Saturday, 22 May 2021

यज्ञ शाला के लिए

यज्ञ शाला बनाने के लिये 

(1)बल्ली 10 फिट की  40 नग
(2)बल्ली 12 फिट की 08
(3)सुतली  या नट  40 छ इन्च
(4)ईंटे  3500
(5) मिट्टी पुरने के लिये 10 ट्राली 
(6)मिट्टी छाबने  के लिये 1 ट्राली
(7) भूसा  25 बोरा 
(8)कलई  लाईन खीचने के लिये 
(9)  छाया करने के लिये 2 ट्राली घास
(10)बांस   20  =24 फिट का ऐक 
(11) तोरण के लिये पीपल पाकर गूलर

1)अन्नादी वास
(2)गन्धादिवास
(3)पुष्पादी वास
(4)धान्यादी वास
(5)फलादिवास
(6)ओषध्यादिवास
(7)घ्रतादि वास
(8)धुपादिवास
(9)बस्त्रादिवास
(10)फलादिवास
(11)मिष्टानादिवास
(12)श्य्यादिवास

महा स्नान
(1)मृतीका
(2)पंच पल्लव
(3)गौ मूत्र 
(4)गौमय 
(5)गन्धोदक
(6)दर्भोदक
(7)नारिकेलोदक
(8)क्षारोदक
(9)दूध
(11)स्वादुदक
(12)दधि 
(13)सुरोदक
(14)इक्षुरश
(15)घृत
(16)भस्म
(17)गौ घृत
(18)मधु
(19)शर्करल 
(20)पंचामृत 
(21)गन्ध
(22)पंच पल्लव
(23)सर्बोषधि 
(24)श्वेत पुष्प
(25)फलोदक
(26)अष्ट फ़ल
(27)स्वर्ण
(28)गौ श्र्ंगोदक
(29)सप्त धान्य 
(30)शह्स्त्र् छिद्र कलश 
(31)दिव्य औषधी 
(33)नवरत्न
(34)तीर्थोदक
(35)कदंब पत्र 
(36)शाल्मली पत्र
(37)जम्बू  पत्र 
(38)अशोकपत्र
(39)पीपलपत्र
(40)आम पत्र
(41)बट
(42)विल्व
(43)नाग पत्र
(44)पलाश पत्र

Monday, 10 May 2021

प्रेत बाधा निवारक मन्त्र


प्रेत बाधा निवारक मंत्र- ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत पिशाच शाकिनी डाकिनी यक्षणी पूतना मारी महामारी, यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम् क्षणेन हन हन भंजय भंजय मारय मारय शिक्षय शिक्षय महामारेश्वर हुं फट् स्वाहा। इस हनुमान मंत्र का पांच बार जाप करने से कभी भूत निकट नहीं आ सकते।

आप ऊपरी बाधा हटाने के उपाय के अंतर्गत ये उपाय करना न भूलें| काली सरसों, काले बकरे का दायाँ सींग, सर्प की केंचुली, गुग्गुल, नीम के पत्ते, अपामार्ग के पत्ते और बच को लेकर अच्छे से कूट पीस लें| इस चूर्ण को जलते कंडे पर डालकर धूनी करें और पीड़ित व्यक्ति को धूनी दें| ऐसा करने से प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है|

| आप 5 ग्राम कपूर, 5 ग्राम काली मिर्च और 5 ग्राम हींग ले लें| इसको पीसकर इसका पाउडर बनायें और फिर इसकी छोटी छोटी गोलियां बना लें| इन गोलियों को 2 बराबर भागों में बाँट दें और फिर एक हिस्से को सुबह और दूसरे को शाम को घर में जलाएं|

शनिवार के दिन इस प्रयोग को करें| इस दिन काले धतूरे की जड़ लेकर आयें और पीड़ित की भुजा पर बांध दें| ऐसा करने से भूत, प्रेत और पिशाच उसका पीछा करना छोड़ देंगे| यदि पीड़ित स्त्री है तो जड़ को उसकी बायीं भुजा में बांधना चाहिए, यदि वह पुरुष है तो उसे उसकी दाहिनी भुजा में बांधना चाहिए

रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान् ।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।

तू है वीर बड़ा हनुमान |
लाल लंगोटी मुख में पान |
ऐर भगावै |
बैर भगावै |
अमुक में शक्ति जगावै |
रहे इसकी काया दुर्बल |
तो माता अंजनी की आन |
दुहाई गौरा पार्वती की |
दुहाई राम की |
दुहाई सीता की |
ले इसके पिण्ड की खबर |
ना रहे इसमें कोई कसर |

यदि कोई अकारण ही दुर्बल होता जा रहा हो और कारण समझ में नहीं आये तो इस मंत्र का 7 बार जाप करते हुए प्रत्येक मंत्र के बाद रोगी पर फूँक लगाए और यही रोगी स्वयं करता है तो रोगी खुद को फूक लगाए इसके साथ ही रोगी को हनुमान जी के मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा से उनके चरणों का सिन्दूर लाकर तिलक भी करें | रोगी किसी भी रोग से पीड़ित हो उसे स्वास्थ्य लाभ अवश्य मिलेगा ||

Gurudev 
Bhubneshwar 
Parnkuti  guna 
9893946810