हे गणपति तेरी आरती गाऊँ
सिद्ध विनायक तेरी आरती गाऊँ।
1】विघ्न विनायक रूप तुम्हारो
हमरे गणपति कष्ट निवारो ।
प्यारी छवि तेरी मन में बसाऊँ
है गणपति तेरी आरती गाऊँ।।
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2】मोदक प्रिय है भोग तुम्हारो
दूर्वा करती कुल उजियारो।
एकदंत रूप में ह्रदय में बसाऊँ
है गणपति तेरी आरती गाऊँ।।
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3】प्रथम् पूज्य हो आके विराजो
हमरे गणपति काज सवारो।
तेरे चरणों में विनती सुनाऊँ
है गणपति तेरी आरती गाऊँ।।
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4】शिवजी के हो तुम प्राणपियारे
माँ गौरा के अखियन के तारे ।
तुमरी शरण में बार बार आऊँ
है गणपति तेरी आरती गाऊँ।।
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गड़पति जी की सिद्ध आरती
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जय गौरी नन्दा देवा जय गौरी नंदा
गणपति आनंद कन्दा मै चरनन बन्दा ।
1】सूँड़ सूडालो नयन विसालो
कुंडल झल कन्दा।।
कुम कुम केसर चन्दन
सिंदूर बद नंदा।।
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2】 मुकुट सुघड़ शोभन्ता
मस्तक शोभन्ता।
बहिया बाजू बन्दा
पहुंचे गिरिखन्दा।।
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3】 रतन जड़ित सिंहासन
शोभत आनंदा।
गल मूतियन की माला
सुर नर मुनि बन्दा ।।
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4】 मूसक बाहन राजत
शिव सुत आनंदा।
भजत शिवानंद स्वामी
मेटत भव फन्दा।।
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