ज्योतिष समाधान

Sunday, 29 October 2023

लक्ष्मी पूजन सामग्री

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महा लक्ष्मीपूजन सामग्री लिस्ट 

सामग्री आव्यशकतानुसार   कम ज्यादा ला सकते है 
  
पाना लक्ष्मी व श्री गणेश की मूर्तियां (बैठी हुई मूर्ति

१】धूप बत्ती (अगरबत्ती) 
२】चंदन
३】 कपूर 
४】केसर 
५】यज्ञोपवीत 5 
६】कुंकु 
७】चावल 
८】अबीर 
९】गुलाल, 
१०】अभ्रक 
११】हल्दी 
१२】सौभाग्य द्रव्य-
१३】मेहँदी 
१४】चूड़ी, 
१५】काजल, 
१६】बिछुड़ी आदि आभूषण 
१७】आंटी (कलावा)
१८】रुई 
१९】रोली,
२०】 सिंदूर 
२१】सुपारी, 
२२】पान के पत्ते 
२३】पुष्पमाला, 
२४】कमलगट्टे 
२५】धनिया खड़ा 
२६】 कुशा व दूर्वा
२७ पंच मेवा 
२८】गंगाजल
२९】शहद (मधु) 
३०】शकर
३१】 घृत (शुद्ध घी) 
३२】दही 
३३】दूध 
३४】ऋतुफल(गन्ना, सीताफल, सिंघाड़े इत्यादि) 
३५】नैवेद्य या मिष्ठान्न (पेड़ा, मालपुए इत्यादि) ३६】इलायची (छोटी)
३७】लौंग 
३८】मौली
३९】इत्र की शीशी 
४०】तुलसी दल 
४१】सिंहासन (चौकी, आसन) 
४२】पंच पल्लव(बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते)  सम्भब हो तो

४३】 लक्ष्मीजी का पाना (अथवा मूर्ति) 
४४】गणेशजी की मूर्ति सरस्वती का चित्र 
४५】चाँदी का सिक्का  श्रद्धानुसार 
४६】लक्ष्मीजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र  श्र्द्धा अनुसार 
४७】गणेशजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र श्रद्धाअनुसार 
४८】अम्बिका को अर्पित करने हेतु वस्त्र श्रद्धानुसार 
४९】जल कलश (ताँबे या मिट्टी का) 
५०】सफेद कपड़ा (आधा मीटर)
५१】लाल कपड़ा (आधा मीटर) 
५२】दीपक बड़े दीपक के लिए तेल
५३】 ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा) 
५४】श्रीफल (नारियल)
५५】धान्य (चावल, गेहूँ)

५६】लेखनी (कलम) 
५७】बही-खाता, 
५८】स्याही की दवात
५९】तुला (तराजू)  अगर संभव हो तो 
६०】 पुष्प (गुलाब एवं लाल कमल) 
६१】एक नई थैली में हल्दी की गाँठ, खड़ा धनिया व दूर्वा आदि खील-बताशे अर्घ्य पात्र सहित अन्य सभी पात्र

संपर्क
पंडित =भुबनेश्वर 
कस्तूरवानगर पर्णकुटी गुना 
मोबाइल =०९८९३९४६८१०

Sunday, 22 October 2023

दुर्गा सप्तशती सम्पूर्ण हवन सामाग्री







जौ 
चावल 
इलायची 
शकर 
मिश्री 
उड़द 
राल 
समुद्र फेन 
कमल गट्टा 
हल्दी 
सरसों 
जायफल 
विजया 
रक्त गूंजा 
कपूर 
शंख  पुष्प 
गूगल 
शहद 
लोंग 
सुपारी 
लाजा 
शहदेवी 
भेशा गूगल 
नीमगिलोय 
जटा मांसी 
विष्णुकान्ता 
रक्त  चंदन 
हर ताल 
मेनसील 
गुड़ 
बच 
अम चूर 
राजान
मधु आसब
गोखरू 
 काली मिर्च 
गुलाल 
चंदन 
स्वेतचंदन 
ब्राह्मी 
 इत्र 
अष्टगंध 
पंचमेवा 
गुलकन्द 
भोजपत्र 
आवला 
धूप 
दारु हल्दी 
सताबरी 
सोठ 
अबीर 
केशर 
जाबत्रि
दालचीनी 
गूंजा 
काजल 
ख़ाजा
हिंगुल 
मसूर 
कालीहल्दी 
कस्तूरी 
कुमकुम 
वज्र दांति
चिरौंजी 
लाजवंती 
आमी हल्दी 
इन्द्र  जो 
मोर पंखी
बेला गिरी 
मेन फल  
मातू लिंग 
माल कंगनी
बहेड़ा 
मजीठ
नाग केशर 
प्रियगूं 
आशापूरी  धूप 
सर्व औषधी 
अगर 
खोपरा बूरा 
सफेद  केशर 
शिलाजीत 
सफेद  गूंजा 
मोर पंखें 
शिव लिंगी  के बीज 
कण गूगल 

