Tuesday, 30 May 2017

प्रश्न कुंडली : 12 भाव का फलादेश प्रश्न कुंडली बनाने के बाद भाव विचार करना जरूरी है। जन्म कुंडली के अनुसार ही प्रश्न कुंडली में भी 12 भाव बनाए जाते हैं और उनके बलाबल का विचार करके निदान दिया जाता है।


प्रश्न कुंडली : 12 भाव का फलादेश

प्रश्न कुंडली बनाने के बाद भाव विचार करना जरूरी है। जन्म कुंडली के अनुसार ही प्रश्न कुंडली में भी 12 भाव बनाए जाते हैं और उनके बलाबल का विचार करके निदान दिया जाता है।

पहले भाव से सुख, आयु, जाति, स्वास्थ्य, सुख-दुःख, शारीरिक बनावट आदि का विचार करें।

दूसरे भाव से धन, परिवार, रत्न-आभूषण, वाणी, स्मरण शक्ति, वस्त्र-उपहार, कल्पना शक्ति, दूसरा विवाह, क्रय-विक्रय आदि का विचार करें।

तीसरे भाव से छोटे बहन-भाई, नौकर, पड़ोसी, लेखन कार्य, सन्देश, पराक्रम, दाहिना कान, लघु यात्रा, निवास स्थान में परिवर्तन आदि का विचार करें।

चौथे भाव से बगीचा, खेत, दवाई, घर, सवारी, माता, मुख, जल, जमीन में गड़ा धन, मिथ्या आरोप, ज्ञान, धरोहर, शयन,ससुर आदि का विचार करें।

पाँचवें भाव से संतान, गर्भ, मंत्र, विद्या, बुद्धि, विवेक शक्ति, कलाएँ, प्रबंध, गुरु, समाज, प्रेम, शासन आदि का विचार करें।

छठे भाव से रोग, भय, शत्रु, मामा, शंका, व्याधि, विघ्न, नौकरी, घायल होना, प्रतियोगिता, कर्ज, साझीदार से झगड़ा आदि का विचार करें।

सातवें भाव से विवाह, स्त्री या पति, प्रेम संबंध, खोई हुई वस्तु, व्यापार, लेनदेन, विवाद, शयन, शैय्या सुख आदि का विचार करें।

आठवें भाव से मरण, संकट, स्त्री का धन, आयु विचार, शत्रु द्वारा हानि, झगड़ा, ससुराल, भूत बाधा, मानसिक अशांति, राज दंड, व्यसन आदि का विचार करें।

नवें भाव से भाग्य, धर्म, तीर्थ यात्रा, गुरु, देवता, दीर्घ यात्रा, पुण्य कर्म, पिता, विदेश यात्रा, दान, उपासना, नाती-पोते, दया भाव आदि का विचार करें।

दसवें भाव से व्यवसाय,राज्य से लाभ-हानि,पद, तरक्की, सास, राजनीति में दखल, कार्य शैली, दफ्तर, प्रतिष्ठा आदि का विचार करें।

ग्यारहवें भाव से सवारी, अन्न, वस्त्र, मित्र, व्यापार, विद्या, बड़े भाई-बहन, बायाँ कान, सास का धन, बहू-दामाद आदि का विचार करें।

बारहवें भाव से स्थान परिवर्तन, भोग, विवाद, दान, व्यय, उधार देना, जेल यात्रा, कर्ज आदि का विचार करें।

पंडित
Bhubneshwar
Kasturwangar parnkuti guna
०9893946810

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