स्वपन
का ज्योतिष आधार
ज्योतिष
की कसौटी पर स्वपन का बड़ा महत्व होता है. l स्वपन हमारे मन की उपज ही होते है. ज्योतिष में
चन्द्रमा को मन का कारक माना जाता है. जिस जातक के लग्न में कमजोर ग्रह, दूषित ग्रह या शत्रु ग्रह हों, वे जातक कमजोर माने जाते है. ऐसे जोगो
को सपने अधिक आते हैं और नज़र दोष, डर के ज्यादा शिकार होते है.
ऐसा
कतई नहीं माना ज सकता की स्वपन केवल हमारे मन की कल्पना ही होते हैं, बल्कि कई बार ये हमारे भविष्य की तरफ
भी ईशारा करते हैं. जैसे की रामचरित्र मानस में कुछ साक्ष
मिलते जो हमे इशारा करते है की स्वप्न की घटनाओ का वास्ता भूत या भविष्य से हो
सकता है l पार्वती जी को शिव जी को प्राप्त करने के लिए स्वप्न आया
सुनहु
मातु मैं दीख अस ,सपन
सुनायउ तोहि। सुन्दर गौर सु विप्र बर,अस उपदेसेउ मोहि।।
सपने
में क्या उपदेश किया l
करहि जाइ तपु शैलकुमारी । नारद कहा सो
सत्य् विचारी।।
मातु पितहि पुनि यह मत भवा । तपु सुख
प्रद दुःख दोष नसावा।।
तप वल रचइ प्रपंच विधाता। तप वल विष्णु सकल जग त्राता।।
तपवल शम्भु करहि संहारा । तप वल सेषु धरई महिभारा।।
तप आधार सव सृष्टि भवानी। करहि जाहि
तपु अस जिय जानी।।
सुनत वचन विस्मित महतारी। सपन सुनायउ गीरिहि हँकारि।।
अब
राम चरित मानस के माद्द्यम् से देखते हे | की राम चरित मानस में स्वप्न का क्या
और कितना महत्त्व हे । रामायण में
आयोद्द्या काण्ड में कैकई कहती हे
की
“सुन मंथरा बात फुरि तोरि।,दाहिनी आँखि नित फरकइ मोरी ।।।
दिन प्रति देखउँ राति कुसपने। कहयूँ न
तोहि मोह बस अपने” ।।
आर्थात :- मन्थरा मुझे कुछ दिनों से बुरे स्वप्न
आ रहे है । कोई अनर्थ होने वाला है ।मुझे ऐसा लगता है। और बाकई में अनर्थ हुआ आप
सब जानते
उसी
समय भविष्य में घटने वाली घटना का पूर्व सन्देश भरत जी को अपने मामा के यहा स्वप्न आया था ।।
“अनरथ अवध अरम्भेऊ जब ते । कुसगुन होही भरत कहु तब ते ।।“
देखही राति भयानक सपना ।। जागि करहि
कटु कोटि कलपना।।
विप्र जिवाइ देहि दिन दाना । शिव अभिषेक करहि विधि नाना ।।
इसके बाद और विचार
करते है तोह देखते है की दसरथ जी की मृतु अयोद्या में हुई और सुचना चित्रकूट में
श्री जानकी माता चित्रकूट में स्वपन आता है l
उँहां राम राजनी अवसेषा। जागे सिय सपन अस देखा।।
सहित समाज भरत जनु आये । नाथ वियोग ताप तन ताये ।।
सुन सिय सपन भरे जल लोचन। भये सोचबस
सोच विमोचन ।।
लखन सपन यह नीक न होइ। कठिन कुचाह सुनाहहि कोई।।
भविष्य की अगली कड़ी
में हमे प्रमाण मिलता है जैसे सुदरकांड में त्रिजटा के माध्यम से स्वपन के द्वारा
वंहा की चार दिन बाद घटने वाली घटना का वर्णन मिलता है त्रिजटा को लंका में स्वप्न आया और
परिणाम आपको पता हे
त्रिजटा ना राच्छसि एका । राम चरण राति
निपुन विबेका ।।
सबन्हों बोली सुनाएसि सपना । सीतहि सेई
करहु हित अपना।।
सपने
बानर लंका जारी । जातु धान सेना सेना सब मारी ।।
कहर अरुण नगन दस शीशा । मुंडित सिर् खण्डित भुज बीसा ।।
एहि विधि सो दच्छिन दिसि जाइ। लंका मनहु विभीषण पाई।।
नगर फिरि रघुवीर दोहाई। तव प्रभु सीता बोली पठाई।।
यह सपना में कहेउ पुकारी ।होइहि सत्य्
गए दिन चारि ।।
स्वपन का फल कब मिलता है?
