Sunday, 29 July 2018

साढ़ेसाती से परेशान लोग भी सावन में शिव पूजन करके इसके प्रभावों को कम कर सकते हैं। इसके लिए रोजाना शिव जी पर जल चढ़ाएं और शनिदेव के मंत्र ‘ऊं प्रां प्रीं स: शनिचश्चार नम:’ का 108 बार जप करें। शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए इन्हे करनी चाहिए सावन शिव जी की पूजा :

इस साल का सावन का महीना बहुत खास रहने वाला है क्योंकि 19 साल बाद एक दुर्लभ संयोग बना है। गुरुदेब भुबनेश्वर पर्णकुटी वालो ने बताया
कि विशेष बात यह है कि श्रावण मास में इस बार सावन का महीना 28 या 29 दिनों का नहीं रहेगा बल्कि पूरे 30 दिनों तक चलेगा। ऐसा संयोग 19 साल बाद बन रहा है।

दरअसल इस बार का सावन 30 दिनों का होने के पीछे अधिकमास पड़ने के कारण हुआ है।

28 जुलाई को सावन का पहला दिन होगा जो कि 26 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगा।

सावन का पहला सोमवार 30 जुलाई को पड़ेगा।
इस सावन माह में 4 सोमवार पड़ने के कारण विशेष संयोग बन रहा है।

पंचांग के मुताबिक, पिछले साल सावन 10 जुलाई से शुरू होकर 7अगस्त तक 29 दिन का था।

बहुत से भक्त श्रावण माह के पहले सोमवार से 16 सोमवार के व्रत शुरू करते है।

क्योंकि 16 सोमवार के व्रत श्रावण के पहले सोमवार से ही प्रारंभ किया जाता है।

श्रावण माह के सभी मंगलवार व्रत देवी पार्वती के लिए किया जाते है जो भगवान शिव की अर्धांगिनी है।
सावन माह में किये जाने वाले मंगलवार व्रत को मंगला गौरी व्रत भी कहा जाता है।
कुँवारी कन्याओ को विबाह  में रुकावट  हो तो यह ब्रत उनके लिए अचूक उपाय का कार्य करता है  दाम्पत्य सुख के भी लिए अचूक ब्रत है ।

इसी दिन शिव जी धरती पर प्रकट होकर अपने ससुराल गए थे।
जब शिव जी अपने ससुराल पहुंचे तो उनका स्वागत अर्ध्य और अभिषेक से हुआ और यह सब देखकर शिव जी बहुत प्रसन्न हुए।
उसी समय से शिवजी का अभिषेक करने की परंपरा चली आ रही है।
दूसरा कारण

समुद्र मंथन सावन के महीने में ही किया गया था।
समुद्र मंथन से जो विष निकला था उसके कारण पुरे ब्रह्मांड के जीवों पर खतरा मंडराने लगा था।
तब सभी के प्राणों की रक्षा करने के लिए शिवजी ने पूरा हलाहल विष स्वयं पी लिया था जिसके कारण उनका शरीर नीला पड़ने लगा। इस स्थिति में देवताओं ने शिवजी को जल और दूध अर्पित किया ताकि उन्हें राहत मिले।
तभी से शिव जी पर दूध और जल चढाने का महत्त्व माना गया है।

साढेसाती से परेशान लोगो को यह श्रावण खास है क्योंकि
इस साल सावन शनिवार से ही शुरू हुआ है ऐसे में सावन में भगवान शिव का पूजन करने से दोगुना लाभ मिलेगा।
जिन लोगों पर इस दौरान शनि की साढ़े साती चल रही है वे शिवपूजन करके इसके बुरे प्रभावों को कम कर सकते हैं।
विशेषकर सावन के शनिवार के दिन।

सावन के शनिवार के दिन शिव जी का रुद्राभिषेक करके विशेष कृपा पा सकते हैं।

साढ़ेसाती से पीड़ित लोग यूँ करें सावन में शिव जी का पूजन :

साढ़ेसाती से परेशान लोग भी सावन में शिव पूजन करके इसके प्रभावों को कम कर सकते हैं।
इसके लिए रोजाना शिव जी पर जल चढ़ाएं और शनिदेव के मंत्र ‘ऊं प्रां प्रीं स: शनिचश्चार नम:’ का 108 बार जप करें।

शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए इन्हे करनी चाहिए सावन शिव जी की पूजा :

इस समय
वृश्चिक,
धनु
और मकर राशि में शनि की साढ़े साती चल रही है।

मकर राशि में शनि साढ़े साती का प्रथम चरण है,
जबकि धनु में द्वितीया और

वृश्चिक में अंतिम चरण है।

इन तीनों राशि के जातक सावन के प्रत्येक शनिवार को शिवलिंग पूजा और सुंदरकांड का पाठ करें।

Gurudev
Bhubneshwar
Parnkuti guna
9893946810

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