Nishita Kaal Puja
Time= 24:08+ to 24:58+
Duration =
0 Hours 50 Mins On 25th,
Maha Shivaratri Parana
Time06:50 to 15:25
Ratri First Prahar Puja
Time = 18:16 to 21:25
Ratri Second Prahar Puja
Time = 21:25 to 24:33+
Ratri Third Prahar Puja
Time = 24:33+ to 27:42+
Ratri Fourth Prahar Puja
Time = 27:42+ to 30:50+
How to read 24+ time?
Chaturdashi Tithi Begins
= 21:38 on 24/Feb/2017 Chaturdashi Tithi Ends
= 21:20 on 25/Feb/2017
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शास्त्रोक्त प्रमाण् सहित शिव रात्रि:
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शिव पुराण-विद्येश्वरसंहिता खंड-10 में
भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु के प्रश्न के उत्तर में भगवान महेश्वर के आदेश विद्यमान हैं कि ‘‘मेरे दर्शन-पूजन के लिये चतुर्दशी तिथि निशीथ व्यापिनी अथवा प्रदोष व्यापिनी (अर्द्धरात्रि व्यापिनी अथवा संध्याकाल व्यापिनी) लेनी चाहिये; क्योंकि परवर्तिनी तिथि से संयुक्त चतुर्दशी की ही प्रशंसा की जाती है।’’
‘‘निशीथसंयुता या तु कृष्णपक्षे च चतुर्दशी। उपोष्या सा तिथिसर्वेःशिवसायुज्यकारिका।।’’
-स्कन्दपुराण- माहेश्वरखंड-केदारखंड-33/92
‘‘कृष्ण पक्ष में चतुर्दशी अर्धरात्रि व्यापिनी हो, उसमें सबको उपवास करना चाहिये।
वह भगवान् शिव का सायुज्य प्रदान करने वाली है।’
’ स्कंद पुराण- नागर खंड-उत्तरार्द्ध-221 में पृष्ठांकित है
कि ‘‘माघ मास के कृष्ण पक्ष में जो चतुर्दशी तिथि आती है, उसकी रात्रि ही शिव रात्रि है।’’ यहां अमावास्यान्त मास की दृष्टि से माघ मास कहा गया है। जहां कृष्ण पक्ष में मास का आरंभ और पूर्णिमा पर उसकी समाप्ति होती है, उसके अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी में यह शिवरात्रि का व्रत होता है।
निर्णय सिंधु में उद्धृत नारद संहिता और ईशान संहिता का उदाहरण भी यही समझना चाहिए। लिंगपुराण में भगवान् शिव का स्पष्ट कथन है
कि फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावधान होकर कृत्तिवासेश्वर लिंग में जो महादेव की पूजा करते हैं; उनको मैं सदैव मुक्त और रोगरहित परमस्थान देता हूं।
निष्कर्ष यह है कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की
अर्द्धरात्रिव्यापिनी चतुर्दशी ही मान्य है। फागुन सुदी 14 दिनांक 24/2/2017 को महा शिव रात्री पर्व मनाना सिद्ध हुआ।
पं परमेश्वर दयाल शर्मा
तिलक चौक
मधुसूदन गढ
9893397835
Pandit ~bhubneshwar
Kasturwanagar parnkuti guna
०9893946810
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शास्त्रोक्त प्रमाण सहित
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महाशिवरात्रि पर शिव पूजन के ये सरल उपाय कर सकते हैं
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन यदि कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। महाशिवरात्रि पर किए जाने वाले उपाय इस प्रकार हैं-
शिवपुराण के अनुसार जानिए कौन सा अनाज भगवान शिव को चढ़ाने से क्या फल मिलता है-
भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है।
तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है। –
जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है।
– गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।
यह सभी अन्न भगवान को अर्पण करने के बाद गरीबों में वितरीत कर देना चाहिए।
शिवपुराण के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन सा रस (द्रव्य) चढ़ाने से उसका क्या फल मिलता है-
– ज्वर (बुखार) होने पर
भगवान शिव को जलधारा चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है।
सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जलधारा द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है।
– नपुंसक व्यक्ति अगर घी से भगवान शिव का अभिषेक करे, ब्राह्मणों को भोजन कराए तथा सोमवार का व्रत करे तो उसकी समस्या का निदान संभव है।
– तेज दिमाग के लिए शक्कर मिश्रित दूध भगवान शिव को चढ़ाएं।
– सुगंधित तेल से भगवान शिव का अभिषेक करने पर समृद्धि में वृद्धि होती है।
– शिवलिंग पर ईख (गन्ना) का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है।
– शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
– मधु (शहद) से भगवान शिव का अभिषेक करने से राजयक्ष्मा (टीबी) रोग में आराम मिलता है।
शिवपुराण के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन का फूल चढ़ाया जाए तो उसका क्या फल मिलता है-
– लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
– चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है।
– अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।
– शमी पत्रों (पत्तों) से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है।
– बेला के फूल से पूजन करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है।
– जूही के फूल से शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।
– कनेर के फूलों से शिव पूजन करने से नए वस्त्र मिलते हैं।
– हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
– धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है।
– लाल डंठलवाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया है।
– दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है।
संतान प्राप्ति के लिए उपाय महाशिवरात्रि पर सुबह जल्दी उठकर नहाकर, साफ वस्त्र पहनकर भगवान शिव का पूजन करें। इसके पश्चात गेहूं के आटे से 11 शिवलिंग बनाएं। अब प्रत्येक शिवलिंग का शिवमहिम्नस्त्रोत से जलाभिषेक करें। इस प्रकार 11 बार जलाभिषेक करें। उस जल का कुछ भाग प्रसाद के रूप में ग्रहण करें। यह प्रयोग लगातार 21 दिन तक करें। गर्भ की रक्षा के लिए और संतान प्राप्ति के लिए गर्भगौरी रुद्राक्ष भी धारण करें। इसे किसी शुभ दिन शुभ मुहूर्त देखकर धारण करें।
बीमारी ठीक करने के लिए उपाय महाशिवरात्रि के दिन पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें।
अभिषेक के लिए तांबे के बर्तन को छोड़कर किसी अन्य धातु के बर्तन का उपयोग करें। अभिषेक करते समय ऊं जूं स: मंत्र का जाप करते रहें। इसके बाद भगवान शिव से रोग निवारण के लिए प्रार्थना करें और प्रत्येक सोमवार को रात में सवा नौ बजे के बाद गाय के सवा पाव कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने का संकल्प लें। इस उपाय से बीमारी ठीक होने में लाभ मिलता है।
कालसर्प दोष का उपाय
महाशिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद किसी शिव मंदिर में जाकर या घर पर ही अकेले में भगवान शिव की प्रतिमा के सामने महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें। प्रत्येक मंत्र जाप के साथ एक बिल्वपत्र भगवान शिव पर चढ़ाते रहें।
मंत्र ऊँ हौं ऊं जूं स: भूर्भुव: स्व:
त्र्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवद्र्धनम्।
उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
भूर्भुव: स्वरों जूं स: हौं ऊं।।
इसके बाद प्रत्येक दिन इस मंत्र का जाप 108 बार करें। यदि यह संभव न हो तो जितना जाप आप कर सकें, उतना ही करें। इस उपाय से कालसर्प दोष का असर कम होने लगेगा तथा हर कार्य में सफलता मिलने लगेगी।
कालसर्प दोष निवारण के अन्य उपाय
– महाशिवरात्रि के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद चांदी से निर्मित नाग-नागिन की पूजा करें और सफेद फूल के साथ इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। कालसर्प दोष से राहत पाने का ये अचूक उपाय है। – महाशिवरात्रि पर सुबह स्नान आदि करने के बाद किसी शिव मंदिर में जाकर लघु रुद्र का पाठ स्वयं करें या किसी योग्य पंडित से करवाएं। ये पाठ विधि-विधान पूर्वक होना चाहिए। – सफेद फूल, बताशे, कच्चा दूध, सफेद कपड़ा, चावल व सफेद मिठाई बहते हुए जल में प्रवाहित करें और कालसर्प दोष की शांति के लिए शेषनाग से प्रार्थना करें। – महाशिवरात्रि के दिन गरीबों को अपनी शक्ति के अनुसार दान करें व नवनाग स्तोत्र का पाठ करें।
शाम के समय पीपल के वृक्ष की पूजा करें तथा पीपल के नीचे दीपक जलाएं। – कालसर्प यंत्र की स्थापना करें। प्रतिदिन विधि-विधान पूर्वक इसका पूजन करने से भी कालसर्प दोष से राहत मिलती है।
मेष-
इस राशि के लोग जल में गुड़ मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। यदि ये न कर पाएं तो जल में कुंकुम मिलाकर भी भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं। शिव पंचाक्षर मंत्र का जाप करें। महाशिवरात्रि पर आप राशि के अनुसार ये उपाय कर सकते हैं-
वृष-
दही से भगवान शिव का अभिषेक शुभ फल देता है। इससे धन संबंधी समस्या का निदान होता है। साथ ही भगवान शिव की स्तुति करें व बिल्व पत्र भी चढ़ाएं तो और जल्दी फल प्राप्त होगा।
मिथुन-
इस राशि के लोग गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करें तो जल्दी ही उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाएगी। भगवान शिव को धतूरा भी चढ़ाएं।
कर्क-
इस राशि वाले शक्कर मिला हुआ दूध भगवान शिव को चढ़ाएं। साथ ही आंकड़े के फूल भी अर्पित करें।
सिंह- सिंह राशि के लोग लाल चंदन के जल से शिव जी का अभिषेक करें तथा शिव अमृतवाणी सुनें। इससे इनकी हर मनोकामना पूरी होगी।
कन्या-
विजया (भांग) मिश्रित जल से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। इससे यदि इन्हें कोई रोग होगा तो वह समाप्त हो जाएगा।
तुला-
इस राशि के लोग भगवान शिव का गाय के घी में इत्र मिलाकर अभिषेक करें। साथ ही केसर मिश्रित मिठाई का भोग भी लगाएं। इससे इनके जीवन में सुख-समृद्धि आएगी।
वृश्चिक-
शहद मिश्रित जल से भगवान शिव का अभिषेक वृश्चिक राशि के लोगों के लिए शीघ्र फल देने वाला माना जाता है। शहद न हो तो शक्कर का उपयोग भी कर सकते हैं।
धनु-
इस राशि के लोगों को दूध में केसर मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। साथ ही शिव पंचाक्षर स्त्रोत का पाठ भी करना चाहिए।
मकर-
आप अपनी राशि के अनुसार तिल्ली के तेल से भगवान शिव का अभिषेक करें तो आपको हर काम में सफलता मिलेगी। भगवान शिव को बिल्व पत्र भी चढ़ाएं।
कुंभ-
इस राशि के व्यक्तियों को नारियल के पानी या सरसों के तेल से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। इससे इन्हें धन लाभ होगा।
मीन-
इस राशि के लोग पानी में केसर मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। धन संबंधी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी।
Sampark
Pandit ~bhubneshwar
Kasturwa nagar parnkuti guna
9893946810
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