रात्रि
में अलग -२ समय पर देखे गए स्वपन का फल भी अलग -२ मिलता है. श्री मत्स्य पुराण के
२४२वें अध्याय के अनुसार रात्रि के प्रथम पहर में देखे गए स्वप्न का फल एक वर्ष
में मिलता है, दुसरा
पहर - छः मास, तीसरा
पहर -तीन मास, चौथा
पहर - एक मास में निश्चित ही मिलाता है. सूर्यास्त की बेला में देखे गए स्वपन का
फल दस दिनों में प्राप्त होता है. यदि एक रात्रि में शुभ और अशुभ दोनों सपने देखे
गए हों तो शुभ का फल ही प्राप्त होता है.
शुभ फल वाले स्वपन देखना
जानिए
कैसा फल प्राप्त होगा ये सपने देखने पर
अपनी
death (मृत्यु)
देखना - Income बढ़ेगी.
हाथी,
गाय , मोर देखना - धन लाभ और उन्नति
श्मशान
देखना - प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी
छिपकली
देखना - अचानक धन लाभ
तारे
दिखना - मनोरथ सिद्ध होना
देवी-देवता
के दर्शन- ख़ुशी प्राप्ति
नाख़ून
काटना - रोग मुक्ति
मिठाई
खाना - मान प्रतिष्ठा बढ़ेगी
लहराता
हुआ झंडा - विजय प्राप्ति
खाने
की थाली - शुभ सुचना प्राप्ति
कौआ
उड़ना - मुसीबत से छुटकारा
खुला
जंगल देखना - ख़ुशी के समाचार
तलवारे
देखना - शत्रु पर विजय
धन
/ रत्न देखना - संतान सुख
मधुमक्खी
देखना - लाभ होगा
अपमान
देखना - चिंता से मुक्ति
आम
का पेड़ देखना - संतान प्राप्ति
साफ़
आकाश - धन वृद्धि
Business में उन्नति, नौकरी और भाग्योदय वाले शुभ स्वपन फल
अन्न
दिखना
कीड़े
मकौड़े का शरीर पर रेंगना
कडवी
वस्तु खाना
घंटा
की आवाज़ सुनना
श्रृंगार
करते देखना
नारियल
का प्रसाद मिलना
सिगरेट
पीते हुए देखना
घी
देखना
पहाड़
पर चढना
मकान
देखना
नमकीन
खाना
शादी
विवाह या स्त्री प्राप्ति
पान
खाते हुए देखना
बर्फ
देखना
मछली,
खरगोश, तितली, शिशु देखना
गुलाबी
वस्तुएं और गोल वस्तु देखना
स्वप्न
फलों के संबंध में निम्न बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है। रात्रि में तीन बजे
से सूर्योदय के पूर्व के स्वप्न सात दिन में, मध्य रात्रि के स्वप्न 1 माह में, मध्य रात्रि से पहले के स्वप्न 1 वर्ष में अपना फल प्रदान करते हैं।
दिन के स्वप्न महत्वहीन होते हैं। एक रात में एक से अधिक स्वप्न आएं तो अंतिम ही
फलदायक होगा
शुभ
स्वप्न
जो
व्यक्ति स्वप्नावस्था में घोड़ा, हाथी, सफेद बैल, जूते, रथ में स्वयं को सवार देखता है-उसे
ग्राम, नगर,
राज्य अथवा देश
से अवश्य ही सम्मान की प्राप्ति होती है।
जो
व्यक्ति स्वप्न में देवी लक्ष्मी की मूर्ति देखने से धन की प्राप्ति होती है।
जो
व्यक्ति गोरैया, नीलकंठ,
कबूतर, सारस, तोता व तीतर दिखाई देने से गृहस्थ जीवन
खुशहाल होता है।
जो
व्यक्ति स्वप्न में स्वयं को किसी महल के ऊँचे बुर्ज पर खड़े देखना भावी जीवन में
