Saturday, 16 September 2017

नवरात्रि पूजन तथा कलशस्थापना आश्विन शुक्ल प्रतिपदा के दिन सूर्योदय के पश्चात 10 घड़ी तक अथवा अभिजीत मुहूर्त  में ही करना चाहिए। अभिजितमुहुर्त्त यत्तत्र स्थापनमिष्यते। अर्थात अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना करना चाहिए। भारतीय ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार नवरात्रि पूजन द्विस्वभाव लग्न में करना श्रेष्ठ होता है। घटस्थापना 21 सितम्बर 2017मुहूर्त =

दुर्गा जी के आगमन और प्रस्थान का विचार नवरात्र मे - आगमन - नवरात्र कलशस्थापन का प्रथम दिन , से जाने
किस दिन घटस्थापना होने से किस बाहन पर आती है देवी जी

शशिसुर्ये गजारूढा ,शनिभोमे तुँरगमे ।

गुरू शुक्रो च दोलायाँ- बुधे नौका प्रकीर्तिता ।।

1सोमवार रविवार को हाथी पर

2शनिवार मंगलवार को घोड़े पर

3गुरुवार शुक्रवार को खटोला यानी डोली पर

4 बुधवार को नोका पर

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            बाहन पर आने का फल

गजे च जलदा देवी , छत्र भँग तुरँगमे ।
नौकायाँ सर्व सिद्धिस्यात दोलायाँ मरणँ धुव्रम ।।

रविवार और सोमवार को आगमन( नवरात्र शुरू होने का दिन) होता है तो वाहन हाथी है जो जल की वृष्टि कराने वाला है ,

शनिवार और मँगल वार को आगमन होता है तो राजा और सरकार को पद से हटना पड सकता है ,

गुरूवार और शुक्रवार को आगमन हो तो दोला ( खटोला ) पर आगमन होता है जो जन हानि , ताँडव , रक्तपात होना बताता है ,

बुधवार को आगमन हो तो देवी नोका ( नाव ) पर आती है तब भक्तो को सभी सिद्धि देती है ।

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देवी का प्रस्थान -

विजया दशमी के दिन के वार से गणणा..

शशिसुर्ये दिने यदि सा विजया, महिषा गमनेरूज शोक करा,
शनिभोमे यदि सा विजया चरणायुद्धयानकरी विकला , बुधशुक्र यदि सा विजया गजवाहनगा शुभ वृष्टि करा ,
सुर राजगुरौ सा विजया नरवाहनगा शुभ सौख्य करा ।।

विजयादशमी यदि रविवार और सोमवार को हो तो माँ दुर्गा का प्रस्थान महिष ( भैसाँ) पर होता है ,
जो शोक देता है ,

यदि शनिवार और मँगलवार को विजया दशमी हो तो पैदल जाती है तब जनता विकल तबाही का अनुभव करती है ,

यदि बुध और शुक्रवार को गमन करे तो हाथी पर जाती है माँ तब शुभ वृष्टि देती है ,

गुरूवार को विजयादशमी हो तो आदमी सवारी होता है जो सुख शान्ति मिलती है.-------

बँगाल मे षष्टि ( छठवे दिन ) से माँ का आगमन जोडा जाता है ,इस कारण अन्तर होता है ...

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यदि प्रतिपदा के दिन चित्रा नक्षत्र हो तथा वैधृति योग हो तो वह दिन दूषित होता है।

इस बार 21 सितंबर 2017 को प्रतिपदा के दिन न हीं चित्रा नक्षत्र है तथा न हीं वैधृति योग है

परन्तु शास्त्र यह भी कहता है की यदि प्रतिपदा के दिन ऐसी स्थिति बन रही हो तो उसका परवाह न करते हुए अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना तथा नवरात्र पूजन कर लेना चाहिए।

