ज्योतिष समाधान

Saturday, 30 October 2021

लक्ष्मी पूजन सामग्री ऐब दीपावली पूजन मुहूर्त 9893946810


महा लक्ष्मीपूजन सामग्री लिस्ट 
अगर पण्डित जी से पूजन  करवांना  हो तो पण्डित जी से पूछ कर ही सामग्री आव्यशकतानुसार   कम या ज्यादा ला सकते है 
  
पाना लक्ष्मी व श्री गणेश की मूर्तियां (बैठी हुई मूर्ति

१】हल्दी
२】चंदन
३】 कपूर 
४】केसर 
५】यज्ञोपवीत 5 
६】रोली (कुंकु)
७】चावल 
८】अबीर 
९】गुलाल, 
१०】बडी गोल सुपारी 
११】लौंग
१२】इलायची
१३】सिन्दूर
१४】यग्नोपवीत(जनेऊ)
१५】कलावा(मौली)
१६】माचिस
१७】इत्र
१८】रुई 
१९】बताशे
 २०】 बदाम 
२१】काजू
२२】पिस्ता
२३】चिरोंजी 
२४】मिश्री
२५】खीले 
२६】 परमल
२७ )गुलाव जल
२८】गंगाजल

पंचामृत के लिये
२९】शहद (मधु) 
३०】शकर
३१】 घृत (शुद्ध घी) 
३२】दही 
३३】दूध 

३४】ऋतुफल(गन्ना, सीताफल, सिंघाड़े इत्यादि) 
३५】नैवेद्य या मिष्ठान्न (पेड़ा, मालपुए इत्यादि)
 ३६】पूजा के लिये पैसे 
३७】फूल कमल के ऐबं अन्य फूल भी
३८】दूर्वा(दूवा या दरवा)
३९】शमी पत्र
४०】तुलसी दल 
४१】पंच पल्लव
४२】(बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते)  सम्भब हो तो

४३】 लक्ष्मीजी का पाना (अथवा मूर्ति) 
४४】गणेशजी की मूर्ति सरस्वती का चित्र 
४५】चाँदी का सिक्का  श्रद्धानुसार 
४६】लक्ष्मीजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र  श्र्द्धा अनुसार 
४७】सौभाग्य सामग्री 
48】दीपक  के लिये तेल और  घी 
४९】जल कलश (ताँबे और  मिट्टी के) 
५०】सफेद कपड़ा (आधा मीटर)
५१】लाल कपड़ा (आधा मीटर) 
५२】दीपक बड़े  2 और  छोटे दिपक परम्परा अनुसार
५३】 ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा) 
५४】ऐक लाल रंग की  कुबेर पोटली 
५५】सप्तधान्य
 (चावल, गेहूँ,मूँग, कन्ग्नी,मक्का, चना , उड़द,)

५६】लेखनी (कलम)  महाकाली पूजन के लिये
५७】बही-खाता, सरस्वती पूजन के लिये
५८】स्याही की दवात 
५९】तुला (तराजू)  अगर संभव हो तो अगर व्य्पारि है तो
६०】सरस्वती पूजा के लिये ऐक डायरी 

६१】 कुबेर पोटली (बसनी)मे रखने का सामान 
हल्दी की गाँठ, खड़ा धनिया , पीली कोडी,गोमती चक्र, रक्त गुंजा वीज, कमल गट्टा,  मजीठ , पीली सरसो, आवला फ़ल, काली हल्दी, सिन्दूर , श्रंगेरि, दूर्वा ,आदि