उन्नति का संकेत है।
जो
व्यक्ति किसी बड़े जलाशय, सरोवर, नदी अथवा सागर में स्वयं को तैरता देखने वाला
मनुष्य सभी प्रकार के संकटों से मुक्त हो जाता है।
जो
व्यक्ति स्वप्न में उल्लू देखने से भगवती लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति होती है।
जो
व्यक्ति स्वप्नावस्था में तिल, चावल गेहूं, सरसों, जौ, अन्न का ढेर, पुष्प, छाता, ध्वज, दही, पान, कमल, कलश, शंख और सोने के गहने देखता है उसे सभी
प्रकार का सुख मिलता है।
जो
व्यक्ति यदि कोई रोगी स्वप्न में दवाई की बोतल टूटी हुई देखता है तो वह शीघ्र ही
रोग मुक्त हो जाता है।
जो
व्यक्ति स्वप्न में फल देखना बहुत शुभ होता है।
जो
व्यक्ति यदि आप स्वयं को किसी ऊंचाई पर चढ़ता देखें तो यह भविष्य में उन्नति का
संकेत है।
जो
व्यक्ति यदि आप स्वप्न में नए वस्त्र पहने दिखते हैं तो आपको कोई मांगलिक कार्य का
संदेश मिलने वाला है।
जो
व्यक्ति यदि आप किसी वृद्ध व्यक्ति अथवा साधु को देखते हैं तो आपको बड़ा लाभ अथवा
सम्मान मिलने वाला है।
अशुभ स्वप्न
·
जो व्यक्ति यदि स्वप्न में किसी बच्चे का जन्म
होता दिखाई दे तो सावधान होना चाहिए क्योंकि यह आगामी दुर्घटना का संकेत है l
·
जो व्यक्ति यदि स्वप्न में किसी रोते बच्चे को
देखें तो कोई संकट आने वाला है।
·
जो व्यक्ति स्वप्न में जिस व्यक्ति को दक्षिण
दिशा में खड़े पितर बुलाते हैं उसको अपना अंतिम समय आया हुआ जान लेना चाहिए।
·
जो व्यक्ति स्वप्न में कोई खंडहर, सुनसान जगह देखना, भटक जाना और निकलने का कोई मार्ग न
मिलना हानि कारक होता है।
·
जो व्यक्ति स्वप्न में यदि कोई किसी के पांवों
को कटा हुआ देखेगा तो उसके जीवन में अनेक प्रकार की आर्थिक और व्यवसायिक बाधाएं
आने वाली हैं।
·
जो व्यक्ति स्वप्न में किसी बारात में शामिल
होना अशुभ है।
·
जो व्यक्ति स्वप्न में किसी की हत्या होते
देखने का अर्थ है कि कोई आपके खिलाफ बगावत कर रहा है।
·
जो व्यक्ति स्वप्न में यदि कोई सोना चांदी आदि
धातुओं की चोरी करता है तो यह अशुभ है। इस का प्रभाव व्यवसाय पर पड़ सकता है।
·
जो व्यक्ति स्वप्न में यदि कोई पानी में डूबता
जा रहा है तो यह आने वाले संकटों का सूचक है।
·
जो व्यक्ति यदि कोई व्यक्ति स्वप्न में स्वयं
को डोरी से बंधा हुआ देखता है तो उसे शीघ्र ही किसी अपराध में बंदी बनाया जा सकता
है।
·
जो व्यक्ति स्वप्न में यदि ऐसा प्रतीत हो कि कोई
व्यक्ति स्वप्न देखने वाले की पत्नी का अपहरण करके ले जा रहा है तो शीघ्र ही उसके
धन की हानि होती है। अनिष्ट फल नाशक उपाय
यदि
