Tuesday, 14 May 2024

यज्ञ

ध्यान से श्रवण करिये।~~~ 
#अन्नहीनो_दहेद्राष्ट्रं_मन्त्रहीनस्तु_ऋत्विजः ।
#दीक्षितं_दक्षिणाहिनो_नास्ति_यज्ञसमो_रिपुः ।।
अन्नहीन (ब्राह्मण भोजन से रहित) यज्ञ से राष्ट्र का , मंत्र हीन यज्ञ से पुरोहित का ,  ओर दक्षिणा से हीन यज्ञ करने से यजमान का नाश होता है । अतः संपूर्ण विधि विधान से रहित यज्ञ न करे । 
Arun shastri जबलपुर
#प्रश्न_नही_स्वाध्याय_करे!!

~~~~~(सर्वेषाम् एव शौचानाम्) सब शौचों में (अर्थ शौचं परं स्मृतम्) धन की शुद्धि सबसे बढ़कर है। (यः अर्थे शुचिः) जो धन कमाने में शुद्ध है (स शुचिः) वह वस्तुतः शुद्ध है। (न मृत + वारि + शुचिः शुचिः) मिट्टी और जल की शुद्धि शुद्धि नहीं है‼️
‼️स्वधर्म वृत्ति से प्राप्त धन ही शुद्ध होता है ‼️
 जिसके धन कमाने के साधन शुद्ध नहीं हैं वह 
 कितना ही अन्य बातों में शुद्ध क्यों न हो शुद्ध 
   नहीं कहा जा सकता‼️
 
  वाचा शौचं च मनसः शौचमिन्द्रियनिग्रहः ।
  सर्वभूते दया शौचमेतच्छौचं परार्थिनाम् ‼️
  यदि आप दिव्यता चाहते है तो आपके वाचा, मन 
  और इन्द्रियों में शुद्धता होनी चाहिए. उसी प्रकार 
   आपके ह्रदय में करुणा होनी चाहिए.‼️
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उनका कहना भी सही है, इस संबंध में एक प्रमाण भी है..."" मूर्खो वदति विष्णाय, ज्ञानी वदति विष्णवे ।।

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