4- वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को, पुनर्वसु नक्षत्र में कर्क लग्न में हुआ था। उस समय सूर्य, मंगल, शनि, गुरु और शुक्र ग्रह अपने-अपने उच्च स्थान में विद्यमान थे तथा लग्न में चंद्रमा के साथ गुरु विराजमान थे।
भरत का जन्म पुष्य नक्षत्र तथा मीन लग्न में हुआ था, जबकि लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म अश्लेषा नक्षत्र व कर्क लग्न में हुआ था। उस समय सूर्य अपने उच्च स्थान में विराजमान थे :.
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