ज्योतिष समाधान

Wednesday, 11 November 2020

धनतेरस पूजा, धनत्रयोदशी पूजा 02 नबम्बर 2021


धनत्रयोदशी या धनतेरस के दौरान लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिए 
जो कि सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है 
और लगभग २ घण्टे २४ मिनट तक रहता है।

धनतेरस पूजा को करने के लिए हम चौघड़िया मुहूर्त को देखने की सलाह नहीं देते हैं 
क्योंकि वे मुहूर्त यात्रा के लिए उपयुक्त होते हैं। 
धनतेरस पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल के दौरान होता है 
जब स्थिर लग्न प्रचलित होती है। 
ऐसा माना जाता है कि 
अगर स्थिर लग्न के दौरान धनतेरस पूजा की जाये तो लक्ष्मीजी घर में ठहर जाती है। 
इसीलिए धनतेरस पूजन के लिए यह समय सबसे उपयुक्त होता है। 
वृषभ लग्न को स्थिर माना गया है

मुख्य दरवाजे के बाहर गेहूँ से ढेरी बनाकर उसके ऊपर दीपक को रखना है । 
दीपक को रखने से पहले प्रज्वलित कर लें और दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए निम्मलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुए चार मुँह के दीपक को गेहूँ आदि की ढेरी के ऊपर रख दें ।

“मृत्युना पाशहस्तेन कालेन भार्यया सह।
त्रयोदश्यां दीपदानात्सूर्यज: प्रीतयामिति।।

”धन तेरस पर यमदीपदान का महत्व

 :-धर्मशास्त्रों में भी उल्लेखित है-

"कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां निशामुखे।
मदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनश्यति।।"

अर्थात-कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को यमराज के निमित्त दीपदान करने से अकाल मृत्युका भय समाप्त होता है।
 
धनतेरस पूजा के लिए हम यथार्थ समय उपलब्ध कराते हैं। 
हमारे दर्शाये गए मुहूर्त के समय में 
त्रयोदशी तिथि, प्रदोष काल और स्थिर लग्न सम्मिलित होते हैं।

Gurudev 
Bhubneshwar 
Parnkuti  guna( m.p)
9893946810 

Tuesday, 3 November 2020

लक्ष्मी पूजन मुहूर्त 04नबम्बर 2021सम्पर्क सूत्र 9893946810

लक्ष्मी पूजा को 
प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिये, 
जो कि सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है 
और लगभग 2 घण्टे 24 मिनट तक रहता है।
कुछ स्त्रोत लक्ष्मी पूजा के लिए महानिशिता काल का सुझाव भी देते हैं। 
हमारे विचार में महानिशिता काल तांत्रिक समुदायों और पण्डितों, जो इस विशेष समय के दौरान लक्ष्मी पूजा के बारे में अधिक जानते हैं, 
के लिए अधिक उपयुक्त होता है। 
सामान्य लोगों के लिए प्रदोष काल मुहूर्त ही उपयुक्त है।
लक्ष्मी पूजा को करने के लिए हम चौघड़िया मुहूर्त को देखने की सलाह नहीं देते हैं,
क्यूँकि वे मुहूर्त यात्रा के लिए उपयुक्त होते हैं। लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल के दौरान ही होता है,
जब स्थिर लग्न प्रचलित होती है। 
ऐसा माना जाता है, कि अगर स्थिर लग्न के दौरान लक्ष्मी पूजा की जाये 
तो लक्ष्मीजी घर में ठहर जाती है। 
इसीलिए लक्ष्मी पूजा के लिए यह समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। 
वृषभ लग्न को स्थिर माना जाता है
और दीवाली के त्यौहार के दौरान यह अधिकतर प्रदोष काल के साथ अधिव्याप्त होते है 
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लक्ष्मी पूजा के लिये स्थिर लग्न 

 प्रात:
वृश्चिक लग्न :07:29 से 09 :46 तक 
मंदिर, हॉस्पिटल, होटल्स, स्कूल, कॉलेज में पूजा होती है. राजनैतिक, टीवी फ़िल्मी कलाकार वृश्चिक लग्न में ही लक्ष्मी पूजा करते है.