मन यह स्वीकार करे कि देखे गए स्वप्न का परिणाम अनिष्टकारी हो सकता है तो उसके
निवारण का उपाय अवश्य किया जाना चाहिए। चित्रकूट वास के समय श्री राम ने भी एक
स्वप्न देखा था जिसके अनिष्ट फल के निवारण हेतु उन्होंने भगवान शंकर की पूजा की
थी। उचित उपाय करने से बुरे स्वप्न से होने वाला दुष्प्रभाव अत्यन्त क्षीण अथवा
समाप्त हो जाता है। यदि स्वप्न अधिक भयानक और रात्रि
यदि
स्वप्न अधिक भयानक और रात्रि १२ से २ बजे देखा जए तो तुरंत श्री शिव का नाम स्मरण
करें। ÷ऊँ
नमः शिवाय' का
जप करते हुए सो जाएं। तत्पश्चात् ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नानादि करके शिवमंदिर
में जाकर जल चढ़ाएं पूजा करें व पुजारी को कुछ दान करें। इससे संकट नष्ट हो जाता
है।
यदि
स्वप्न ४ बजे के बाद देखा गया है और स्वप्न बुरा है, तो प्रातः उठकर बिना किसी से कुछ बोले
तुलसी के पौधे से पूरा स्वप्न कह डालें। कोई दुष्परिणाम नहीं होगा। स्नान के बाद ÷ऊँ नमः शिवाय' का १०८ बार जप करें।
हनुमान
जी सब प्रकार का अनिष्ट दूर करने वाले हैं। बुरे स्वप्न का अनिष्ट दूर करने के लिए
सुंदरकांड, बजरंग
बाण, संकटमोचन
स्तोत्र अथवा हनुमान चालीसा का पाठ भी सांयकाल के समय किया जा सकता है। यदि स्वप्न
बहुत बुरा है और आपके घर में तुलसी का पौधा नहीं है, तो सुबह उठकर सफेद कागज पर स्वप्न को
लिखें फिर उसे जला दें। राख नाली में पानी डाल कर बहा दें। फिर स्नान करके एक माला
शिव के मंत्र ऊँ नमः शिवाय' का जप करें। दुष्प्रभाव नष्ट हो जाएगा।
रोगी स्वप्न फल
1.
यदि रोगी सिर मुंडाएं ,लाल या काले वस्त्र धारण किए किसी को सपने में देखता है या अंग भंग व्यक्ति को
देखता है तो रोगी की दशा अच्छी नही है ।
2. यदि रोगी सपने मे किसी ऊँचे स्थान से
गिरे या पानी में डूबे या गिर जाए तो समझे कि रोगी का रोग अभी और बड़ सकता है।
3. यदि सपने में ऊठ,शेर या किसी जंगली जानवर की सवारी करे
या उस से भयभीत हो तो समझे कि रोगी अभी किसी और रोग से भी ग्र्स्त हो सकता है।
4. यदि रोगी सपने मे किसी ब्राह्मण,देवता राजा गाय,याचक या मित्र को देखे तो समझे कि रोगी
जल्दी ही ठीक हो जाएगा ।
5.यदि कोई सपने मे उड़ता है तो इस का
अभिप्राय यह लगाया जाता है कि रोगी या सपना देखने वाला चिन्ताओं से मुक्त हो गया
है ।
6.यदि सपने मे कोई मास या अपनी प्राकृति
के विरूध भोजन करता है तो ऐसा निरोगी व्यक्ति भी रोगी हो सकता है ।
7-यदि सपने में साँप देखता है तो ऐसा
व्यक्ति आने वाले समय मे परेशानी में पड़ सकता है ।या फिर मनौती आदि के पूरा ना
करने पर ऐसे सपनें आ सकते हैं।
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