में कोई ग्रह कमजोर है जिस कारण उसके जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा है और वह जातक हमेशा परेशान रहता है। ऐसे जातकों को रत्न पहने की सलाह दी जाती है। किन्तु बहुत से जातक आर्थिक विपन्नता के कारण रत्न धारण नहीं कर पाते है, तो उन लोगों के लिए ज्योतिष में जड़ पहनने का प्रावधान है।
जैसे रत्न पहनने से व्यक्ति की कुण्डली में कमजोर ग्रह बलवान होकर सकारात्मक उर्जा देने लगता है जिससे उसके जीवन में आने वाली बाधाओं में कमी आती है।
ठीक उसी प्रकार से ग्रह से सम्बन्धित पेड़ की जड़ को अभिमंत्रित करके पहने से कमजोर ग्रह मजबूत होकर शुभ फल देने लगता है।
आईये हम जानते है कि ग्रहो को बलवान करने के लिए कौन से पेड़ की जड़ धारण करके अधिक से अधिक लाभ प्राप्त किया जाये।
सूर्य-
सूर्य की अशुभता को दूर करने के लिए किसी शुभ मुहूर्त में बेल की जड़ को खोदकर तत्पश्चात उसे सूर्य मन्त्र से अभिमन्त्रित करके लाल कपड़े में लपेट कर दाहिनी भुजा में बांधने से सूर्य अच्छा फल देने लगता है।
चन्द्र-
चन्द्र को बलवान करने के लिए किसी शुभ मुहूर्त में खिरनी की जड़ खोदकर तत्पश्चात उसे अभिमन्त्रित करके सफेद कपड़े में लपेटकर दिन सोमवार को लाकेट में भरकर गले में धारण करने से चन्द्र अशुभता में कमी आती है।
मंगल-
मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए अनन्तमूल या खेर की जड़ को शुद्ध करके लाल कपड़े में लपेटकर दिन मंगलवार को दाहिने भुजा में बांधने से मंगल ग्रह मजबूत होकर शुभ फल देने लगता है।
बुध-
बुध ग्रह बलवान करने के लिए किसी शुभ मुहूर्त में विधारा की जड़ खोदकर तत्पश्चात उसे शुद्ध करके हरे रंग के धागे में लपेट कर गले में धारण करने से बुध ग्रह से सम्बन्धित अच्छा फल प्राप्त होने लगता है।
गुरू-
गुरू ग्रह को मजबूत करने के लिए किसी अच्छे मुहूर्त में केले की जड़ को खोदकर तत्पश्चात उसे अभिमन्त्रित करके पीले कपड़े में बांधकर दिन गुरूवार को दाहिने भुजा में बाॅधने से गुरू ग्रह की अशुभता में कमी आती है।
शुक्र-
शुक्र ग्रह को स्ट्रांग करने के लिए गूलर की जड़ को शुद्ध करके दिन शुक्रवार किसी लाकेट में डालकर पहनने से शुक्र ग्रह बलवान होकर अच्छे फल देने लगता है।
शनि-
शनि देव को खुश करने के लिए शमी पेड़ की जड़ को किसी अच्छे मूहूर्त में शुद्ध करके नीले कपड़े में बाॅधकर धारण करने से शनि देव कृपा बरसने लगती है। राहु- राहु की अच्छी कृपा पाने के लिए सफेद चन्दन का टुकड़ा नीले धागे में बांधने से राहु की अशुभता में आती है और लाभ होने लगता है।
केतु- केतु की अशुभता दूर करने के लिए अश्वंगधा पेड़ की जड़ को किसी शुभ मुहूर्त में अभिमन्त्रित करके नीले धागे में लपेट कर गले में धारण करने से केतु का शुभ फल मिलने लगता है।
पंडित
Bhubneshwar
Kasturwanagr parnkuti guna
Mo.9893946810
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