व्यापारियों के लिए शुभ मुहूर्त

व्यापारिक प्रतिष्ठानों में व्यापार में प्रयोग किए जाने वाले कल, पुर्जे, गद्दी, लक्ष्मी कुबेरादि सरस्वती पूजन हेतु शुभ मुहूर्त 
प्रालेपन गादी स्थापना-स्याही भरना-कलम दवात सबारने के लिये  ब्र्श्चीक लग्न मे कर सकते है 
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कुम्भ लग्न :दोपहार 01:36 से 3:07 तक 

यह दिवाली के दिन दोपहर का समय होता है. जिन पर शनि की दशा ख़राब चल रही होती है, जिनको व्यापार में बड़ी हानि होती है. उनको इस लग्न मे पूजा करना चाहीए
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वृषभ लग्न  :शाम:06:15 से रात्रि 08:13 तक

दीपावली के दिन शाम का समय होता है. यह लक्ष्मी पूजा का सबसे अच्छा समय होता है.
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सिंह लग्न – मध्य रात्रि 12:44 से 2:44 तक 

दिवाली की मध्य रात्रि का समय होता है. 
संत, तांत्रिक लोग इस दौरान लक्ष्मी पूजा करते है.
महानिशिता काल में तांत्रिक और पंडित लोग पूजा करते है, 
ये वे लोग होते है, जिन्हें लक्ष्मी पूजा के बारे में अच्छे से जानकारी होती है.

 लक्ष्मी पूजा के लिए हम यथार्थ समय उपलब्ध कराते हैं।
 हमारे दर्शाये गए मुहूर्त के समय में
 अमावस्या, प्रदोष काल और स्थिर लग्न सम्मिलित होते हैं। 
हम स्थान के अनुसार मुहूर्त उपलब्ध कराते हैं, इसीलिए आपको लक्ष्मी पूजा का शुभ समय देखने से पहले अपने शहर का चयन कर लेना चाहिये।
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04 नबम्बर 2021

व्यापारियों के चोघड़िया मूहूर्त

दिन का चोघड़िया मुहूर्त 

शुभ=प्रात:        06:14 - 08:53=शुभ
चर =दोपहर       10:59 से- 12:21 =शुभ
अभिजित =दोपहर 11:59 से 12:43 
लाभ=दोपहार   12:21=से - 01:30 =शुभ
शुभ=शाम =4:28 से 05:50 =शुभ
गौ धूली बेला ऐबं प्रदोष बेला =05:50 से 08:27 तक 
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अमावस्या तिथि प्रारम्भ - 
04 नवम्बर  2021 को
प्रात:  06:03 बजे

अमावस्या तिथि समाप्त -
 05 नवम्बर  2021 को 
रात्रि02:44  बजे

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यह मुहूर्त निर्णय सागर पंचांग द्वारा  तैयार किया गया है 
हमारे यहा दीपावली पूजन ऐबं लक्ष्मी जी के अर्चन के लिये  सम्पर्क करे 

सम्पर्क सूत्र 
Gurudev
 bhubneshwar 
Parnkuti guna 
9893946810/ 9893983084 

Monday, 2 November 2020

दीपावली पूजन मुहूर्त 14 नबम्बर 2020

लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिये,
जो कि सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है
और लगभग 2 घण्टे 24 मिनट तक रहता है।
कुछ स्त्रोत लक्ष्मी पूजा के लिए महानिशिता काल का सुझाव भी देते हैं।
हमारे विचार में महानिशिता काल तांत्रिक समुदायों और पण्डितों, जो इस विशेष समय के दौरान लक्ष्मी पूजा के बारे में अधिक जानते हैं,
के लिए अधिक उपयुक्त होता है।
सामान्य लोगों के लिए प्रदोष काल मुहूर्त ही उपयुक्त है।

लक्ष्मी पूजा को करने के लिए हम चौघड़िया मुहूर्त को देखने की सलाह नहीं देते हैं,
क्यूँकि वे मुहूर्त यात्रा के लिए उपयुक्त होते हैं। लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल के दौरान ही होता है,
जब स्थिर लग्न प्रचलित होती है।
ऐसा माना जाता है, कि अगर स्थिर लग्न के दौरान लक्ष्मी पूजा की जाये
तो लक्ष्मीजी घर में ठहर जाती है।
इसीलिए लक्ष्मी पूजा के लिए यह समय सबसे उपयुक्त माना जाता है।
वृषभ लग्न को स्थिर माना जाता है
और दीवाली के त्यौहार के दौरान यह अधिकतर प्रदोष काल के साथ अधिव्याप्त होते है 
यह दिवाली के दिन की सुबह का समय होता है. 

वृश्चिक लग्न में 
मंदिर, हॉस्पिटल, होटल्स, स्कूल, कॉलेज में पूजा होती है. राजनैतिक, टीवी फ़िल्मी कलाकार वृश्चिक लग्न में ही लक्ष्मी पूजा करते है.

