Jayanti Puja Time
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ = 10:22 on 10/Apr/201
पूर्णिमा तिथि समाप्त = 11:37 on 11/Apr/2017
2017 120 साल बाद आया विशेष योग, हनुमान जयंती पर
हनुमान जयंती इस बार विशेष फलदायी होगी।
इस बार हनुमान जयंती का पर्व कई लिहाज से खास होगा और भक्तों पर हनुमानजी की विशेष कृपा बरसेगी।
दरअसल इस बार हनुमान जयंती पर्व पर त्रेतायुग जैसे ही संयोग विद्यमान रहंेगे।
जैसे शास्त्रों में हनुमानजी के जन्म के समय बताए गए हैं। तिथि, वार और नक्षत्र के लिहाज से वैसे ही संयोग 11 अप्रैल हनुमान जयंती पर भी विद्यमान रहेंगे।
हनुमान जयंती का पर्व 11 अप्रैल को मनाया जाएगा।
करीब 120 साल बाद ये विशेष योग इस साल बन रहा है।
आइए हम आपको बताते हैं कि इन राशियों के लिए फायदेमंद रहेगी ये हनुमान जयंती...
गजकेशरी व अमृत योग पं. भुबनेश्वर शास्त्री अनुसार हनुमान जयंती पर त्रेता युग जैसा संयोग बन रहा है।
इस दिन मंगलवार, पूर्णिमा तिथि, चित्रा नक्षत्र रहेगा।
शास्त्रों में हनुमानजी के जन्म के समय यही संयोग बताए गए हैं।
इस दिन गजकेसरी योग और अमृत योग भी बन रहा है।
शनि की साढ़े साती-ढैया वालों के लिए यह दिन विशेष शुभ होगा।
2021 में फिर बनेगा एेसे संयोग में जिन जातकों पर शनि की साढ़े साती अथवा ढैया या शनि की विपरित महादशा चल रही है, उसके निवारण के लिए यह दिन विशेष शुभ होगा।
इस तरह का संयोग 2021 में फिर बनेगा।
विशेष शुभ होगा यह संयोग पं. भुबनेश्वर शास्त्री के अनुसार हनुमान जयंती पर जो संयोग बन रहा है,
यह विशेष शुभता प्रदान करेगा। हनुमानजी के जन्म के समय तिथि, वार और नक्षत्रों का जो योग था, वह इस बार भी विद्यमान रहेगा, इस लिहाज से यह जयंती काफी खास हो गई है।
वैसे भी कलयुग में हनुमानजी, भगवान गणेश और मां दुर्गा को प्रत्यक्ष रूप में माना गया है। हनुमानजी वानर के रूप में, भगवान गणेश हाथी के रूप में और मां दुर्गा नारी के रूप में विद्यमान हैं।
इसलिए ज्यादा महत्व उज्जैन के पं. आनंद शंकर व्यास का कहना है कि आमतौर पर नक्षत्र, तिथि और लग्न का मेल तो होता ही है,
लेकिन इस बार मंगलवार के दिन के साथ यह विशेष मेल बनने से इसका महत्व और बढ़ गया है। मंगलवार का दिन हनुमानजी का माना जाता है।
हनुमान हनुमान जयंती के 7 ऐसे उपाय जो आपने कभी नहीं सुने होंगे हनुमान जयंती के उपाय विशेष फल प्रदान करते हैं।
हनुमान जयंती का दिन हनुमानजी की विशेष पूजा का दिन है।
यह उपाय हनुमान जयंती से आरंभ कर प्रति मंगलवार को करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
इस युग में हनुमानजी की पूजा सबसे जल्दी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली मानी गई है।
जीवन से जुड़ी सभी समस्याओं को दूर करने वाले यह उपाय अवश्य आजमाएं-
* मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की सेवा हनुमान जयंती के दिन और बाद में महीने में किसी भी एक मंगलवार को करने से आपका मानसिक तनाव हमेशा के लिए दूर हो जाएगा।
* हनुमान जयंती पर और बाद में साल में एक बार किसी मंगलवार को अपने खून का दान करने से आप हमेशा दुर्घटनाओं से बचे रहेंगे।
हनुमान जयंती पर किस कामना के लिए पवनपुत्र को क्या चढ़ाएं....
* 'ॐ क्रां क्रीं क्रों स: भौमाय नम:' मंत्र का एक माला जाप हनुमान जयंती व मंगलवार को करना शुभ होता है।
* 5 देसी घी के रोट का भोग हनुमान जयंती पर लगाने से दुश्मनों से मुक्ति मिलती है।
* व्यापार में वृद्धि के लिए हनुमान जयंती को सिंदूरी रंग का लंगोट हनुमानजी को पहनाइए।
* हनुमान जयंती पर मंदिर की छत पर लगाइए लाल झंडा और आकस्मिक संकटों से मुक्ति पाइए।
हनुमान जयंती पर राशि अनुसार किए गए उपाय के बारे में कहा जाता है कि इन्हें करने वाले को उसके दुश्मन छू भी नहीं पाते।
ज्योतिषी तो यहां तक मानते हैं कि इस दिन किए गए उपाय से हनुमान भक्तों की शक्ति इतनी बढ़ जाती है कि उनके पीठ पीछे भी उनका कोई कुछ बिगाड़ नहीं पाता।
आज तक देवताओं को भी जो वर प्राप्त नहीं हो सका, हनुमान जी को मिला
राशिअनुसार हनुमान जयंती पर क्या करे
मेष:
एकमुखी हनुमंत कवच का पाठ करें तथा हनुमान जी पर बूंदी चढ़ाकर गरीब बच्चों में बाटें।
वृष:
रामचरितमानस के सुंदर-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमानजी पर मीठा रोट चढ़ाकर बंदरों को खिलाएं।
मिथुन:
रामचरितमानस के अरण्य-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमानजी पर पान चढ़ाकर गाय को खिलाएं।
कर्क:
पंचमुखी हनुमंत कवच का पाठ करें तथा हनुमानजी पर पीले फूल चढ़ाकर जलप्रवाह करें।
सिंह: रामचरितमानस के बाल-काण्ड पाठ करें तथा हनुमानजी पर गुड़ की रोटी चढ़ाकर भिखारी को खिलाएं।
कन्या:
रामचरितमानस के लंका-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमान मंदिर में शुद्ध घी के 6 दीपक जलाएं।
तुला:
रामचरितमानस के बाल-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमानजी पर खीर चढ़ाकर गरीब बच्चों में बाटें।
वृश्चिक:
हनुमान अष्टक का पाठ करें तथा हनुमानजी पर गुड़ वाले चावल चढ़ाकर गाय को खिलाएं।
धनु:
रामचरितमानस के अयोध्या-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमानजी पर शहद चढ़ाकर खुद प्रसाद रूप में खाएं।
मकर:
रामचरितमानस के किष्किन्धा-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमानजी पर मसूर चढ़ाकर मछलियों को डालें।
कुंभ:
रामचरितमानस के उत्तर-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमानजी पर मीठी रोटियां चढ़ाकर भैसों को खिलाएं।
मीन:
हनुमंत बाहुक का पाठ करें तथा हनुमानजी के मंदिर में लाल रंग की ध्वजा या पताका चढ़ाएं।
No comments:
Post a Comment