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पत्ते  पीपल 
फूल
फल 
अतर झाड़ा 
शमी 
कुश  
दूर्वा 
पान 
केला 
आवला 
कटहल 
बील फल 
नारियल  खंड 
काग़ज़ी  नींबु 
काँच 
खींरनी 
सिंघाडा
दूध 
इत्र 
हलूआ 
विजोरा नींबु 
लाल  कनेर 
सीता फल 
पंच मेवा 
रक्त नीर 
काजल 
खाजा 
गन्ना 
पेठा 
नारंगी 
कुमकुम 
मोर पंख 
कबीठ 
दही 
माखन 
दाडीम के  फूल
अनार 
अनार  के  छिलके 
पेड़ा 



 







Friday, 20 October 2023

शिव पुराण कथा सामग्री


हल्दीः--------------------------50 ग्राम
२】कलावा(आंटी)-------------10गोले ग
३】गुलावजल--------    100ग्राम
४】कपूर---------------------   50 ग्राम
५】केसर-------------------------   1डिव्वि
६】चंदन पेस्ट ------------------ 50 ग्राम
७】यज्ञोपवीत -----------------   2 मुुठा
८】चावल---------------------- 15 किलो
९】अबीर-------------------------50 ग्राम
१०】गुलाल,------1000ग्राम,{पांच प्रकार की }
११】अभ्रक-------------------100 ग्राम
१२】सिंदूर --------------------100 ग्राम
१३】रोली, --------------------100ग्राम
१४】सुपारी, ( बड़ी)--------  200 ग्राम
१५】नारियल -----------------  21 नग्
१६】सरसो पीली---------------50 ग्राम
१७】पंच मेवा--------------100 ,100 ग्राम ({अलग ,अलग}
१८】शहद (मधु)--------------- 100 ग्राम
१९】शकर-----------------------0 3 किलो
२०】घृत (शुद्ध घी)------------  03 किलो
२१】इलायची (छोटी)-----------10ग्राम
२२】लौंग मौली-------------------10ग्राम
२३】इत्र की शीशी----------------1 नग्
२४】रंग लाल----------------------20ग्राम
२५】रंग काला --------------------20ग्राम
२६】रंग हरा -----------------------20ग्राम
२७】रंग पिला ---------------------20ग्राम
२८】चंदन मूठा--------------------1 नग्
२९】धुप बत्ती ----------     2 पैकेट
30】तिल का तेल -------------2 लीटर 
(31)दाख {बड़ी}-----------------50 ग्राम
32】आँवला --------------------50ग्राम
(32)मूँग बडी--------------------200ग्राम
(33)पापाड़थेली------------------01थैली
 


Gurudev Bhubaneswar:
Parnkuti ashram guna
9893946810
 ==================

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३२】सप्त धान्य-कुलबजन--------100ग्राम
१】 जौ-----------
२】गेहूँ-
३】चावल-
४】तिल-
५】काँगनी-
६】उड़द-
७】मूँग
=============================
३३】कुशा 
३४】दूर्वा
35】पुष्प कई प्रकार के 
३६】गंगाजल
३७】ऋतुफल पांच प्रकार के -----1 किलो
38】पंच पल्लव
१】बड़,
२】 गूलर,
३】पीपल,
४】आम 
५】पाकर के पत्ते)
=========================
३९】बिल्वपत्र
४०】शमीपत्र
४१】सर्वऔषधि 
४२】अर्पित करने हेतु पुरुष बस्त्र
४३】मता जी को अर्पित करने हेतु  
सौ भाग्यवस्त्र 

बर्तन
(1)जल कलश तांबे 
मिट्टी के कलश ढक्कन सहित 5 नग
खप्पर 5 


१】सफेद कपड़ा 3मीटर
२】लाल कपड़ा 2मीटर
(3)पीला कपड़ा3मीटर
४】हरा कपड़ा 1मीटर
(5) काला कपडा 1मीटर
     पीला चद्दर 1
     छींट का कपड़ा 2मीटर



पान के पत्ते ------------11 नग
भस्म 100 ग्राम
बन्दनवार
पान के पत्ते ------------11


