धतूरे के फल
आक के फूल
आक के फल
अर्पित करने हेतु शिवजी को बस्त्र
मता जी को अर्पित करने हेतु
सौ भाग्यवस्त्र
ब्राह्मण बस्त्र
जल कलश तांबे का मिट्टी का)
१】सफेद कपड़ा दो मीटर)
२】लाल कपड़ा (2मीटर)
3 पीला कपड़ा 2 मीटर
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दीपक
तुलसी दल
केले के पत्ते (यदि उपलब्ध हो तो
बन्दनवार
पान के पत्ते ---------11 नग
रुई 200 ग्राम
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स्नान सामग्री
1)गाय का दूध से स्नान 1 किलो
2)गाय का दही स्नान 500 ग्राम
3)गाय का घी स्नान 100 ग्राम
4)शहद स्नान 50 ग्राम
5)शकर स्नान 200 ग्राम
6)पंचामृत स्नान 200 ग्राम
7) पांच प्रकार के फलो का रस 100 ग्राम
8)फूलो का रस (इत्र) स्नान 10 ग्राम
9)विजया (भांग) स्नान 10 ग्राम
10अष्टगंध या चन्दन घिसा हुआ स्नान 10 ग्राम
11)यज्ञ भस्म स्नान एबम त्रिपुण्ड के लिए 50 ग्राम
12)गंगा जल् स्नान 100 ग्राम
अभिषेक के लिए
दूध ,गन्ने का रस ,या जिस कामना के लिए करना है
उसकी व्यबस्था करे--------------
8 चीजों से बनी भस्म शिवजी को लगानी चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार 8 चीज़ों को शुद्ध व पावन माना जाता है।
1- गाय के गोबर कंडे
2- बिल्व वृक्ष की लड़की
3- शमी की लड़की
4- पीपल की लड़की
5- पलाश की लकड़ी
6- बड़ (बरगद) की लकड़ी
7- अमलता की लकड़ी
8- बेर वृक्ष की लकड़ी।
ऐसे तैयार करें भस्म-
ऊपर बताई गई सभी वृक्षों की सुखी लकड़ियां एकत्रित करके उन्हें जलाकर उनकी भस्म बना लें। ध्यान रखें जब जब भस्म तैयार करें तो तो नीचे दिए गए मंत्र का उच्चारण तब तक करते रहें जब तक भस्म बनकर तैयार न हो जाए।
बता दें ज्योतिष के अनुसार तैयार भस्म को शिवाग्नि कहा जाता है।
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