ज्योतिष समाधान

Tuesday, 27 December 2016

शमी का पेड़ दिलाएगा आपको धन

पेड़-पौधे लगाना और इसकी हिफाजत करना हमारी गौरवशाली परंपरा का हिस्सा रहा है. कुछ पेड़ धार्मिक नजरिए से भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं.
शमी भी ऐसे ही वृक्षों में शामिल है. ऐसी मान्यता है कि घर में शमी का पेड़ लगाने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्ध‍ि आती है. साथ ही यह वृक्ष शनि के कोप से भी बचाता है.
किस ओर लगाएं शमी का वृक्ष शमी का वृक्ष घर के ईशान कोण (पूर्वोत्तर) में लगाना लाभकारी माना गया है.
इसमें प्राकृतिक तौर पर अग्न‍ि तत्व पाया जाता है. शनि के कोप से बचाता है शमी न्याय के देवता शनि को खुश करने के लिए शास्त्रों में कई उपाय बताए गए हैं
, जिनमें से एक है शमी के पेड़ की पूजा. शनिदेव की टेढ़ी नजर से रक्षा करने के लिए शमी के पौधे को घर में लगाकर उसकी पूजा करनी चाहिए.
नवग्रहों में शनि महाराज को न्यायाधीश का स्थान प्राप्त है, इसलिए जब शनि की दशा आती है, तब जातक को अच्छे-बुरे कर्मों का पूरा फल प्राप्त होता है. यही कारण है कि शनि के कोप से लोग भयभीत रहते हैं.
पीपल के विकल्प के तौर पर शमी पीपल और शमी दो ऐसे वृक्ष हैं, जिन पर शनि का प्रभाव होता है. पीपल का वृक्ष बहुत बड़ा होता है, इसलिए इसे घर में लगाना संभव नहीं होता. वास्तु शास्त्र के मुताबिक, नियमित रूप से शमी वृक्ष की पूजा की जाए और इसके नीचे सरसों तेल का दीपक जलाया जाए, तो शनि दोष से कुप्रभाव से बचाव होता है
. कई दोषों का होता है निवारण शमी के वृक्ष पर कई देवताओं का वास होता है.
सभी यज्ञों में शमी वृक्ष की समिधाओं का प्रयोग शुभ माना गया है.
शमी के कांटों का प्रयोग तंत्र-मंत्र बाधा और नकारात्मक शक्तियों के नाश के लिए होता है. शमी के पंचांग, यानी फूल, पत्ते, जड़ें, टहनियां और रस का इस्तेमाल कर शनि संबंधी दोषों से जल्द मुक्ति पाई जा सकती है
. आयुर्वेद के नजरिए से भी गुणकारी शमी को वह्निवृक्ष भी कहा जाता है. आयुर्वेद की दृष्टि में तो शमी अत्यंत गुणकारी औषधि मानी गई है. कई रोगों में इस वृक्ष के अंग काम आते हैं. क्या है पौराणि‍क मान्यता पौराणि‍क मान्यताओं में शमी का वृक्ष बड़ा ही मंगलकारी माना गया है. लंका पर विजयी पाने के बाद श्रीराम ने शमी पूजन किया था. नवरात्र में भी मां दुर्गा का पूजन शमी वृक्ष के पत्तों से करने का विधान है. गणेश जी और शनिदेव, दोनों को ही शमी बहुत प्रिय है.

पंडित
Bhubneshwar
Kasturwanagar
Parnkuti guna

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