 ब्राह्मणों के लिए उपयोगी 
सावुन नहाने के---------------
सावुन कपड़े धोने के --------
सर्फ कपडे धोने का ---------
मंजन -------------------------
तेल ----------------------------

Gurudev
Bhubneshwar
Parnkuti aashram
Guna
9893946810

Monday, 9 October 2023

एकादशी मे श्राद्ध करे या न करे

🌼 श्राद्ध पक्ष 🌼
एकादशी के दिन श्राद्ध नहीं होता।
शास्त्र की आज्ञा है कि एकादशी के दिन श्राद्ध नहीं करना चाहिये। पुष्कर खंड में भगवान शंकर ने पार्वतीजी को स्पष्ट रूप से कहा है ,जो एकादशीके दिन श्राद्ध करते हैं तो श्राद्ध को खाने वाला और श्राद्ध को खिलाने वाला और जिसके निमित्त वह श्राद्ध हो रहा है वह पितर, तीनों नर्क गामी होते हैं। उसके लिए ठीक तो यही होगा कि वह उस दिन के निमित्त द्वादशी को श्राद्ध करें। तो हमारे महापुरुषों का कहना है  कि अगर द्वादशी को श्राद्ध नहीं करें और एकादशी को करना चाहे तो पितरों का पूजन कर निर्धन ब्राह्मण को केवल फलाहार करावे। भले ही वह ब्राह्मण एकादशी करता हो या ना करता हो। लेकिन हमें उस दिन उसे फलाहार ही करवाना चाहिए।
एकादशी के दिन अन्न का निषेध वाक्य मिलता है ,इस नियम अनुसार श्राद्ध का भी मना कह दिया गया है श्राद्ध का अन्न से गहरा संवंध है व्रत के दिन वैकल्पिक व्यवस्था एकादशी नियम की जो कहीहै उसी नियम से श्राद्ध की व्यवस्था कही गई है। अतः श्राद्ध करना आवश्यक ही है यदि पिण्डदान भी करना है तो फल आदि की पिष्टी का भी वर्णन श्रीराम के  द्वारा किये गए श्राद्ध में मिलता है।

Sunday, 8 October 2023

नवरात्रि मे नौ रंगी के कपड़े पहनने के फायदे

अक्टूबर 15, 2023, रविवार
आज का नवरात्रि रँग - नारंगी

रविवार को नारँगी रँग के वस्त्र धारण कर, देवी नवदुर्गा का पूजन करने से स्फूर्ति एवं उल्लास का अनुभव होता है। यह रँग सकारात्मक ऊर्जा से सन्निहित होता है तथा व्यक्ति के चित्त को उत्साहित रखता है।


2
नवरात्रि का दिन 2
अक्टूबर 16, 2023, सोमवार
आज का नवरात्रि रँग - सफ़ेद

श्वेत रँग शुद्धता व सरलता का पर्याय है। देवी की कृपा प्राप्ति हेतु सोमवार को श्वेत रँग के परिधान धारण करें। श्वेत रँग आत्मशान्ति एवं सुरक्षा का अनुभव कराता है।


3
नवरात्रि का दिन 3
अक्टूबर 17, 2023, मंगलवार
आज का नवरात्रि रँग - लाल

मंगलवार को नवरात्रि उत्सव के लिये लाल रँग प्रयोग करें। लाल रँग उत्साह एवं प्रेम का प्रतीक है, तथा माता के चढ़ावे में लाल चुनरी अत्यधिक लोकप्रिय है। यह रँग भक्तों को शक्ति तथा जीवटता से युक्त करता है।


4
नवरात्रि का दिन 4
अक्टूबर 18, 2023, बुधवार
आज का नवरात्रि रँग - गहरा नीला

बुधवार को नवरात्रि उत्सव में गहरे नीले रँग का प्रयोग आपको अतुलनीय आनन्द की अनुभूति देगा। यह रँग समृद्धि एवं शान्ति का प्रतिनिधित्व करता है।


5
नवरात्रि का दिन 5
अक्टूबर 19, 2023, बृहस्पतिवार
आज का नवरात्रि रँग - पीला

गुरुवार को पीले रँग के वस्त्र धारण करने से नवरात्रि उत्सव में मनुष्य का चित्त आशान्वित तथा प्रसन्न रहता है। यह रँग ऊष्मा का प्रतीक है, जो व्यक्ति को दिनभर प्रफुल्लित रखता है।


