Wednesday, 4 January 2017

गणपति जी की आरती

गणपति जी की चमत्कारी आरती लिंक ओपन करे 
हे गणपति तेरी आरती गाऊँ
 सिद्ध विनायक तेरी आरती गाऊँ। 
 1】विघ्न विनायक रूप तुम्हारो हमरे गणपति कष्ट निवारो ।
 प्यारी छवि तेरी मन में बसाऊँ है गणपति तेरी आरती गाऊँ।। >>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>> 
2】मोदक प्रिय है भोग तुम्हारो दूर्वा करती कुल उजियारो।
 एकदंत रूप में ह्रदय में बसाऊँ है गणपति तेरी आरती गाऊँ।। >>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>> 
3】प्रथम् पूज्य हो आके विराजो हमरे गणपति काज सवारो। 
 तेरे चरणों में विनती सुनाऊँ है गणपति तेरी आरती गाऊँ।। >>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
 4】शिवजी के हो तुम प्राणपियारे माँ गौरा के अखियन के तारे ।
 तुमरी शरण में बार बार आऊँ है गणपति तेरी आरती गाऊँ।। >>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>> 
 गड़पति जी की सिद्ध आरती <<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<< 
 जय गौरी नन्दा देवा जय गौरी नंदा गणपति आनंद कन्दा मै चरनन बन्दा । 
 1】सूँड़ सूडालो नयन विसालो कुंडल झल कन्दा।। कुम कुम केसर चन्दन सिंदूर बद नंदा।। <<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
 2】 मुकुट सुघड़ शोभन्ता मस्तक शोभन्ता।
 बहिया बाजू बन्दा पहुंचे गिरिखन्दा।। <<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<< 
3】 रतन जड़ित सिंहासन शोभत आनंदा। गल मूतियन की माला सुर नर मुनि बन्दा ।। <<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<< 
4】 मूसक बाहन राजत शिव सुत आनंदा।
 भजत शिवानंद स्वामी मेटत भव फन्दा।। <<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<< पर्णकुटी ज्योतिष केंद्र at

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