निर्णयसिन्धु के अनुसार —

सम्पूर्णप्रतिपद्येव चित्रायुक्तायदा भवेत। वैधृत्यावापियुक्तास्यात्तदामध्यदिनेरावौ।।

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"""''""ज्योतिषशास्त्र के अनुसार """""""",,

भारतीय शास्त्रानुसार नवरात्रि पूजन तथा कलशस्थापना आश्विन शुक्ल प्रतिपदा के दिन सूर्योदय के पश्चात 10 घड़ी तक अथवा अभिजीत मुहूर्त  में ही करना चाहिए।

अभिजितमुहुर्त्त यत्तत्र स्थापनमिष्यते।

अर्थात अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना करना चाहिए।
भारतीय ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार नवरात्रि पूजन द्विस्वभाव लग्न में करना श्रेष्ठ होता है।

घटस्थापना 21 सितम्बर 2017मुहूर्त = 06:22 to 07:30
अवधि = 1 घंटा 8 मिनट

घटस्थापना मुहूर्त तिथि – प्रतिपदा तिथि
घटस्थापना मुहूर्त लग्न – द्विस्वभाव राशि 
इन चार लग्नो में कर सकते है घटस्थापना मिथुन लग्न  कन्या लग्न धनु लग्न कुम्भ लग्न इन चार लग्नो में एक लग्न जो कि

1 **कन्या लग्न 21 सितम्बर को प्रातकाल में  6बजकर 12 मिनिट से 8 बजकर26 मिनिट तक रहेगी जिसमें चौघड़िया मुहूर्त भी रहेगा कन्या लग्न मुहूर्त श्रेष्ठ है ।

2  दूसरी श्रेष्ठ लग्न दोपहर को धनु लग्न जो कि दोपहर 1 बजकर 2 मिनिट  से 3 बजकर 6मिनिट तक रहेगी  ,अभिजीत मुहूर्त में भी आप घटस्थापना कर सकते है ।

अभिजीत मुहूर्त (11:46 से12:34 तक है )
जो ज्योतिष शास्त्र में स्वयं सिद्ध मुहूर्त माना गया है।

3 तीसरी  कुम्भ लग्न मुहूर्त 4 बजकर 52 मिनिट से   6 बजकर 22 मिनिट तक रहेगी जिसमें झांकी आदि या समयाभाब वाले भक्त कर घट स्थापना कर सकते  है।
इसमे चौघड़िया मुहूर्त भी  शाम  4बजकर 52 मिनिट से रात्रि 9 बजकर 30 मिनिट तक रहेगा ।

4 चौथी मिथुन लग्न रात्रि  11 बजकर 23 मिनिट से  1 बजकर 36 मिनिट तक रहेगी  । जो कि तांत्रिको को अथवा तांत्रिक क्रियाओं से सम्बंधित  साधको के लिए उपयुक्त रहेगी ।

                चौघड़िया मुहूर्त
प्रातः6 बजकर 17 मिनिट से 7 बजकर 45 मिनिट तक
दोपहर11 बजे से 3 बजकर 30 मिनिट तक
शाम4-52बजे से 9बजकर 30 मिनिट तक

प्रथम(प्रतिपदा) नवरात्र हेतु पंचांग विचार

दिन(वार) – वृहस्पतिवार
तिथि – प्रतिपदा
नक्षत्र – हस्त
योग – भव
करण – किंस्तुघ्न
पक्ष – शुक्ल
मास – आश्विन
लग्न – धनु (द्विस्वभाव)
मुहूर्त – अभिजीत मुहूर्त समय – 11:46 से 12:34 तक
राहु काल – 13:45 से 15:16 तक
विक्रम संवत – 2074

मुहूर्त की अधिक जानकारी के लिए अपने पंडित जी से पंचांग में देख कर ही  घट स्थापना करें हमारी ओर से   मुहूर्त में पूरी साबधानी बरती गई है।

Gurudev bhubneshwar
कस्तूरवा नगर parnkuti गुना
9893946810

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