6
नवरात्रि का दिन 6
अक्टूबर 20, 2023, शुक्रवार
आज का नवरात्रि रँग - हरा

हरा रँग प्रकृति का प्रतीक है तथा विकास, उर्वरता, शान्ति एवं स्थिरता की भावना उत्पन्न करता है। शुक्रवार को हरे रँग का उपयोग कर, देवी से शान्ति प्राप्ति हेतु प्रार्थना करें। हरा रँग जीवन में नवीन आरम्भ को भी प्रदर्शित करता है।


7
नवरात्रि का दिन 7
अक्टूबर 21, 2023, शनिवार
आज का नवरात्रि रँग - स्लेटी

स्लेटी रँग सन्तुलित विचारधारा का प्रतीक है तथा व्यक्ति को व्यावहारिक एवं सरल बनने हेतु प्रेरित करता है। यह रँग उन भक्तों के लिये उपयुक्त है, जो हलके रँग को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन अपनी एक विशिष्ट शैली के साथ नवरात्रि उत्सव का आनन्द लेने के इच्छुक हैं।


8
नवरात्रि का दिन 8
अक्टूबर 22, 2023, रविवार
आज का नवरात्रि रँग - बैंगनी

बैंगनी रँग भव्यता एवं राजसी ठाट-बाठ को दर्शाता है । नवदुर्गा की पूजन में बैंगनी रँग का प्रयोग करने से भक्तों को समृद्धि एवं सम्पन्नता की प्राप्ति होती है। अतः देवी माँ की कृपा प्राप्ति हेतु निःसंकोच बैंगनी रँग के परिधानों का प्रयोग करें।


9
नवरात्रि का दिन 9
अक्टूबर 23, 2023, सोमवार
आज का नवरात्रि रँग - मोर वाला हरा

मयूर हरा रँग विशिष्टता एवं व्यक्तित्व को इन्गित करता है। नीले व हरे रँग के इस विशिष्ट मिश्रण के प्रयोग से दोनों रँगो के गुणों (समृद्धि व नवीनता) का लाभ मिलता है।


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नवरात्रि रँग 2023

नवरात्रि के प्रत्येक दिवस हेतु एक विशिष्ट रँग निर्धारित किया गया है। नवरात्रि के समय अपने जीवन में उस विशेष रँग को सम्मीलित करना अत्यन्त शुभः माना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में प्रत्येक दिन के लिये, एक विशेष रँग निर्धारित होता है। नवरात्रि के अवसर पर स्त्रियों द्वारा प्रतिदिन विशेष निर्धारित रँग के अनुसार परिधान धारण करना एक लोकप्रिय प्रचलन हैं। मुख्यतः गुजरात एवं महाराष्ट्र में यह परम्परा अत्यधिक प्रचलित है। अतः नवरात्रि में प्रतिदिन स्त्रियाँ एक विशेष रँग के परिधानों एवं वस्तुओं का उपयोग करती हैं। नवरात्रि के अवसर पर स्त्रियों को कार्य करना हो अथवा डाण्डिया व गरबा करना हो, वह सदैव ही नवरात्रि दिवस के रँग के अनुसार परिधान धारण करने के लिये उत्साहित रहती हैं।

विभिन्न राज्यों में यह प्रथा इतनी अधिक प्रचलित हो चुकी है कि नवरात्रि उत्सव से पूर्व टाइम्स ऑफ इण्डिया, मिड-डे, मुम्बई मिरर तथा डी एन ए जैसे लोकप्रिय दैनिक समाचार पत्रों द्वारा नवरात्रि के नौ रँगों के विषय में अलग से लेख प्रकाशित किये जाते हैं।

नवरात्रि के प्रथम दिवस का रँग उस दिन पर आधारित होता है जिस दिन से नवरात्रि प्रारम्भ होती है, तथा शेष आठ दिनों तक एक निश्चित कर्मानुसार रँगो का निर्धारण किया जाता है।

Thursday, 5 October 2023

पटा श्राद्ध सामग्री

आंटी-1 पिंडी
कच्चा सूत -1पिंडी
गोपी चंदन
तिल -100ग्राम
जौ -100ग्राम
चावल -1कि .
राल -50ग्राम
धूपबत्ती
गोलसुपारी -100ग्राम
लौंग-5ग्राम
इलायची -10ग्राम
दाख -100ग्राम 
पत्तल-40
दोना-40
मिट्टी दीपक-11
सकोरा-2
दूध
दही
घी-250ग्राम
शहद
गंगाजल 

कुशा
मिठाई 
आचार्य वस्त्र
ब्राह्मणों के लिए वस्त्र
पुष्प माला सफेद 5