लक्ष्मी पूजा को 
प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिये, 
जो कि सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है 
और लगभग 2 घण्टे 24 मिनट तक रहता है।
कुछ स्त्रोत लक्ष्मी पूजा के लिए महानिशिता काल का सुझाव भी देते हैं। 
हमारे विचार में महानिशिता काल तांत्रिक समुदायों और पण्डितों, जो इस विशेष समय के दौरान लक्ष्मी पूजा के बारे में अधिक जानते हैं, 
के लिए अधिक उपयुक्त होता है। 
सामान्य लोगों के लिए प्रदोष काल मुहूर्त ही उपयुक्त है।
लक्ष्मी पूजा को करने के लिए हम चौघड़िया मुहूर्त को देखने की सलाह नहीं देते हैं,
क्यूँकि वे मुहूर्त यात्रा के लिए उपयुक्त होते हैं। लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल के दौरान ही होता है,
जब स्थिर लग्न प्रचलित होती है। 
ऐसा माना जाता है, कि अगर स्थिर लग्न के दौरान लक्ष्मी पूजा की जाये 
तो लक्ष्मीजी घर में ठहर जाती है। 
इसीलिए लक्ष्मी पूजा के लिए यह समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। 
वृषभ लग्न को स्थिर माना जाता है
और दीवाली के त्यौहार के दौरान यह अधिकतर प्रदोष काल के साथ अधिव्याप्त होते है 

लक्ष्मी पूजा के लिये स्थिर लग्न 

 प्रात:
वृश्चिक लग्न :07:29 से 09 :46 तक 
मंदिर, हॉस्पिटल, होटल्स, स्कूल, कॉलेज में पूजा होती है. राजनैतिक, टीवी फ़िल्मी कलाकार वृश्चिक लग्न में ही लक्ष्मी पूजा करते है.

व्यापारियों के लिए शुभ मुहूर्त

व्यापारिक प्रतिष्ठानों में व्यापार में प्रयोग किए जाने वाले कल, पुर्जे, गद्दी, लक्ष्मी कुबेरादि सरस्वती पूजन हेतु शुभ मुहूर्त 
प्रालेपन गादी स्थापना-स्याही भरना-कलम दवात सबारने के लिये  ब्र्श्चीक लग्न मे कर सकते है 
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कुम्भ लग्न :दोपहार 01:36 से 3:07 तक 

यह दिवाली के दिन दोपहर का समय होता है. जिन पर शनि की दशा ख़राब चल रही होती है, जिनको व्यापार में बड़ी हानि होती है. उनको इस लग्न मे पूजा करना चाहीए
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वृषभ लग्न  :शाम:06:15 से रात्रि 08:13 तक

दीपावली के दिन शाम का समय होता है. यह लक्ष्मी पूजा का सबसे अच्छा समय होता है.
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सिंह लग्न – मध्य रात्रि 12:44 से 2:44 तक 

दिवाली की मध्य रात्रि का समय होता है. 
संत, तांत्रिक लोग इस दौरान लक्ष्मी पूजा करते है.
महानिशिता काल में तांत्रिक और पंडित लोग पूजा करते है, 
ये वे लोग होते है, जिन्हें लक्ष्मी पूजा के बारे में अच्छे से जानकारी होती है.

 लक्ष्मी पूजा के लिए हम यथार्थ समय उपलब्ध कराते हैं।
 हमारे दर्शाये गए मुहूर्त के समय में
 अमावस्या, प्रदोष काल और स्थिर लग्न सम्मिलित होते हैं। 
हम स्थान के अनुसार मुहूर्त उपलब्ध कराते हैं, इसीलिए आपको लक्ष्मी पूजा का शुभ समय देखने से पहले अपने शहर का चयन कर लेना चाहिये।
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04 नबम्बर 2021

व्यापारियों के चोघड़िया मूहूर्त

दिन का चोघड़िया मुहूर्त 

शुभ=प्रात:        06:14 - 08:53=शुभ
चर =दोपहर       10:59 से- 12:21 =शुभ
अभिजित =दोपहर 11:59 से 12:43 
लाभ=दोपहार   12:21=से - 01:30 =शुभ
शुभ=शाम =4:28 से 05:50 =शुभ
गौ धूली बेला ऐबं प्रदोष बेला =05:50 से 08:27 तक 
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अमावस्या तिथि प्रारम्भ - 
04 नवम्बर  20201को
प्रात:  06:03 बजे

अमावस्या तिथि समाप्त -
 05 नवम्बर  2021 को 
रात्रि02:44  बजे

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यह मुहूर्त निर्णय सागर पंचांग द्वारा  तैयार किया गया है 
हमारे यहा दीपावली पूजन ऐबं लक्ष्मी जी के अर्चन के लिये  सम्पर्क करे 

सम्पर्क सूत्र 
Gurudev
 bhubneshwar 
Parnkuti guna 
9893946810/ 9893983084 

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