. बचपन से ही सीखने की लालसा होने के कारण आप आजीवन ज्ञान प्राप्त करते हैं और समाज के बुद्धिजीवियों में आप की गिनती होती है. आप एक स्थिर सोच वाले निश्छल और पवित्र व्यक्ति है. मानवता ही आपकी प्राथमिकता है और आपका दृष्टिकोण सदा ही सकारात्मक रहता है. आप दूसरों के प्रति बहुत अधिक स्नेह की भावना रखते हैं इसलिए औरों से भी उतना ही स्नेह व सम्मान प्राप्त करते हैं.. . . . . .

23. धनिष्ठा नक्षत्र :

धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मा जातक सभी गुणों से समृद्ध होकर जीवन में सम्मान और प्रतिष्ठा पाता है. आप स्वभाव से बहुत ही नरम दिल एवं संवेदनशील व्यक्ति होते हैं. आप दानी और अध्यात्मिक व्यक्ति हैं परन्तु अपनी इच्छाओं के विरुद्ध जाना आपके बस में नहीं है. आपका रवैया अपने प्रियजनों के प्रति बेहद सुरक्षात्मक होता है किन्तु फिर भी आप दूसरों के लिए जिद्दी और गुस्सैल ही रहते हैं.. . . . . .

24. शतभिषा नक्षत्र:

शतभिषा नक्षत्र में जन्मा जातक बहुत साहसी एवं मजबूत विचारों वाला होता है. अत्यधिक सामर्थ्य एवं स्थिर बुद्धि के होते हुए भी कभी कभी जिद्दी और संवेदनहीन प्रतीत होते हैं. सभी प्रकार से ज्ञानी होते हुए भी आप आत्म केन्द्रित होते हैं. आप अधिक संतान वाले एवं दीर्घायु होते हैं. शतभिषा जातक रहस्यमय एवं समृद्धशाली व्यक्ति होते हैं, जिनको अपने आस पास के लोगों से सम्मान प्राप्त होता है. यदि आपका जन्म शतभिषा नक्षत्र में हुआ है तो आप अत्यंत आकर्षक और मजबूत व्यक्तित्व के स्वामी हैं.. . . . . .

25. पूर्वाभाद्रपद:

यदि आपका जन्म पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र मे हुआ है तो आप मानवता में विश्वास रखते हुए केवल दूसरों के भले के बारे में ही सोचते हैं. आप एक दयालु और नेक दिल होने के साथ-साथ खुले विचारों वाले व्यक्ति हैं. आप बहुत साहसी हैं तथा दूसरों की मदद करने में सदा आगे रहते हैं. आप वाणी और विचारों से नम्र अवश्य होते हैं परन्तु व्यक्तित्व से नहीं. पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे जातक अपने आदर्शो और सिद्धांतों पर ही आजीवन चलना पसंद करते हैं. आप जीवन में कभी पथभ्रष्ट नहीं होते क्योंकि आपका दृष्टिकोण सही और साफ़ होता है... . . . . .

26. उत्तराभाद्रपद:

यदि आपका जन्म उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में हुआ है तो आप स्वभाव से एक दयालु व्यक्ति हैं. आप धार्मिक होने के साथ साथ वैरागी भी हैं. आप समाज में एक धार्मिक नेता , प्रसिद्द शास्त्र विद एवं मानव प्रेमी के रूप में प्रख्यात हैं. आप कोमल हृदयी हैं एवं दूसरों के साथ सदैव सद्भावना रखते हैं. यदि आपके साथ कोई दुर्व्यवहार भी करता है तो आप उसे क्षमा कर देते हैं. आप अपने दिल में भी किसी के प्रति कोई द्वेष नहीं रखते. आप महत्वाकांक्षी व्यक्ति नहीं हैं परन्तु इच्छाएं बढ़ी-चढ़ी होती हैं व् मन ही मन आप उन्नत्ति के सर्वोच्च शिखर पर पहुँच जाते हैं.. . . . . .

27. रेवती नक्षत्र: यदि आपका जन्म रेवती नक्षत्र में हुआ है तो आप एक माध्यम कद और गौर वर्ण के व्यक्ति हैं. रेवती जातकों के व्यक्तित्व में संरक्षण, पोषण और प्रदर्शन प्रमुख है. आप एक निश्चल प्रकृति के व्यक्ति हैं जो किसी के साथ छल कपट करने में स्वयं डरता है. आप को क्रोध शीघ्र ही आ जाता है. किसी की ज़रा सी विपरीत बात आपसे सहन नहीं होती है. क्रोध में आप आत्म नियंत्रण भी खो देते हैं, परन्तु क्रोध जितनी जल्दी आता है उतनी जल्दी चला भी जाता है. साहसिक कार्य और पुरुषार्थ प्रदर्शन की आपको ललक सदा ही रहती है. . . . . .

पंडित
bhubneshwar
कस्तूरवा नगर पर्णकुटी गुना
9893946810

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