कुम्भ लग्न – यह दिवाली के दिन दोपहर का समय होता है. जिन पर शनि की दशा ख़राब चल रही होती है, जिनको व्यापार में बड़ी हानि होती है. उनको इस लग्न मे पूजा करना चाहीए

वृषभ लग्न – यह दिवाली के दिन शाम का समय होता है. यह लक्ष्मी पूजा का सबसे अच्छा समय होता है.

सिम्हा लग्न – यह दिवाली की मध्य रात्रि का समय होता है. संत, तांत्रिक लोग इस दौरान लक्ष्मी पूजा करते है.

महानिशिता काल में तांत्रिक और पंडित लोग पूजा करते है, ये वे लोग होते है, जिन्हें लक्ष्मी पूजा के बारे में अच्छे से जानकारी होती है.

 लक्ष्मी पूजा के लिए हम यथार्थ समय उपलब्ध कराते हैं।
 हमारे दर्शाये गए मुहूर्त के समय में अमावस्या, प्रदोष काल और स्थिर लग्न सम्मिलित होते हैं। 
हम स्थान के अनुसार मुहूर्त उपलब्ध कराते हैं, इसीलिए आपको लक्ष्मी पूजा का शुभ समय देखने से पहले अपने शहर का चयन कर लेना चाहिये।

धनतेरस पूजा 
शुक्रवार, नवम्बर 13, 2020 पर

धनतेरस पूजा मुहूर्त - 
शाम 05:34  से शाम 05:59 


यम दीपम 
शुक्रवार, नवम्बर 13, 2020 को

प्रदोष काल -
शाम  05:34 से रात्रि 08:11 

लग्न अनुसार वृषभ काल
शाम 05:39  से शाम 07:36 

त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ - 
नवम्बर 12, 2020 को शाम 09:30 बजे

त्रयोदशी तिथि समाप्त -
 नवम्बर 13, 2020 को शाम 05:59  बजे
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दीपावली ऐबं श्री महालक्ष्मी पूजन मुहूर्त 

14 नबम्बर 2020

व्यापारियों के लिए शुभ मुहूर्त

व्यापारिक प्रतिष्ठानों में व्यापार में प्रयोग किए जाने वाले कल, पुर्जे, गद्दी, लक्ष्मी कुबेरादि सरस्वती पूजन हेतु शुभ मुहूर्त 
प्रालेपन गादी स्थापना-स्याही भरना-कलम दवात सबारने हेतु

चोघडिया, दिन का
काल=06:41 - 08:04 =अशुभ
शुभ=08:04 - 09:26। =शुभ
रोग=09:26 - 10:49 =अशुभ
उद्वेग=10:49 - 12:11 =अशुभ
चर=12:11 - 13:34। = शुभ
लाभ=01:34 - 02:56 =शुभ
अमृत=02:56 - 04:19 =शुभ
काल=04:19 - 05:41=अशुभ



प्रदोष काल मुहूर्त

लक्ष्मी पूजा 
शनिवार, नवम्बर 14, 2020 पर

गोधुली बेला
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - 
शाम :05:35  से शाम 07:32 

प्रदोष काल -
शाम 05:34  से शाम 08:11 

वृषभ काल - 
शाम 05:35 से शाम  07:32 

अमावस्या तिथि प्रारम्भ - 
नवम्बर 14, 2020 को
दोपहर  02:17 बजे

अमावस्या तिथि समाप्त -
 नवम्बर 15, 2020 को 
प्रात:10:36  बजे



चौघड़िया पूजा मुहूर्त रात्रि

चोघडिया, रात
लाभ=05:41 - 07:19 =शुभ
उद्वेग=07:19 - 08:56 =अशुभ
शुभ=08:56 - 10:34।    =शुभ
अमृत=10:34 - 12:12।  =शुभ
चर=12:12- 01:49।       =शुभ
रोग=01:49 - 02 :27। =अशुभ
काल=04:27* - 05:04*=अशुभ
लाभ=05:04* - 06:42* =शुभ

(रात्रि )निशिता काल मुहूर्त

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - 14/15 को
रात्रि: 12:03 से रात्रि 12:32
नवम्बर 15

निशिता काल -
रात्रि: 11:39 से रात्रि 12:32
नवम्बर 15
सिंह लग्न -
रात्रि 12:03 से रात्रि 02:17
नवम्बर 15

सम्पर्क सूत्र 
Gurudev
 bhubneshwar 
Parnkuti guna 
9893946810